TwoCircles.net Staff Reporter
सम्भल : उत्तर प्रदेश की ज़मीन पर पंचायत का रिवाज पुराना है. लेकिन गुरूवार को हादीपुर गांव का पंचायत इन सबसे अलग था. बल्कि यूं कहिए ऐतिहासिक था.
सम्भल ज़िला के हादीपुर गांव में 50 हज़ार की आबादी वाले तुर्क बिरादरी के पंचायत ने गुरूवार को कहा है कि अगर किसी औरत के साथ ‘ट्रिपल तलाक़’ का मसला आता है या कोई अपनी बीवी को तीन बार तलाक़, तलाक़, तलाक़ कहता है तो ऐसी स्थिति में सारी गलती शौहर की मानी जाएगी और उस पर 5 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा. साथ ही पंचायत के पास उसे सज़ा देने का अधिकार होगा. इस पंचायत में सम्भल के क़रीब 55 गांवों के लोग शामिल थे.
पंचायत की अध्यक्षता करने वाले असरार अहमद ने बताया कि पंचायत ने एक ही बार में तीन तलाक़ देने की प्रथा को पंचायत ग़लत मानते हुए बैठक में तुर्क बिरादरी में इस पर पाबंदी लगाने का फैसला किया गया है.
उन्होंने बताया कि पंचायत का कहना है कि घरेलू झगड़ों को लेकर एक बार में तीन तलाक़ नहीं दी जाए. अगर कोई एक बार में तीन तलाक़ देता है तो उस मामले में पंचायत पूरी ग़लती शौहर की ही मानेगी. साथ ही पंचायत को लड़के को दंडित करने का अधिकार होगा.
असरार अहमद ने बताया कि अगर किसी शौहर का अपनी बीवी से कोई विवाद है तो पहले अपनी शिकायत पंचायत में रखे. कैसे भी हालात हों, मगर एक बार में तीन तलाक़ नहीं दें. अगर ज़रूरी हो तो एक बार तलाक़ कहे और बीवी को कम से कम एक महीने का समय दे.
ग़ौरतलब रहे कि इससे पूर्व बागपत ज़िले के बड़ौत में भी 27 अप्रैल को अंजुमन मुलतानी मुग़ल अहानगिरान बिरादरी की हुए एक बैठक में एक बार में तीन तलाक़ देने वाले व्यक्ति का सामाजिक बहिष्कार करने का ऐलान किया जा चुका है.
इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए बिरादरी के राष्ट्रीय महासचिव हारुण अली ने कहा था, तीन तलाक़ के मुद्दे का राष्ट्रीय मुद्दा न बनाया जाए, बल्कि जो व्यक्ति अपनी पत्नी को एक बार में तीन तलाक़ दे, उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाए.
यही नहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी ट्रिपल तलाक़ का दुरुपयोग होने की बात स्वीकार करते हुए पिछले महीने अपनी कार्यकारिणी की बैठक में कहा था कि जो व्यक्ति बिना ठोस शरई कारण के बगैर अपनी बीवी को तीन तलाक़ देता है, तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जायेगा.