आस मोहम्मद कैफ | नगर (भरतपुर), TwoCircles.net
हाल में ही संपन्न हुए विधान सभा चुनाव में राजस्थान के भरतपुर जिले की नगर विधानसभा सीट से 36 साल के वाज़िब अली का विधायक निर्वाचित होना कई मायनों में खास हैं.
वाजिब अली एनआरआई है. ऑस्ट्रेलिया के एक कामयाब वव्यसायी है. अपने दूसरे भाईयो इनताज़ खान और सरताज खान के साथ ऑस्ट्रेलिया के मेलबॉर्न में कई शिक्षण संस्थान चलाते हैं. उनके वहां सात कॉलेज और एक स्कूल है जिसमें हजारों बच्चे पढ़ते है. वाजिब अली को वहां ग्रीन कार्ड मिला हुआ है. उनके एक भाई इनताज़ खान मेलबॉर्न शहर के पार्षद (कॉउंसीलर) है और इनका परिवार मेलबॉर्न शहर में 9.5 मिलियन डॉलर की कीमत वाले घर में रहता हैं.
इनका परिवार 20 साल पहले भारत के सबसे पिछड़े इलाके मेवात, राजस्थान से ऑस्ट्रेलिया चला गया था. तब तक इनताज़ खान 12वी और सरताज खान सिर्फ आठवी की पढाई कर चुके थे. वाजिब अली ने सिडनी से इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में मास्टर किया है.
विदेश में पढ़ने वाले वाजिब अली लौट आएं और 2013 में उन्होंने एनएलपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और उन्हें सिर्फ 36 हजार वोट मिलें. इस बार उन्होंने बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया और 26 हजार वोटों से जीतकर विधायक बन गए. 2018 के चुनावी हलफनामा में 14 करोड़ की सम्पति बताने वाले वाजिब अली पहले से ही यहां रोल मॉडल है.
वाजिब अली बताते है कि “एक तरफ ऑस्ट्रेलिया है जहां विकास ही विकास है और दूसरी तरफ उनका अपना मेवात है जिसे आप सबसे अधिक पिछड़ा कह सकते है,मुझे इस इलाके की बेहतरी के लिए काम करना है”.
दिल्ली से लगभग 200 किमी दूर नगर विधानसभा खराब रास्ते,उजाड़ इमारतें हर बात में ‘सु-सु’करने वाले बेहद पिछड़े हुए इलाके के स्थानीय लोग मेवाती होने का आभास कराते है,मेवात का यह इलाका राजस्थान और हरियाणा के सीमा बंधन तोड़कर मेव बिरादरी के नाम पर एक है और वाजिब अली इनकी उम्मीद बन गए है.
लाखों की आबादी और तीन राज्यों तक फैले मेवात में वाजिब अली बिरादरी (मेव)में अकेले विधायक नही है मगर आशा उन्ही से सबसे ज्यादा है.इसके अपने कारण है युवा इमरान मेवाती बताते है”वाजिब अली परिवार की तरक़्क़ी प्रभावित करती है, स्थानीय लोगो मे उनकी दीवानगी है यहां आम लोगो के बीच से निकलकर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में झंडे गाड़े है युवाओं को उनसे सबसे ज्यादा उम्मीद है वो सब वाजिब बनना चाहते हैं”.
मेवात के इस इलाके में लड़कियां स्कूल नही जाती और लड़के कॉलेज तक नही पहुंचते,सड़के बदतर है और पीने का पानी दूषित है,कुछ गांवों में बिजली है जबकि अधिकतर अंधेरे में डूबे रहते है,इमरान हमें बताते है “ज्यादातर मेव मेलबॉर्न उच्चारण भी नही कर पाते है मगर क्रिकेट की वजह से ऑस्ट्रेलिया को जानते सब है”.
मेलबॉर्न से भरतपुर तक का सफर आश्चर्यचकित करता है वाजिब कहते है “मैं अपने इलाके के लिए कुछ करना चाहता हूँ,मेरा कॅरियर सेटल था अपना बिजनेस बहुत अच्छा है,वहां हम क्वालिटी शिक्षा पर काम करते हैं और हजारों बच्चे हमारे कॉलेजों में पढ़ते है मैं चाहता हूँ कि यहां के नोजवान अधिक से अधिक पढ़े और इलाके का नाम करें,हम यहां कुछ कॉलेज भी शुरू करेंगे”.
