आस मुहम्मद कैफ़, TwoCircles.net
सहारनपुर : कांग्रेसी नेताओं के हवाले से मिली ख़बर के मुताबिक़ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को सहारनपुर आ रहे हैं और प्रशासन के बिना अनुमति ही शब्बीरपुर का दौरा करेंगे.
बता दें कि ज़िला प्रशासन ने संपूर्ण सूचना तंत्र पर अघोषित आपातकाल जैसी स्तिथि में ला दिया है. आम जन में गहरी चिंता छाई है. ऐसे में कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहारनपुर का दौरा करना चाहते हैं. ज़िला प्रशासन को इस आशय का पत्र मिला है जो कांग्रेस कार्यालय से भेजा गया है.
लेकिन ज़िला प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार किया है. ज़िले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बब्लू कुमार ने बताया कि राहुल को सहारनपुर आने की अनुमति नहीं दी गई है. बब्लू कुमार को एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे के स्थान पर लाया गया है, जिन्हें सहारनपुर की जातीय हिंसा और संघर्ष के मद्देनजर 24 मई को निलंबित कर दिया गया था.
शाम में जनपद के कांग्रेस ज़िलाध्यक्ष शशि वालिया नए ज़िलाधिकारी पवन पांडेय से मिलने पहुंचे थे लेकिन ज़िलाधिकारी ने अनुमति देने से इंकार कर दिया. मगर कांग्रेस के क़द्दावर नेता और प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान मसूद का कहना है कि प्रसाशन अनुमति दे या नहीं, मगर राहुल गांधी ज़रूर आएंगे.
स्थानीय सरसावा हवाई पट्टी पर भी उनके आने की सूचना हो चुकी है. बड़े कांग्रेस नेताओं ने भी सहारनपुर पहुंचने की राह पकड़ ली है और कुछ पहुंच भी चुके हैं.
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने आज इमरान मसूद के साथ अस्पताल में घायलों से बात की. उसके बाद कांग्रेस लीडर राहुल गांधी को सहारनपुर आने के लिए ज़िला प्रशासन को सूचित किया गया.
ग़ौरतलब रहे कि पिछले एक महीने से सहरानपुर में जातीय तनाव चरम पर है. एक महीने में हिंसा की 5 घटनाएं हो चुकी हैं. 3 लोग अब तक मारे जा चुके हैं. 50 से ज्यादा घायल हैं. दलितों पर अत्याचार को लेकर यह मामला राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में छाया पड़ा है. यहाँ का पूरा निज़ाम बदल दिया गया है. डीएम एसएसपी को निलबिंत किया गया है, जबकि कमिश्नर डीआईजी हटाये जा चुके हैं.
मीडिया पर भी एक प्रकार का सेंसर लगा है और प्रसाशन उन्हें खुलकर रिपोर्टिंग नहीं करने दे रही है. रिलायंस के जीओ को छोड़कर ज़िला भर का इंटरनेट पूरी तरह बंद है.
ठाकुर और दलित मिश्रित आबादी वाले गांवों में अभी भी अघोषित कर्फ्यू जैसा माहौल है. हालांकि बड़े अफ़सर अब दोस्ताना व्यवहार करके बर्फ़ पिघलाने की कोशिश कर रहे हैं.
आज गृह सचिव मणिकांत मिश्रा ने शब्बीरपुर में एक घर में खाना खाने की फ़रमाइश भी जताई. यह अलग बात है कि सहारनपुर की जनता में अभी भी दहशत का माहौल है. अब गैर-दलित और गैर-ठाकुर जातियो में प्रशासन की सख्ती के ख़िलाफ़ नाराज़गी पनप रही है. आम जन जीवन में आई परेशानी से लोगो में गुस्सा है.
देहात का ट्रांसपोर्टेशन बहुत अधिक प्रभावित हुआ है और ग्रामीणों ने खुद को घरों में क़ैद कर लिया है. पास के क़स्बे नानैता में भी दोनों समुदाय में टकराव होने की ख़बर थी, मगर प्रसाशन ने यह दबा दी.