TwoCircles.net News Desk
नई दिल्ली : 1 मई से 7 मई 2017 के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में जनांदोलन और अन्य नागरिक समाज संगठन एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ पर 100 से अधिक जगहों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे.
ये संगठन एडीबी और अन्य अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों (आईएफ़आई) द्वारा सार्वजनिक धन का उपयोग हेतु प्रोत्साहित किये जा रहे ‘विकास मॉडल’ के कारण मानव अधिकारों के उल्लंघन, आजीविका के नुक़सान और पर्यावरण के विनाश को उजागर करेंगे.
इन 100 से अधिक कार्यक्रमों के माध्यम से, जनांदोलन और अन्य नागरिक समाज संगठन, एडीबी व अन्य अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों को ऋण के तरीक़ों में सुधार, उसमें पादर्शिता बरतने और जनता के प्रति जवाबदेह बनाने की मांग कर रहे हैं, जिनके नाम पर वे अपना व्यवसाय चलाते हैं. इन संस्थानों द्वारा ऐसा न किये जाने पर जनता के पास, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और इकठ्ठा होकर, रोकने वाले दमनकारी क़ानूनों के बावजूद अपना संघर्ष तेज़ करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं छोड़ा.
कई राज्यों में कार्यक्रम आयोजित करने वाले ट्रेड यूनियन नेशनल हॉकर्स फेडरेशन के महासचिव शक्तिमान घोष बताते हैं कि, ‘एडीबी द्वारा बढ़ावा दिए जा रहे विकास के मॉडल ने आजीविका के नुक़सान के साथ-साथ लोगों को उनकी जगह से बेदखल कर उन्हें गरीबी की ओर धकेला है, जो कि गरीबी से लड़ाई के आदर्श वाक्य के उलट है.’
बताते चलें कि एडीबी अपनी स्थापना के पहले दशक में उस ने केवल 3 अरब डॉलर का ऋण दिया था जो पिछले दशक में बढ़कर 123 अरब डॉलर हो गया है.