TwoCircles.net Staff Reporter
लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं. शायद उत्तर प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि भाजपा को अकेले 312 सीटें मिली हों.
इन सबके बीच हम आपको बता दें कि भले ही भाजपा मिली इस बड़ी जीत से खुश होकर अपनी पीठ थपथपा रही हो, मगर एक बड़ा सच यह पूरे उत्तर प्रदेश में 757643 वोटर ऐसे हैं, जिन्हें कोई भी राजनीतिक पार्टी पसंद नहीं है लेकिन बावजूद इसके लोकतंत्र में पूरा यक़ीन रखते हुए चुनावी प्रक्रिया में शामिल होकर ‘इनमें से कोई नहीं’ यानी ‘नोटा’ के बटन दबाए हैं. हालांकि इनका प्रतिशत बहुत ज़्यादा नहीं है. बता दें कि कुल पड़े मतदान का सिर्फ़ 0.9 फ़िसद लोगों ने यूपी चुनाव में ‘नोटा’ का प्रयोग किया है.
बताते चलें कि ‘नोटा’ के बटन का प्रयोग उत्तराखंड में सिर्फ़ 50408 वोटरों ने किया है. यानी कुल वोटरों में 1.0% वोटर्स ने ‘नोटा’ बटन दबाया है. पंजाब में 0.7% यानी 108471 वोटर्स, मणिपुर में 0.5% यानी 9062 वोटर्स और सबसे अधिक गोवा में 1.2% यानी 10919 वोटरों ने ‘नोटा’ के बटन का प्रयोग किया है.
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने 2013 के सितंबर महीने में ईवीएम में नोटा का बटन शामिल करने का आदेश दिया था, ताकि मतदाताओं को यह अधिकार मिले कि वे इस बटन को दबाकर चुनाव में शामिल सभी उम्मीदवारों को खारिज कर सके. उच्चतम न्यायालय के आदेश पर ही चुनाव आयोग ने 2013 में ही मिजोरम, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और नई दिल्ली विधानसभा चुनावों में नोटा के विकल्प की शुरुआत की थी. हालांकि निर्वाचन आयोग के अनुसार नोटा विकल्प के अंतर्गत प्राप्त मतों की गणना अवैध मतों के रूप में की जाएगी.