Home Indian Muslim शैखुल हदीस हज़रत मौलाना असलम क़ासमी किए गए सुपुर्द-ए-खाक, सदमे में देवबंद

शैखुल हदीस हज़रत मौलाना असलम क़ासमी किए गए सुपुर्द-ए-खाक, सदमे में देवबंद

आस मुहम्मद कैफ़, TwoCircles.net

देवबंद : देवबंद दारुल उलूम की नींव रखने वाले हज़रत मौलाना क़ासिम नानोतवी रहमतुल्लाह के परपोते, हज़रत तय्यब के बेटे और दारुल उलूम को दुनिया भर में बड़ी पहचान दिलाने वाले बेहद सम्मानित उलेमा हज़रत मौलाना असलम क़ासमी का आज इंतेक़ाल के बाद उन्हें दारुल उलूम के नज़दीक ही क़ासमी क़ब्रिस्तान में बाद नमाज़ ईशा सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया.

मौलाना असलम 87 साल ज़िन्दा रहें. शैखुल हदीस के नाम से मशहूर ये मौलाना देवबंद के उलेमा हज़रात में अपनी क़ाबिलयत और व्यवहार के दम पर सबसे ऊंचा मक़ाम रखते थे. फिलहाल वो दारुल उलूम वक़्फ़ में बतौर नाज़िम काम कर रहे थे. मौलाना की पैदाइश 1937 में हुई. 1967 में उन्हें दारुल उलूम में नौकरी मिली और उन्होंने बहुत सी किताबें लिखी. उनकी मजमुआ सिराते रसूल और असहाबे कहफ़ काफ़ी पढ़ी जाती हैं. उन्होंने सूरते हलबिया का उर्दू तर्जुमा भी किया. उनके इंतेक़ाल को दारुल उलूम देवबंद का बहुत बड़ा नुक़सान समझा जा रहा है.

मौलाना के इंतेक़ाल की ख़बर के बाद देवबंद में आज पैर रखने की जगह नहीं बची. बड़ी संख्या में गैर-मुस्लिमों ने उनके जनाज़े में शिरकत की.