त्रिपुरा में जाहिद की हत्या : घर में रहेंगे तो भूख से मरेंगे, बाहर भीड़ मार देगी,

आस मोहम्मद कैफ, TwoCircles.net

यहां के पूरे गांव का ‘दोस्त‘ कहे जाने वाला तीन बच्चों का एक पिता जाहिद त्रिपुरा में बच्चा चोरी की अफवाह के बाद मार दिया गया है.आज सुबह उसकी लाश को गांव के कब्रिस्तान में दफना दिया जिसमें हजारों लोग शामिल हुए.


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त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से 25 किमी दूर सीधाई मोहनपुर नाम वाले गांव में 28 जून को सुबह 10 बजे यह हादसा हुआ हालांकि सम्भलहेड़ा के लोग इसे सरकार द्वारा पाले गये गुंडों की तरफ से की गई हत्या मानते है.शुक्रवार को सुबह 10 बजे ज़ाहिद(39) सिधाई मोहनपुर में अगरतला से फेरी करने गए थे.

उनके साथ एक स्थानीय ड्राइवर सोपान मियां के साथ अपनी किराये की गाड़ी में कपड़े और छोटे इलेक्ट्रॉनिक सामान भरा हुआ था.सीधाई मोहनपुर गांव में बच्चा चोरी की अफवाह के बाद इन्हें हजारो की भीड़ ने घेर लिया और बुरी तरह पीट दिया.उसके बाद पुलिस ने इन्हें बचाने की कोशिश और चौकी में बंद कर दिया गया. स्थानीय लोगो के अनुसार इसके बाद पुलिस के सिपाही बहुत कम पड़ गए और पुलिस से छीनकर भीड़ ने ज़ाहिद को मार दिया उसको बुरी तरह पीटा गया और सर में भारी वस्तु से चोट की गई.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ज़ाहिद की मौत सर में लगी चोट से ही हुई है.अगरतला के एसपी अजित प्रताप सिंह के मुताबिक अफवाह पूरी तरह से झूठी थी.यह अफवाह कैसे फैलाई गई इसपर हम जांच कर रहे है.भीड़ अत्यधिक उत्तेजित हो गई इसमें हमारे तीन पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.एसपी के अनुसार लोगो मे अफवाह फैलाई गई कि एक गिरोह बच्चा चोरी करके उनकी किडनी निकाल कर बेच रहा है हालांकि अब तक एक भी मामला ऐसा सामने नही आया है और यह बात कोरी अफवाह साबित हुई है.

ज़ाहिद पिछले 12 साल से लगातार किराये पर अगरतला में रहता था यहां स्थानीय लोग उससे अच्छी तरह परिचित थे वो त्यौहार और शादी पर अपने गांव आता रहता था उसके तीनो बच्चे और बीवी मुजफ्फरनगर के सम्भलहेड़ा गांव में रहते है उसके पांच भाई है.ज़ाहिद की गांव में अच्छी लोकप्रियता है वो लोगो के दुख दर्द शरीक रहता था उसे नेतागणों और अफसरों के साथ फोटो खिंचाने का शौक था उसका भाई जावेद हमे बताता है कि”वो चाहता था कि उसका नाम बड़े बड़े अखबारों में छपे अब मौत के बाद यही हो रहा है वो गरीबो का मददगार था अब उसके बच्चे खुद मोहताज हो गए है”.

अगरतला में ज़ाहिद की लाश को उसके मकान मालिक यूसुफ(43) के सुपुर्द किया गया यूसुफ ने बताया कि ज़ाहिद बहुत मिलनसार आदमी था जब पुलिस ने बताया कि उसे भीड़ ने बच्चा चोर बताकर मार दिया है तो मैं बुरी तरह शॉक्ड हो गया.ज़ाहिद मेरा 10 साल से किरायेदार है उसके परिवार से भी मैं मिला हूँ ,सभी स्थानीय लोग भी उसे जानते है उसका कभी किसी से कोई झगड़ा नही हुआ वो यहां फेरी लगाकर पैसा कमाता है.इस बार उसका माल नही बिका तो वो ईद पर भी वो अपने घर नही गया.यह पूरी तरह से झूठी अफवाह पर किया गया मर्डर है.यूसुफ कहते है कि “ज़ाहिद की लाश के घर आने पर एक  हजार से ज्यादा लोग दुख जताने मेरे घर आ गए.
ज़ाहिद बुरा आदमी नही था उसने यहां भी उसने दोस्त बनाये थे.

