TwoCircles.net Staff Reporter
मेरठ : फलावदा थाना क्षेत्र के गांव सनोता में दो सगे भाइयों की कुछ देर पहले हुई हत्या के बाद भारी साम्प्रदायिक तनाव पैदा हो गया है.
गाड़ी खड़े करने को लेकर हुए इस विवाद के बाद दो भाई दिलशाद कुरैशी (23) और मंशाद (20) को गोली मार दी गई, जिससे उनकी मौक़े पर ही मौत हो गई.
इस मौत के बाद कुरैशी बहुल गांव में भारी संख्या में आनन-फ़ानन में भारी पुलिस बल और पीएसी मंगा लिया गया है. वहीं मेरठ की पुलिस कप्तान मंजिल सैनी अभी गांव में ही डटी हैं.
दोनों मृतक के ममेरे भाई हाजी ज़ाकिर ने बताया कि, दोनों को घेर कर योजनाबद्ध तरीक़े से गोली मारकर हत्या की गई है.
आरोपी बहुसंख्यक समुदाय से हैं. लगभग 15 हज़ार की आबादी वाले इस गांव में मारे गए दोनों भाईयों की हत्या करने का आरोप दरियाव और धर्मवीर पक्ष पर लगाया गया है.
गांव के चश्मदीद साबिर के अनुसार, यह लोग किसी शादी में आए थे. दूसरे लोगों ने इन्हें उनके घर के आगे गाड़ी खड़े करने को मना किया. इन्होंने कहा अभी हटा रहे हैं. इस बात पर कहासुनी हुई और फिर अंदर से बन्दुक लाकर दोनों भाईयों को गोली मार दी गई.
सनोता उत्तर प्रदेश के पूर्व में मुख्य सचिव रहे जावेद उस्मानी का भी गांव है. बताते चलें कि आज की घटना और 4 साल पहले हुई कवाल की घटना में, जो मुज़फ़्फ़रनगर दंगे का कारण बनी, काफ़ी समानता है. मेरठ में भी मंज़िल सैनी पुलिस कप्तान हैं, जो कवाल कांड के दौरान मुज़फ़्फ़रनगर एसएसपी थी और उन्हें हटा दिया गया था.
बताते चलें कि पिछले माह इसी तरह की एक घटना अलीगढ़ में भी हुई थी, जिसमें रेलवे रोड पर दो सगे भाईयों को वसीम और आस मोहम्मद की हत्या कर दी गई थी. गांव में इस समय अत्याधिक तनाव है. पुलिस हत्याकांड के पीछे पुरानी रंजिश बता रही है.