लखनऊ : उत्तर प्रदेश के वक़्फ़ व हज मामलों के राज्यमंत्री मोहसिन रज़ा पर क़ब्रिस्तान बेचने का आरोप पिछले कुछ दिनों से चर्चे में था. आज इस आरोप पर उत्तर प्रदेश शिया वक़्फ़ बोर्ड ने भी अपनी मुहर लगा दी है.
आज उत्तर प्रदेश शिया सेन्ट्रल वक़्फ़ बोर्ड ने अपने एक महत्वपूर्ण बैठक में स्पष्ट तौर पर कहा है कि, वक़्फ़ आलिया बेगम, सफीपुर, उन्नाव के पूर्व मुतवल्ली मोहसिन रज़ा द्वारा वक़्फ़ सम्पत्ति व पारिवारिक कब्रिस्तान को अवैध रूप से बिकवाये जाने की जांच में दोषी पाए गए हैं. इसलिए बोर्ड ने मोहसिन रज़ा को वक़्फ़ आलिया बेगम, सफीपुर, उन्नाव के मुतवल्ली पद से बर्खास्त कर उक्त वक्फ़ को बोर्ड के सीधे नियन्त्रण में लेते हुए बोर्ड के निरीक्षक वज़ीर हसन को वक्फ़ का प्रशासक नियुक्त कर दिया है. बताते चलें कि इस ज़मीन की क़ीमत करोड़ों में है. बताया जाता है कि सफीपुर के मुख्य बाज़ार में वक्फ़ की लगभग 505 गज ज़मीन तीन बार में बेची गई, यहां अब बड़ी मार्केट बन चुकी है.
बोर्ड ने अपने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि, प्रदेश में अवैध रूप से बिना बोर्ड की अनुमति पूर्व में बेची, खरीदी गई वक्फ़ सम्पत्तियों की शिकायतों पर चल रही सुनवाई में से वक्फ़ मोती मस्जिद, हुसैनाबाद, लखनऊ के कुछ प्रकरणों का निस्तारण कर दिया है और बेची गई वक्फ़ सम्पत्ति का क़ब्ज़ा वापस लेने के लिए संबंधित ज़िलाधिकारी को अध्यापेक्षा भेजे जाने के आदेश कर दिये हैं और धारा —52(क) के अन्तर्गत वक्फ़ सम्पत्ति को खरीदने व बेचने वालों के विरूद्ध मुक़दमा पंजीकृत कराये जाने के भी आदेश जारी कर दिये हैं.
बताते चलें कि बोर्ड के अनुसार इस संबंध में 22 लोगों के विरूद्ध कार्यवाई की गई है. यही नहीं, बोर्ड ने अपनी बैठक में प्रदेश के 37 वक्फों में नए मुतवल्लियों एवं प्रबन्ध कमेटियों की नई नियुक्तियां की गई हैं. बोर्ड ने प्रदेश में वक्फों के काम में तेज़ी लाने की दृष्टि से बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्यों को ज़िले आवंटित कर ज़िला प्रभारी नियुक्त कर दिया है, जोकि अपने-अपने ज़िलों में दिये गए बोर्ड के अधिकारों के अन्तर्गत कार्य करेंगे.