आस मुहम्मद कैफ़, TwoCircles.net
मीरापुर : जम्मू के कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ हुई बर्बरता ने देश को झकझोर कर रख दिया है. साम्प्रदयिक ताक़तें इस मामले को धार्मिक रंग देने की कोशिश में लगी हुई हैं, मगर पीड़िता के पक्ष में कुछ ऐसे नायक उभर कर सामने आए हैं, जिन्होंने इंसानियत को बुलंदी पर पहुंचाया है. इनमें एसएसपी कठुआ रमेश जल्ला, पीड़िता की वकील दीपिका राजावत और हत्या व बलात्कार के आरोपी विशाल जगमोत्र को गिरफ्तार कराने वाले मीरापुर के पत्रकार राहुल शर्मा की देश भर में तारीफ़ हो रही है.
ग़ौरतलब है कि 17 मार्च को जम्मू पुलिस ने मुज़फ़्फ़रनगर के मीरापुर से मुख्य आरोपी सांझीराम के बेटे विशाल को गिरफ्तार किया था. घटना वाले दिन विशाल की लोकेशन घटना-स्थल पर पाई गई थी और पुलिस के ख़ुलासे में विशाल की संलिप्ता पाई गई थी.
जिसके बाद उसे गिरफ्तार करने जम्मू पुलिस मीरापुर पहुंची. बता दें कि विशाल यहां के आकांक्षा कॉलेज से बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर रहा था. घटना वाले दिन वो यहां से जम्मू गया था.
17 मार्च को जब मीरापुर में उसे गिरफ्तार करने जम्मू पुलिस आई तो यह एक मुश्किल काम था. तब एक स्थानीय पत्रकार राहुल शर्मा ने जम्मू पुलिस की विशाल को दबोचने में मदद की थी. इसके बाद से राहुल शर्मा के समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा की जमकर तारीफ़ हो रही है.
TwoCircles.net ने राहुल शर्मा से मुलाक़ात की. राहुल शर्मा एक अख़बार में मीरापुर के सवांददाता हैं. वो बताते हैं, “उस दिन जम्मू पुलिस क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर केवल किशोर गुप्ता एक टीम के साथ यहां आए थे. उनके पास विशाल का फेसबुक से लिया गया एक फोटो था. एक नम्बर से उसकी लोकेशन पंजाबी कॉलोनी और एसबीआई बैंक की आ रही थी. मीरापुर की आबादी 30 हज़ार है. इस लड़के को यहां कोई जानता भी नहीं था. यह एक बहुत मुश्किल टास्क था. लापरवाही से वो भाग सकता था. मैं मीरापुर थाने में बैठा था. 8 साल की बच्ची के साथ बलात्कार की बात सुनकर मेरा दिल परेशान हो गया और समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को समझते हुए मैंने दिल से तय किया कि मैं पुलिस की मदद करूंगा. उसके बाद मैंने अपने लोकल कांटेक्ट के ज़रिए एक प्लान बनाया और जम्मू पुलिस ने उसी पर काम किया. विशाल की गिरफ्तारी के बाद जम्मू पुलिस ने मुझे ख़ासतौर पर धन्यवाद दिया.”
राहुल कहते हैं, वो तब इतना नहीं जानते थे मामला इतना बड़ा है. अब सारा देश इसके ख़िलाफ़ खड़ा हो गया है. 8 साल की बच्ची के साथ की बर्बरता ने हमें दहला दिया है. आज मुझे गर्व होता है कि मैंने कुछ अच्छा काम किया. इसके बाद मुझे हर ओर से सराहना मिली. मेरी पत्नी ने मुझ पर गर्व जताया. मेरे रिश्तेदार और परिवार के लोगों में खुशी का माहौल बना. मैंने राष्ट्र और मानवता के प्रति अपना फ़र्ज़ निभाया.
यह एक हाईप्रोफ़ाइल मामला था, इसलिए कुछ लोगों ने इसे साम्प्रदयिक रंग देने की भी कोशिश की, मगर वो कामयाब नहीं हुए क्योंकि राहुल शर्मा जैसे लोगों ने उनका कहना मुंह बन्द कर दिया.
राहुल बताते हैं, “एक 8 साल की बच्ची का मज़हब तलाशने वाले मानसिक रूप से बीमार लोग हैं. वो बस एक बेटी है और उसके साथ बहुत बुरा हुआ है. हमें उसके क़ातिलों को सज़ा दिलाने की कोशिश करनी चाहिए. देश में निर्भया के बाद भी कुछ नहीं बदला है. लोग हिन्दू-मुस्लिम में बंट रहे हैं. पहले ऐसा नहीं होता था. मैंने सबकुछ इंसानियत के लिए किया और मैं बिल्कुल नहीं डरता.”
मीरापुर जामा मस्जिद के मुतवल्ली नवाबुद्दीन (62) राहुल शर्मा की दिल खोलकर तारीफ़ करते हैं. वो कहते हैं, उन्होंने मीरापुर की हिन्दू-मुस्लिम एकता की रिवायत को क़ायम रखा और बेहद खूबसूरत नज़ीर पेश की.
स्थानीय युवाओं में राहुल को ख़ासी सराहना मिल रही है. मोहसीन (22) कहते हैं —उन्होंने हमें फ़ख्र से भर दिया है.