वोटर बोले : “अमां मोदी के बारे में बोलो तो सब मारे लगत हैन, के वोट करे”

सिद्धांत मोहन, TwoCircles.net


Support TwoCircles

प्रतापगढ़ : प्रतापगढ़ स्टेशन के बाहर चाय की दुकान. रवि केसरवानी और अबरार मिलते हैं. उम्र 27 के आसपास. मुद्दा चुनाव.

अबरार, ‘ओट-वोट तो बाद की बात है, मुद्दा है कि केका वोट दें कि बोले पे आदमी मारे ना लगे.’ इस पर रवि केसरवानी बोलते हैं, ‘का हुआ बे?’

अबरार कहते हैं, ‘अबे नोटबंदी हुआ. दिक्क़त हुआ. हिन्दू-मुसलमान, छोट जात-बड़ जात सबको दिक्कत हुआ. केहू को कम हुआ, केहू को ढेर हुआ. हुआ सबको, लेकिन कोउ बोलत नाय है.’

हम पूछते हैं, ‘न बोलने या बोलने से क्या होता है?’

अबरार कहते हैं, ‘होता कछु नहीं है. लेकिन पता चलत है कि समय में सरवा बहुत खोट है. बोल दो कि दिक्कत है, त लगत है कि पाकिस्तान मा जनम लिए हैं.’

रवि केसरवानी के उकसाने पर अबरार आगे कहते हैं, ‘अबे वो राकेश जी हैं न, उनकी बेटी की शादी पड़ी थी. नोटबंदी हो गया,’ फिर हमसे मुखातब होकर कहते हैं, ‘भईया, वो तीन दिन लाइन में लगे और उनको दो हजार रुपया मिला. जिस दिन मिला उस दिन यहीं बगल में बैठकर गुस्साए हुए थे. बोल रहे थे कि मोदी ये कर दिवा है, ऊ कर दिवा है. चार-पांच लोग बगल में बईठे थे, पकड़ के मारे लगा ओनका.’

हमें पूछा कि सीधे मारने लगे, तो अबरार बताते हैं, ‘अरे नहीं, बात करते-करते बात बढ़ गया और ओमा एक मिला हाथ छोड़ दिया. उसी में सब पिल पड़ा. समय सही नहीं है साहब, 57 साल के आदमी को ऐसे कवन मारता है?’

हम घूमकर वापिस आते हैं कि वोट किसको करना है, किस मुद्दे पर करना है, तो कहते हैं, ‘अमां मोदी के बारे में बोलो तो लग रहा है कि पाकिस्तान में जनम ले लिए का. हम मियां हैं, ए खातिन अऊर भी नहीं बोलते हैं. कब साला आतंकवादी बना दें. इसका बारे में बोलो तो सब मारे लगत हैंन. के वोट करे?’

रवि केसरवानी कहते हैं, ‘के वोट करे जाके. केका करें. आप बताओ. बसपा के अशोक त्रिपाठी को करने से ठीक रहेगा?’

SUPPORT TWOCIRCLES HELP SUPPORT INDEPENDENT AND NON-PROFIT MEDIA. DONATE HERE