मुज़फ़्फ़रनगर दंगा : मुक़दमे वापसी की प्रकिया के ख़िलाफ़ सड़क पर उतर आए हैं दंगा पीड़ित

आस मुहम्मद कैफ़, TwoCircles.net

मुज़फ़्फ़रनगर : योगी सरकार की मुज़फ़्फ़रनगर दंगों में आरोपियों से मुक़दमा वापसी की प्रकिया अब खटाई में पड़ सकती है. क्योंकि अब दंगा पीड़ित इसके विरोध में सड़क पर उतर आए हैं और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.


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बुधवार को सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसडीपीआई) के लोगों ने जनपद कलक्ट्रेट पर दंगा पीड़ितों को साथ लेकर एक ज़ोरदार प्रदर्शन किया था. वहीं अब शामली और मुज़फ़्फ़रनगर के दंगा प्रभावित इलाक़ों में कई जगहों पर एसडीपीआई ने दंगा पीड़ितों के दर्द बयां करते पोस्टर लगाए गए हैं, जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है.

शामली जनपद के झिंझाना क़स्बे से स्थानीय प्रशासन ने इस पोस्टर को विवादित बताते हुए उतार दिया है. इन सबके बीच एक माह पूर्व शासन के माध्यम से मांगी गई आख्या अब तक भेजी नहीं गई है. पिछले माह काफ़ी चर्चा में रहा यह प्रकरण ज़मीनी सत्यता से परे दिखता है.

बुधवार को दंगा पीड़ितों के पक्ष में कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर रहे एसडीपीआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एडवोकेट सरफ़ुद्दीन ने बताया कि, 2013 में ‘बहन बेटी बचाओ’ अभियान के बहाने नफ़रत की फ़िज़ा बनाकर एक षड्यंत्र के तहत मुजफ़्फ़रनगर में दंगा कराया गया. इसमें 40 हज़ार से ज्यादा लोग घर से उजाड़ दिए गए. 62 व्यक्ति मौत के घाट उतार दिए गए. अगर ये मुक़दमें वापस होते हैं तो यह ताक़त के दम पर इंसाफ़ का एक और क़त्ल होगा.

वो आगे कहते हैं कि, मानवता के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को समझते हुए एसडीपीआई संवैधानिक तरीक़े से सरकार के इस फैसले का हमेशा विरोध करेगी, क्योंकि इस फ़ैसले से इंसानियत के क़त्ल की बू आती है.

एसडीपीआई के बिशंभर सिंह कहते हैं कि, सरकार को दंगा पीड़ितों को इंसाफ़ दिलाने की कोशिश करनी चाहिए. यही उनका राजधर्म है, मगर उनकी रुची दंगा आरोपियों को बचाने में है. एसडीपीआई इसका विरोध करेगी.

एसडीपीआई के लगभग पूरे दिन चले इस धरने में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया और सरकार की दंगा पीड़ितों से मुक़दमा वापसी की मुहिम का विरोध किया.

बता दें कि पिछले महीने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने दंगा के दौरान दर्ज हुए 131 मुक़दमे वापसी की प्रकिया शुरू की थी. हालांकि दंगों के दौरान कुल 503 मुक़दमें दर्ज किए गए थे, इनमें 169 मुक़दमों को झूठा समझकर पहले ही वापस ले लिया गया है और फिर 171 में फाईनल रिपोर्ट लगा दी गई और 41 मुक़दमों में गवाह पलट गए. अब 131 मुक़दमों की वापसी की कार्रवाई चल रही है.

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