अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net
गाज़ियाबाद : प्रथम चरण का चुनाव प्रचार आज शाम 5 बजे थम गया है. इसी के साथ अब वोटरों में सक्रियता बढ़ने लगी है. गली-मुहल्लों व चाय की दुकानों पर इस बात पर चर्चा होने लगी है कि आख़िर यहां से लड़ाई में है कौन. किसको वोट दिया जाए और किसको वोट न दिया जाए.
हमने गाज़ियाबाद विधानसभा सीट का दौरा किया और लोगों का मन टटोलने की कोशिश की कि आख़िर यहां के लोगों का वोट इस बार किसकी ओर जा रहा है? यहां के लोग किन मुद्दों पर वोट करेंगे? कुछ लोगों ने खुलकर चर्चा की तो कुछ ने कहा कि अभी हमने तय नहीं किया है कि किसे वोट देना है.
गाज़ियाबाद के फाटक गेट के करीब रहने वाले 55 साल के सुरेन्द्र सेन साफ़तौर पर कहते हैं, ‘हम वोट भाजपा प्रत्याशी को देंगे.’ पूछने पर कि क्या नोटबंदी से आपको कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा? तो उनका जवाब था, ‘नोटबंदी से हमारी ज़िन्दगी पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा. ये देश के लिए ज़रूरी था.’
प्रेम नगर में चाय की दुकान चलाने वाले 45 साल के राजपाल का कहना है कि मतदान वाले दिन तय करेंगे कि वोट किसे देना है. वे अभी बताने की स्थिति में नहीं हैं कि किसे वोट देना है.
इसी इलाक़े में रहने वाले राकेश कुमार का कहना है, ‘हमारे खाते में तो 15 लाख रूपये तो नहीं, 15 हज़ार ही आए हैं.’ इतना बोलते ही वो हंसने लगते हैं फिर आगे कहते हैं, ‘मोदी जी ही यूपी के सीएम बनेंगे.’ लेकिन वो तो देश के प्रधानमंत्री हैं? इस पर राकेश का जवाब था, ‘तो क्या हुआ, मोदी जी यूपी के लिए इतना नहीं कर सकते.’ इसके बाद वो कहते हैं, ‘जो अच्छा काम कर रहा है, वोट उसे ही देना चाहिए.’
राकेश की बातों के बीच में ही 38 साल के लाल बाबू कहते हैं, ‘अकाउंट में 15 लाख मरने के बाद ही आएगा.’ इतना बोलकर वो भी हंस देते हैं. ये पूछने पर कि वोट किसे देंगे? इस सवाल पर उनका कहना है, ‘वो हम आख़िरी दिन देखेंगे कि कौन हमारे वोट के लायक़ है.’
20 साल के छात्र कपिल कांत का कहना है, ‘हमने 2014 में वोट मोदी जी को दिया था. लेकिन इस बार नहीं देंगे.’ क्यों? इस पर उनका कहना है, ‘क्योंकि इस बार मेरे चाचा धीरेन्द्र यादव उर्फ़ बिल्लू निर्दलीय खड़े हैं.’ हालांकि कपिल की ख़्वाहिश है कि प्रदेश की सरकार में भाजपा को ही आना चाहिए.
बताते चलें कि गाज़ियाबाद विधानसभा सीट से इस बार 13 उम्मीदवार मैदान में हैं. भाजपा ने अतुल गर्ग, कांग्रेस ने केके शर्मा, बसपा ने सुरेश बंसल, रालोद ने सुलतान सिंह, भारतीय जनवादी पार्टी ने अक़ीला बेगम, सर्व सम्भाव पार्टी ने किरण, स्वतंत्र जनता राज पार्टी ने विकरम तो बहुजन मुक्ति पार्टी ने मतलूब अहमद को मैदान में उतारा है. इसके अलावा शमशेर राणा, विकास मल्होत्रा, धीरेन्द्र और अखिलेश कुमार बतौर निर्दलीय प्रत्याशी अपनी क़िस्मत आज़मा रहे हैं.
गाज़ियाबाद ज़िले में पांच विधानसभा क्षेत्र गाज़ियाबाद, लोनी, मोदी नगर, मुराद नगर और साहिबाबाद आते हैं. 2012 में यहां की पांच सीटों में से बसपा के पास चार सीटें तो रालोद के पास एक सीट आई थी. 2012 में गाज़ियाबाद विधानसभा सीट से बसपा प्रत्याशी सुरेश बंसल की जीत हुई थी. उन्हें कुल 64,485 वोट मिले थे. वहीं भाजपा के अतुल गर्ग को 52,364 वोट हासिल हुए थे.
गाज़ियाबाद के लोगों की मानें तो इस बार भी लड़ाई इन्हीं दोनों प्रत्याशियों के बीच है, हालांकि लोगों का यह भी मानना है कि कांग्रेस प्रत्याशी केके शर्मा भी कमज़ोर नहीं हैं. वो भी इन्हें बराबर की टक्कर दे रहे हैं. अब कांटे की इस टक्कर में किसका पलड़ा भारी होगा, इसका पता तो 11 मार्च को ही चलेगा. यहां मतदान 11 फरवरी को है.