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भीम आर्मी का नया रंग : शादी के कार्ड पर चंद्रशेखर की तस्वीर और महाबली रावण की जय

आस मुहम्मद कैफ़, TwoCircles.net

सहारनपुर : गुलशन की शादी हो रही है. 17 फ़रवरी को अनीता उनकी जीवनसंगिनी बन जाएंगी. 

26 साल के गुलशन घड़कौली के रहने वाले हैं और अनीता देवला की. घड़कौली वही गांव है, जहां ‘द ग्रेट चमार’ का बोर्ड सबसे पहले लगाया गया था. 2 साल पहले यहीं से भीम आर्मी का नाम प्रकाश में आया था. दलित-ठाकुर संघर्ष की पहली कहानी भी यहीं लिखी गई.

अब इस गांव में एक और नई पहल हुई है. गुलशन और अनीता की शादी में छपवाए गए शादी के कार्ड पर बाबा साहब की तस्वीर के साथ-साथ एक सिरे पर भीम आर्मी सुप्रीमो चंद्रशेखर और दूसरे सिरे पर लंका नरेश रावण का  दस सिर वाला फोटो भी लगे हैं.

और सिर्फ़ फोटो ही नहीं लगा है, बल्कि इसके नीचे कार्ड पर यह भी लिखा है —‘जय हो महाबली रावण की’.

यह बारात देवला गांव में जाएगी. यह गांव ठाकुर बिरादरी का प्रभुत्व वाला गांव है, जबकि घड़कौली दलितों की अघोषित राजधानी कहलाता है.

शादी कार्ड पर चंद्रशेखर की फोटो का यह पहला मामला नहीं है. हरिद्वार के अमरदीप और नीशु की भी 18 मार्च को शादी है. नीले रंग वाले इस निमंत्रण पत्र पर ऊपर बुद्ध और नीचे चंद्रशेखर की फोटो है. अब अक्सर यहां कई शादियों के कार्ड में ऐसे नज़ारे देखने के लिए मिल रहे हैं.

गुलशन हमें बताते हैं कि उनकी शादी कार्ड में चंद्रशेखर भाई का फोटो छपे, यह उनकी खुद की मर्ज़ी है, क्योंकि चंद्रशेखर हमारे हीरो हैं. मेरे ससुराल वालों को भी यह काफ़ी अच्छा लगा.

वो आगे कहते हैं कि, यहां शादी के कार्ड पर देवी-देवताओं का फोटो लगाने का चलन है. देवता वो है जिसने हमारे लिए कोई बलिदान किया हो. अब चंद्रशेखर हमारी इज़्ज़त के ख़ातिर जेल में है, तो हम उन्हें अपना देवता मानते हैं. उनकी लड़ाई हमारे लिए है. बाबा साहब हमारे सबसे बड़े देवता हैं.

गुलशन बताते हैं कि घड़कौली में सबसे पहले ‘द ग्रेट चमार बोर्ड’ उन्होंने ही अपने साथियों के साथ मिलकर लगाया था और शादी कार्ड पर रावण की दस सिर वाली तस्वीर भी उन्होंने ही लगवाई है.

वो कहते हैं, मुझे कई जगह सवालों का सामना करना पड़ा. मैंने कहा यह हमारे हीरो हैं. हम दुसरों का बोझ अपने कंधे नहीं ढो सकते.

गुलशन के मुताबिक़ कुछ लोगों ने उनकी तारीफ़ भी की और कुछ ने इसे व्हाट्सप पर वायरल भी कर दिया.

गुलशन के अनुसार वो 300 से ज़्यादा फोन कॉल रिसीव कर चुके हैं जो देश भर से आई हैं. उनके मुताबिक वो अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं.

हरिद्वार के रूपचंद ने भी यही किया है. उनके बेटे अमरदीप की 18 मार्च को शादी है. अमरदीप कहते हैं, अब यह हो रहा है और भीम आर्मी से जुड़े जिस युवा की भी शादी हो रही है, उसके कार्ड पर चंद्रशेखर भाई की फोटो है.

अमरदीप कहते हैं, सरकार ने भाई के ख़िलाफ़ जो दमन की नीति अपनाई है, उससे उनके साथ सहानभूति की लहर है. यहां 50 से ज़्यादा लोगों ने कार्ड पर चंद्रशेखर का फोटो लगाया है. यह सामाजिक क्रांति का सन्देश देने के लिए किया गया है. दलितों मे चंद्रशेखर भाई की दीवानगी बयान नहीं की जा सकती.

चंद्रशेखर के भाई कमल हमसे कहते हैं कि, भीम आर्मी को कुचलने की नियत रखने वालों के लिए यह एक करारा जवाब है. इससे समाज में भाई के लिए पैदा हो रहा सम्मान का पता चलता है.