TwoCircles.net Staff Reporter
पुणे: वक़्फ़ भूमि घोटाले के ख़िलाफ़ अभियान में ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमिन (मजलिस) के विधायक इम्तियाज़ जलील को बड़ी सफलता मिली है.
उनके ज़रिए किए गए शिकायत पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गृह राज्य सचिव को कोंढवा बुद्रुक स्थित आलमगीर दरगाह ट्रस्ट से संबंधित सर्वे क्रमांक 55 के वक़्फ़ भूमि मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने इस संबंध में जलील को एक पत्र लिखा है, जिसमें बताया गया है कि विस्तृत जांच के लिए मामले को गृह राज्य सचिव को सौंप गया है. साथ ही उपयुक्त कार्रवाई के आदेश भी जारी किए गए हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव (अल्पसंख्यक विकास) से इस मामले को प्राथमिकता के साथ देखने को कहा है.
मुख्यमंत्री का यह आदेश सर्वे क्रमांक 55 के सभी अवैध लेनदेन के ख़िलाफ़ की गई शिकायत के आधार पर आया है. शिकायत में इस बात का ज़िक्र किया गया था कि भ्रष्ट न्यासियों द्वारा किस तरह नियमों को ताक पर रखकर 1000 करोड़ रुपए मूल्य वाली वक़्फ़ भूमि का सौदा किया गया.
विधायक इम्तियाज़ जलील ने इस सिलसिले में मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा था. जिसमें न्यासियों, दलालों और भूमि रिकॉर्ड अधिकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर किए जा रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया गया था.
जलील ने मामले की सीआईडी जांच और दोषियों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज करने की मांग की है. उनका कहना है कि जांच से भ्रष्ट न्यासियों के चेहरे बेनक़ाब हो जाएंगे.
जलील के मुताबिक़, विस्तृत जांच यह सुनिश्चित करेगी कि पुणे के गरीब एवं ज़रूरतमंद मुस्लिमों को न्याय मिलेगा. उन्होंने कहा कि सरकार को पुणे के मुस्लिमों को भूमि सौंपने के संबंध में जल्द से जल्द अधिसूचना जारी करनी चाहिए.
विधायक जलील ने आगे कहा कि, “वक़्फ़ चोरों ने पिछले तीन दशकों में भूमि रिकॉर्ड में हेराफेरी की और भ्रष्ट भूमि रिकॉर्ड अधिकारियों ने उनका साथ देते हुए मानवता के खिलाफ़ काम किया. आलमगीर मस्जिद ट्रस्ट से संबंधित सर्वे क्रमांक 55 की वक़्फ़ भूमि मुस्लिम समुदाय की संपत्ति है और देश के संविधान के मुताबिक़ किसी व्यक्ति द्वारा इसे खरीदा या बेचा नहीं जा सकता. लेकिन जिस तरह से न्यासियों और उनके सहयोगियों ने पेशेवर अंदाज़ में इस काम को अंजाम दिया, वो वक्फ़ भूमियों के ट्रस्ट के भीतर पनप रहे संगठित अपराध की ओर इशारा करता है.”
वो आगे कहते हैं कि, अब भ्रष्टाचारियों का झूठ सबके सामने आ गया है और मुस्लिम समुदाय को उसकी संपत्ति लौटा दी जाएगी. ये भ्रष्ट न्यासी उनके एजेंट मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ देश के भी दुश्मन हैं, लिहाज़ा उन्हें सख्त से सख्त सज़ा मिलनी चाहिए.