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वाराणसी: बीते दिनों बनारस के दालमंडी स्थित निवास से उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की शहनाईयों के चोरी होने की गुत्थी सुलझा ली गयी है और ग़ायब शहनाईयों को बरामद भी कर लिया गया है. इस मामले का चौंकाने वाला और परिवार को सकते में डालने वाला तथ्य यह है कि इन शहनाईयों को उस्ताद के पोते नज़रे हसन ने चुराया था.
दरअसल नज़रे हसन ने पुलिस की पूछताछ में जो सच क़बूला है, उसमें उसने बताया है कि अपने कुछ उधार चुकाने के लिए नज़रे हसन ने इन शहनाईयों को पियरी स्थित सर्राफ़ा व्यवसायियों को मात्र सत्रह हज़ार रुपयों में बेच दिया.
एसटीएफ के एसपी अमित पाठक ने बताया, ‘नज़रे हसन उर्फ़ शादाब ने उन शहनाईयों को पियरी स्थित शंकर लाल सेठ और उनके बेटे सुजीत सेठ को बेच दिया था.’
बरामद शहनाईयों के साथ दुर्भाग्यपूर्ण स्थित यह है कि इनमें से तीन चाँदी की शहनाईयों से चाँदी की परत उतारकर इन सर्राफ़ा व्यवसायियों ने गला दिया था.
अमित पाठक ने जानकारी दी, ‘गलायी गयी चाँदी का भार लगभग एक किलो से ऊपर का है. उसे भी हमने बरामद कर लिया है. ज्ञात हो कि इन चाँदी की शहनाईयों को क्रमशः पीवी नरसिम्हा राव, लालू प्रसाद यादव और कपिल सिब्बल ने उस्ताद को सम्मानस्वरूप दिया था.
चौथी लकड़ी की बनी शहनाई उस्ताद की ख़ुद की शहनाई थी और अक्सर कार्यक्रमों के दौरान वे इसे ही लेकर जाया करते थे.
यह शहनाईयाँ तब चोरी गयी थीं जब उस्ताद का परिवार 29 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक शहर के बाहर था और उस्ताद के बेटे काज़िम हुसैन ने लौटकर इस मामले के चौक थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी थी. फ़िलहाल नज़रे हसन और सर्राफ़ा व्यवसायियों को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है.
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