फहमीना हुसैन : TwoCircles.net
बिहार के मुजफ्फरपुर में एक एनजीओ द्वारा संचालित बालिका गृह में लड़कियों के यौन शोषण की घटना का डरावना सच पूरी दुनिया के सामने आने के बाद एक बार फिर बिहार के भोजपुर ज़िले के बिहिया में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई हैं. यहाँ एक महिला को घर से खींचकर बहार निकाला गया, उसे निर्वस्त्र कर बेतहाशा पीटा गया, यहाँ तक की उसे नग्न अवस्था में पूरे शहर में घुमाया गया.
बिहार में नीतीश शासन में ये कोई पहली घटना नहीं है बल्कि बलात्कार और महिलाओ के साथ हिंसा बिहार की पहचान बन चुकी है. बिहार में नीतीश और भाजपा की दोबारा सरकार बनने के बाद से पुलिस द्वारा दर्ज़ आकड़ों की बात करें तो अगस्त 2017 से जून 2018 तक के 11 महीनों में बिहार पुलिस ने 2.31 लाख आपराधिक घटनाएं दर्ज कीं. इनमें से 1,278 मामले बलात्कार और 2,722 हत्या से जुड़े हैं.
बिहार की महिला सशक्तिकरण मोर्चा की अध्यक्ष गीता आर्या बताती हैं कि पुलिस आकड़े के मुताबिक बिहार में इस साल मार्च महीने तक 289 दुष्कर्म की घटनाएं घट चुकी हैं, जबकि पिछले साल के अलग अलग थानों में दर्ज़ मामले के मुताबिक 1,198 दुष्कर्म की घटनाएं हुई.
उन्होंने रोहतास में छात्रा की रेप के बाद हत्या की वारदात का ज़िक्र करते हुए पिछले एक महीने में आरा, सासाराम, मुजफ्फरपुर में हुई कुछ घटनाएं जिनमे नाबालिक बच्चियों से रेप के बाद उनको बुरी तरह हत्या का ताज़ा मामला बताया.
इन बातों के अलावा सोशल मीडिया पर इन कुछ महीनो में बिहार के कई जिलों में छेड़खानी का वीडियो वायरल होने की घटनाओं का भी भयानक चेहरा सामने आया हैं. पिछले दिनों बिहार के नालंदा, जहानाबाद, कैमूर में कई लड़कियों के साथ छेडखानी वाला वीडियो वायरल हुआ. हालांकि इन सभी मामलों में राज्य पुलिस ने संज्ञान लेकर भले ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया हो, लेकिन इससे समाज में फैल रहे ऐसी घटनाओं को मानसिक विकृति और बिहार में महिलाओं के प्रति व्यवहार सामने आता हैं.
जुलाई महीने में स्थानीय अख़बार के ख़बरों के मुताबिक बिहार के सिर्फ एक जिला रोहतास में 12 मामले छेड़खानी के सामने आये हैं. इसके अलावे दुष्कर्म के 8 मामले पुलिस थाने में दर्ज़ किये गए हैं. वहीँ 02 जून को नारदीगंज के एक गांव में शौच जा रही युवती के साथ दुष्कर्म के बाद उसे बुरे हालत में खेत में छोड़ दिया गया बाद में स्थानीय लोगों द्वारा उसका इलाज़ कर मामला दर्ज़ कराया गया. मई 2018 बिहार की राजधानी पटना से महज 20 किलोमीटर दूर नौबतपुर इलाके में 22 साल के एक युवक ने दरिंदगी की सारी हदें पार करते हुए एक महिला के साथ हैवानियत की. उस महिला की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.
बिहार के भीम आर्मी के कार्यकर्त्ता अमित पासवान ने बताया कि पिछले महीने राजपुर प्रखंड के अंतर्गत ग्राम कुझी के तुलसी पासवान कि नाबालिग लड़की का गाँव से ही अपहरण कर लिया गया। मामले को स्थानीय थाने में दर्ज़ कराया गया. केस दर्ज करने के बाद से आरोपियों द्वारा पीडितो को जान से मारने कि धमकी भी दी जा रही हैं. इस मामले में पुलिस की कुछ मदद नहीं मिल रहीं, उल्टा आरोपी एव पुलिस कि मिलीभगत का भी जिक्र लड़की के पिता ने किया है. ठीक ऐसा ही मामला बिहार में बसुहरा सासाराम कि है जहाँ चार साल पहले कुछ इसी तरह का मामला आया था. पुलिस ये कहकर मामले को टाल दिया कि ये प्रेम प्रसंग मे भागी है. बाद में वो लड़की गया जिले के रेड लाइट एरिया से बरामद की गई थी.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के एक रिपोर्ट में ये आया था कि देश में हर 1.7 मिनट पर एक महिला द्वारा अपराध का मामला दर्ज कराया जाता है और हर 16 मिनट में एक बलात्कार की घटना दर्ज़ होती है. 2018 की शुरुआत में प्लान इंडिया एनजीओ के तहत एक रिपोर्ट को प्रकाशित किया गया था. जिसमे बिहार को सबसे निचले स्तर पर रखा गया था. सूचकांक की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस राज्य की लड़कियों और महिलाओं की स्थित विशेष रूप से दयनीय है और यहाँ की महिलाएं शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सेवाओं से भी वंचित हैं। रिपोर्ट से पता चलता है कि बिहार राज्य में 39 प्रतिशत लड़कियों की शादी विवाह योग्य आयु से पहले ही कर दी जाती है.
हालांकि बिहार और पूरे देश में हो रही घटनाओं के विरोध में दिल्ली में 4 सितंबर को देश में ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक विमेन एसोसिएशन (एआईडीडब्ल्यूए) द्वारा आयोजित किया जा रहा है.