TwoCircles.net News Desk
मऊ : भीड़तंत्र और सांप्रदायिकता के खिलाफ़ मऊ नागरिक मंच और टीम डेमोक्रेसी की ओर से एक विरोध-प्रदर्शन का आयोजन किया गया. यह विरोध-प्रदर्शन हर तरह की भीड़ के ख़िलाफ़ था जो खुद को क़ानून-व्यवस्था से ऊपर समझती है.
इस विरोध प्रदर्शन में इस बात को केन्द्र में रखा गया कि भीड़तंत्र लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है. जिसका शिकार व्यक्ति और स्वतंत्र विचार दोनों होते हैं.
यह विरोध प्रदर्शन सरकार के साथ समाज को भी जगाने के लिए था ताकि समाज भीड़ के ख़िलाफ़ भीड़ न बनकर एक आवाज़ बन के उभरे.
इस अवसर पर मऊ नागरिक मंच ने राष्ट्रपति के नाम यहां के सिटी मजिस्ट्रेट को एक मेमोरंडम दिया जिसके प्रमुख बिंदुओं पर बात रखी गई थी:-
1. देश में संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए ठोस और कारगर क़दम उठाया जाए तथा जो व्यक्ति और संगठन भीड़ को उकसा कर वातावरण में नफ़रत का ज़हर घोल रहे हैं उन्हें चिन्हित करके उनके ख़िलाफ़ ठोस कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
2. गौ-रक्षा के नाम पर तथाकथित गौरक्षक दल की गैर-क़ानूनी गतिविधियों पर रोक लगाई जाए.
3. भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मारे गए लोगों के परिजनों को जीवन-यापन के लिये भरपूर मुआवज़ा दिया जाए तथा इन हत्याओं के आरोपी व्यक्तियों पर समयबद्ध मुक़दमा चलाकर उन्हें कठोर सज़ा दिलाई जाए.
4. सामान्य प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा सभी नागरिकों की जान व माल की बिना किसी भेदभाव सुरक्षा सुनिश्चित की जाए तथा अपने कर्तव्यों का पालन न करने वाले तथा भेदभाव करने वाले अधिकारियों एवं कर्मियों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाए.
5. मऊ जनपद के नसीरपुर गांव में मस्जिद में घटित हत्या की घटना की सीबीआई जांच कराई जाए.
6. दलितों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं, छात्रों एवं युवाओं तथा अन्य कमज़ोर लोगों पर हो रहे अत्याचारों पर रोक लगाई जाए.