पहले बहुजन समाज पार्टी ने वाजिब अली का टिकट काट दिया मगर बाद में फिर उन्हें ही प्रत्याशी बना दिया,बसपा के राजस्थान प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव धर्मवीर अशोक कहते है कि “यह अतीत की बात है फिलहाल वो युवाओं के लिए एक बड़ी उम्मीद है वो पढ़े-लिखे और परिपक्व है उनके पास दृष्टिकोण है और वो कामयाब बिजनेसमैन साबित होने के बाद गरीबो,दलितों वंचितों की सेवा करने आए है.
वाजिब अली राजस्थान में बसपा के 6 विधायकों में से एक है और उनकी पार्टी ने कांग्रेस सरकार के समर्थन का ऐलान किया है वाजिब अली के मंत्रिमंडल में शामिल होने की भी संभावना है नगर विधानसभा के रिजवान खान(36) कहते हैं”नगर के युवाओ ने वाजिब अली जीत को लेकर बहुत अधिक काम किया उन्हें 40% मत मिले,पिछली बार वो भाजपा की अनीता सिंह से हार गए थे.अगर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के मत भी उनकी और जोड़ दे तो उनको 80% मतो का हिस्सा मिलता है.
वाजिब अली ने समाजवादी पार्टी के नेम सिंह फौजदार को 26000 वोटों से हराया,भाजपा की विधायक अनीता सिंह तीसरे स्थान पर पहुंच गई.इस चुनाव प्रचार में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी नेम सिंह फौजदार के समर्थन में पहुंचे मगर युवा अखिलेश भी वाजिब अली की युवाओं की फौज को प्रभावित नही कर सके.वाजिब के साथी और करीबी मित्र नाहिद हसन उत्तर प्रदेश के कैराना से विधायक है वाजिब कहते हैं “मैं हर घर जाना चाहता था मुझे आवाज़ को जरूरत थी मैं लोकतंत्र की ताकत समझता हूँ अब मेरे पास मेरे इलाके की आवाज़ है जाहिर है मैं अपने इलाके में सबसे ज्यादा काम शिक्षा के लिए करना चाहूंगा ऑस्ट्रेलिया में रहने के बावजूद स्थानीय मेवात वाली भाषा बोल लेने वाले वाजिब अली कहते हैं ” मेरा माता पिता सहित मेरा परिवार यहीं रहता है मैं ऑस्ट्रेलिया पढ़ने गया था जहां अपने भाइयों के साथ काम मे हाथ बटाने लगा,मेरे नगर और ऑस्ट्रेलिया के मेलबॉर्न में जमीन और आसमान का फर्क है मैं नगर को मेलबॉर्न बनाना चाहता हूं यह एक बड़ा ख्वाब है मगर हो सकता है मेरा कॅरियर सेटेल हो चुका था मुझे लगा देश और उसके लोगो के प्रति भी मेरा फ़र्ज़ है अब मैं यहीं रहूंगा और जनहित में काम करूंगा.
वाजिब मानते है कि उन्हें हर बिरादरी से समर्थन मिला खासकर युवाओं और महिलायों ने उन्हें एकतरफा वोट की.
वाजिब अली अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण काउंसिल के भी सदस्य है और वो चाहते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में बने किसानों के लिए नए वीजा नियमों का भरतपुर के किसानों को लाभ मिले.
वाजिब के भाई सरताज खान पूरे चुनाव के दौरान उनका प्रचार का काम देखते रहे वाजिब को हर तरफ से शानदार समर्थन मिला सरताज कहते हैं “
हमने ऑस्ट्रेलिया में रहने की वजह से विकास किया है और अच्छा नाम कमाया है मगर हम जो कुछ भी है अपने देश भारत की वजह है वाजिब अपने इलाके में आकर अपने लोगो के लिए काम करना चाहता था जिसका मौका उसे मिल गया है अब उसे खुद को साबित करना है”.
चुनाव प्रचार के दौरान वाजिब ने अपनी जड़ों से जुड़ाव का ख्याल रखा,वो स्थानीय जबान में बात करते थे और उन्होंने आम लोगो जैसा दिखने की कोशिश की वो जहां जाते थे लोग उन्हें फूल मालाओं में लाद देते थे.
वाजिब कहते है “अब इन फूलों का बोझ बढ़ गया है जिसे मुझे सेवा कर उतारना है”.