अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होने जा रहे योगी आदित्यनाथ की सच्चाई उनके चुनावी शपथ-पत्र में छिपी हुई है. इन शपथ-पत्रों को किसी और ने नहीं, बल्कि खुद योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनाव लड़ते समय चुनाव आयोग में दाखिल किया है.
इन शपथ-पत्रों के मुताबिक़ योगी की उम्र में असामान्य बढ़ोत्तरी हुई है. वे दस साल में 11 साल बड़े हो गए. उनके द्वारा चुनाव आयोग में दाखिल चुनावी शपथ-पत्र बताते हैं कि योगी आदित्यनाथ साल 2004 में 30 साल के थे, लेकिन साल 2009 में वो 36 साल के हो गए. यानी पांच साल में उनकी उम्र छः साल हो गई. 2014 में योगी की उम्र 41 साल है.
इस बीच योगी की सम्पत्ति में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है. साल 2004 में इनके पास सिर्फ़ 9.60 लाख की कुल सम्पत्ति थी, साल 2009 में ये बढ़कर 21.82 लाख हो गई. वहीं साल 2014 में योगी के पास 72.17 लाख की सम्पत्ति रही.
उनके जो आपराधिक मामले हैं वो भी यूपी के नए सीएम के चरित्र की बानगी पेश करते हैं. 2009 के चुनावी शपथ-पत्र के मुताबिक़ उन पर दो आपराधिक मामले दर्ज हुए थे. लेकिन 2014 में इसमें बढ़ोत्तरी हुई. अब ये मामले तीन हो गए हैं. इन मामलों में इन पर काफी गंभीर आरोप लगे हैं. इन पर 153A, 295, 435, 506, 307, 147, 148, 297, 149, 336, 504 और 427 जैसी आईपीसी की धारा लगी हुई हैं. इनका चुनावी हलफ़नामा बताता है कि ‘गोरखपुर मु.आ.सं. 43/7 धारा 147, 153A, 295, 297, 435, 506 भारतीय दंड संहिता थाना कोतवाली मुक़दमा नं. 6098/0 जिसमें ज़मानत पर हैं. विचाराधीन हैं.’
कुल मिलाकर अगर योगी आदित्यनाथ को समझना हो तो उनके द्वारा दाखिल किया गया चुनावी हलफ़नामा ही चलती-फिरती पाठशाला है.