कासगंज हिंसा : पूरे इलाक़े में कर्फ़्यू के बावजूद भाजपा सांसद ने खुलेआम किया बदला लेने का ऐलान, मुसलमान ख़ौफ़ में

TwoCircles.net Staff Reporter


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कासगंज/लखनऊ : उत्तर प्रदेश के कासगंज शहर में हुए बवाल के बाद कर्फ़्यू लगा दिया गया है. बावजूद इसके यहां के स्थानीय भाजपा सांसद राजवीर सिंह ने खुलेआम बदला लेने का ऐलान किया है.

कासगंज एटा के क़रीब एक छोटा ज़िला है, जिससे आगरा और अलीगढ़ दोनों बराबर दुरी पर हैं. इस समय अलीगढ़ के कमिश्नर सुभाष चंद्र शर्मा और आईजी सुनील कुमार गुप्ता यहां कैम्प किए हुए हैं.

बता दें कि यहां बवाल की शुरुआत कल दोपहर को हुई थी, जब कुछ विश्व हिन्दू परिषद व अन्य हिन्दुत्वादी संगठनों के कार्यकर्ता कथित तौर पर ‘तिरंगा यात्रा’ निकाल रहे थे.

कासगंज के डीएम आर.पी. सिंह के मुताबिक़, एक मुस्लिम बहुल इलाक़े में एक मस्जिद में घुसने और घरों में घुसने के प्रयास के बाद मुस्लिम युवकों से इनकी झड़प हो गई और फायरिंग में एक हिन्दू कार्यकर्त्ता की मौत हो गई. 

यह घटना आगरा हाइवे से सटे मोहल्ला बिद्दूनगर में हुई. यहां कसाई मार्केट में हिंसा हुई.

जानकारी के मुताबिक़ हिन्दू संगठनों के सैकड़ों युवा 50 से अधिक बाईक पर सवार होकर ‘तिरंगा यात्रा’ निकाल रहे थे और मुस्लिम बहुल इलाक़े में जाकर इन्होंने अति-उत्तेजना दिखाई और आपत्तिजनक नारे लगाएं.

एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक़, यह नारे थे —“मुंह में गिलौरी, बग़ल में पान मुल्लों! तुम जाओ पाकिस्तान…”   

यहां के लोगों की माने तो इस ‘तिरंगा यात्रा’ में तिरंगा कम, भगवा झंडा ज़्यादा दिखाई दे रहा था.

यहां के स्थानीय लोग बताते हैं कि, इन्होंने इसी इलाक़े की मस्जिद में घुसने की कोशिश की. बस इसके बाद दोनों पक्षो में हिंसा हो गई. इस दौरान एक मस्जिद में आग लगाए जाने की भी ख़बर है. इस पूरे घटना में कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं.

वहीं ख़बर है कि आज सुबह एक बेगुनाह मुसाफ़िर की बदले की कार्रवाई में गोली मारकर हत्या कर दी गई है. हालांकि अभी इसकी पुष्टि प्रशासनिक स्तर पर नहीं की गई है.

गौरतलब रहे कि उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ सालों से हिन्दुत्वादी संगठनों के ज़रिए ‘तिरंगा यात्रा’ को जोर शोर से निकाले जाने की परंपरा बन गई है, जिसमें तिरंगा के बजाए लोगों के हाथों में भगवा झंडा होता है.

इस पूरे घटना के बाद कासगंज का अल्पसंख्यक तबक़ा काफ़ी ख़ौफ़ में है.

स्थानीय निवासी रईस अहमद TwoCircles.net से बातचीत में बताते हैं कि, बवाल कसाई मार्केट में हुआ, मगर दहशत में पूरा इलाक़ा है. मुसलमानों ने खुद को अपने घरों में क़ैद कर लिया है और वो ख़ौफ़ में हैं.

वहीं यहां के मुसलमानों का यह भी आरोप है कि, पुलिस भी एकतरफ़ा कार्रवाई करती नज़र आ रही है.  पुलिस ने मुस्लिम इलाक़ों में ही सर्च अभियान चलाया है और आधा दर्जन से ज्यादा मुस्लिम युवकों को हिरासत में लिया है. यहां के लोगों की माने तो यह हिंसा योजनाबद्ध तरीक़े से की गई है.

लेकिन एडीजीपी क़ानून व्यवस्था आंनद कुमार के अनुसार यह एक योजनाबद्ध तरीक़े से हुई घटना नहीं है, बल्कि एक इत्तेफ़ाक़ है.

हालांकि स्थानीय लोगों से बात करने पर वो बताते हैं कि, कासगंज पिछले तीन दिन से सुलग रहा था. यहां कोतवाली क्षेत्र में चामुंडा देवी मंदिर पर गेट लगने को लेकर भारी तनाव था. इस मंदिर पर गेट का मुस्लिमों के एक समूह ने विरोध किया था. जिसके बाद यहां इस गेट को सरकारी मशीनरी ने  लगाने से रोक दिया गया था. इसके बाद से यहां कासगंज अंदर ही अंदर सुलग रहा था.

समाजवादी पार्टी के एमएलसी सुनील यादव साजन कहते हैं कि, इस घटना में साज़िश से इंकार नहीं किया जा सकता. जिस तरह से हिन्दू संगठन इस हिंसा को तिरंगे से जोड़ रहे हैं, वो एक गंभीर विषय है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस घटना पर ट्वीट किया है और मृतक के परिवार से सहानभूति जताई है. साथ ही दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है.

वहीं कासगंज से पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह उर्फ राजू भैय्या सांसद हैं, उन्होंने ऐलान किया है कि हिन्दू चुप नहीं बैठेगा.

इस ऐलान के बाद कासगंज के आसपास ज़िलों के सभी हिन्दू संगठनों ने आज कासगंज पहुंचने की घोषणा की है.

डीएम आरपी सिंह का कहना है कि, किसी बाहरी को घुसने नहीं देंगे. वहीं आगरा के एडीजीपी अजय आनंद ने कहा कि, स्थिति नियंत्रण में है. हर एक बिंदु पर गंभीरता से नज़र है.

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