‘रावण’ की रिहाई के लिए फिर उठा नीला सैलाब

भीम आर्मी रैली का दृश्य (Photo By Fahmina Hussain/TwoCicles.net)

फहमीना हुसैन, TwoCircles.net

भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर के खिलाफ रासुका की कार्रवाई के विरोध और उनकी रिहाई के लिए भीम आर्मी ने  दिल्ली के संसद मार्ग पर रैली
कर आवाज उठाई.


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इस रैली में भीम आर्मी के समर्थन में जुटे हजारों लोगों ने चंद्रशेखर को रिहा करने की मांग की. इसके अलावा 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान जिन पर भी मुकदमे हुए या जिनके परिजनों की मृत्यु हुई उनको सम्मानित करने की भी मांग को रखा गया.इस रैली में भीम आर्मी के 5000 से भी अधिक कार्यकर्ताओं ने अलग अलग राज्यों से शिरकत की.

भीम आर्मी रैली का दृश्य (Photo By Fahmina Hussain/TwoCicles.net)

इस विरोध प्रदर्शन में चंद्रशेखर की मां भी शामिल हुई, उन्होंने अपने बेटे चन्द्र्शेखर आज़ाद की रिहाई की गुहार लगाई. बल्कि उन्होंने ये भी कहा की उनके बेटे को जेल में सही तरह से नहीं रखा जा रहा.

भीम आर्मी राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह ने बताया कि शोषण जब बढ़ जाता है तो उनके खिलाफ लड़ने वालों की संख्या भी बढ़ जाती है. वही कारण है कि यहाँ जितने लोग भी शामिल हुए वो सभी अन्याय के खिलाफ खड़े हैं.  रतन ने चार मांगों का ज़िक्र करते हुए बताया कि उनकी चार मांगे चंद्रशेखर समेत उत्तर प्रदेश में दलित समाज के लोगों पर लगाई गई रासुका तुरंत निरस्त की जाए, भीमा कोरेगांव की हिंसा की साजिश के सभी आरोपियों पर तुरंत कार्रवाई हो और दलित समाज के लोगों पर लगाए गए केस वापस लिए जाये, इसके साथ ही 2 अप्रैल को हुए दलित आंदोलन में मारे गए बहुजन समाज के लोगों के परिवार को उचित मुआवजा मिले, देश में मोब लिंचिंग की घटना में मारे गए और घायल लोगों के परिवार वालों को मुआवजा मिले.

भीम आर्मी के बिहार नेता अमर आजाद और उत्तर प्रदेश के भीम आर्मी राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह

आर्मी की रैली में बिहार नेता अमर आजाद ने कहा कि चन्द्र्शेखर आज़ाद को मनुवादियों द्वारा जेल में बंद कर दिया गया है… आखिर उनका गुनाह क्या था? बजरंगदल, आरएसएस, और असमाजिक गतिविधियों में शामिल लोगो पर किसी भी तरह की कोई करवाई नहीं होती, ऐसे लोगों को या तो बरी कर दिया जाता है या उन पर कोई करवाई नहीं होती।

उन्होंने कहा कि समाज में दलित हो या मुस्लिम मोब लिंचिंग में रोज मारे जा रहे हैं. ऐसे धटनाओ पर सिर्फ सरकार संसद में चर्चा का विषय बना रही है करवाई किसी पर नहीं होती. समाज में आये दिन दलितों को निशाना बनाया जा रहा है.

देश के संविधान जलाने वाली घटना के विषय में लक्ष्य कमांडर चेतना राव कहा कि यह गम्भीर घटना देश की राजधानी दिल्ली में पुलिस की मौजूदगी में घटी और पुलिस ने इसे रोकने के लिया कोई भी प्रयास नहीं किया. जब दलित और बहुजन समाज के लोगो ने इसका विरोध किया तब जाकर दिल्ली पुलिस की नींद खुली. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सरकार इस घटना में तत्परता दिखाए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दे ताकि इस प्रकार की देशद्रोह की घटनाओ पर लगाम लग सके.

इस रैली में बसपा से निष्कासित पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयप्रकाश ने भी भीम आर्मी का समर्थन करने का एलान करा. जयप्रकाश सिंह ने राहुल गाँधी के खिलाफ बयान दिया था जिसके बाद नाराज होकर मायावती ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था। अपने पुरे भाषण में उन्होंने बसपा के बारे में कोई भी ज़िकर नहीं किया. हालांकि जयप्रकाश पुरे कार्यकर्म के दौरान कुछ भी विशेष बोलने से कतराते रहें.

5 मई 2017 को सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में राजपूतों और दलितों के बीच हिंसा हुई थी. जिसके बाद ये हिंसा इतनी भड़की की इस में कथित तौर पर दलितों के घर जला दिए गए थे. इस घटना में  एक शख्स की मौत भी हो गई थी। इस घटना के बाद पुलिस ने 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया। इस घटना के बाद पुलिस ने भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ को सहारनपुर में जातीय दंगे फैलाने के मास्टर माइंड बताते हुए उसपर रासुका लगा दिया. और 8 जून 2017 को उन्हें गिरफ्तार  कर लिया गया. मई में एक बार फिर चंद्रशेखर पर तीन महीने के लिए रासुका बढ़ा को बढ़ा दिया गया।

चंद्रशेखर आज़ाद रावण की माता जी (Photo By Fahmina Hussain/TwoCicles.net)

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