ज़ाहिद अपनी बेटी को डॉक्टर बनाना चाहता था.सम्भलहेड़ा में उसके घर के बाहर 10वी में पढ़ रही उसकी 14 साल की बेटी मुस्क़ान बताती है कि”पापा ने आख़री बार बुधवार को बात की थी और उसे पढ़ाई पर खूब ध्यान देने के लिए कहा था वो यहां रहकर इतना पैसा कमा सकते थे कि हम भूखे न रहे मगर दूर रहकर इसलिए कमा रहे थे कि हम पढ़ सके”.

त्रिपुरा में पिछले 24 घण्टे में बच्चा चोरी की अफवाह के बाद लोगो की मौत हो चुकी है.यहां के मुख्यमंत्री विप्लब् दास ने इसे कोरी अफवाह बताया है उनका कहना है कि यह विपक्षी पार्टी फैला रही है वैसे वहां कोई बच्चा चोरी तो नही हुआ है मगर इस अफवाह से कुछ बच्चे यतीम जरूर हो गए है.

हाल ही में  मार्च में त्रिपुरा में बड़ा राजनीतिक परिवर्तन हुआ है यहां पहली बार बीजीपी की सरकार बनी है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी यहां प्रचार करने गए थे यहां बड़ी संख्या में नाथ सम्प्रदाय के लोग रहते है जो गोरखनाथ मंदिर को अपना पूजा केंद्र मानते है इसके बाद से कट्टरता पनपी है और लोग कानून अपने हाथ मे लेने में हिचक नही रहे हैं त्रिपुरा के डीजीपी एके शुक्ला के अनुसार पूरे त्रिपुरा की इंटरनेट सेवायें 24 घण्टे के लिए बंद कर दी गई है.मुख्यमंत्री विप्लब् ने इसके पीछे मुख्य विपक्षी पार्टी सीपीआई(एम) का हाथ बताया है.

मगर इस किंतु परंतु के बीच ज़ाहिद के तीन बच्चे अनाथ हो गए हैं और कई सपने कुचल दिए गए है.ज़ाहिद के 10 साल के बेटे शमी के अनुसार इस बार पापा ईद पर घर नही आये थे मगर उन्होंने वीडियो कॉलिंग की थी और हम सबसे अलग अलग बात की ,ईद पर हमारे बनाये हुए कपड़े देखे।

बदहवास होकर ज़ाहिद का सबसे बड़ा बेटा चांद(15) कहता है “अब वो कभी नही आएंगे.”सम्भलहेड़ा में ज़ाहिद के घर पर अभी सीमेंट वाला कच्चा पलस्तर हुआ पड़ा है इस बार उम्मीद थी कि वो पैसा कमाकर लाएगा तो इसपर पैंट करा लेगा.ज़ाहिद के दो भाई भी उसके साथ अगरतला में ही फेरी लगाने का काम करते थे मगर ईद पर वो वापस आ गए थे उनके एक भाई जावेद कहते है कि”उनका थोड़ा सा माल बेचने के लिए बचा हुआ था उन्होंने कहा वो इसे बेचकर आएंगे अब उनकी लाश आई है”.

ज़ाहिद के घर के बाहर एक दर्जन से ज्यादा लोग चिंता में डूबे है इनमे ज़ाहिद की मौत,अपना मुस्तक़बिल और कारोबार की फिक्र खाई जा रही है.अज़ीज़ अहमद(68) कहते है इस गांव के लगभग 300 लड़के घर से बाहर फेरी लगाने का काम करते है ज़ाहिद की मौत के बाद 80 फीसद तो लौट आये.दूसरे भी लौट आएंगे यह सब मुसलमान है इस तरह से हमले होंगे तो लोग कंकड़ पत्थर खाएंगे लेकिन घरों में कैद रहेंगे.

ईद से दो दिन बाद पिलखुवा में गाय के नाम पर पीट-पीटकर एक 50 साल के आदमी को मार दिया गया.वहां भी हत्या की पड़ताल पर अफवाह की बात सामने आई.खास बात यह है की गाय काटने अथवा बच्चा चोरी की अफवाहों में मरने वाले अधिकतर लोग अल्पसंख्यक समुदाय से आते है और ऐसी घटनाएं भी बीजीपी शासित राज्यो में अधिक घटित हुई है।

पिछले तीन दिन से सम्भलहेड़ा में बेचैनी है यहां युवाओं पर अजीब सा डर है मोहम्मद शाहिद कहते हैं “वो बाहर फेरी लगाने का काम आज ही से छोड़ रहे है उनके परिवार के लोग डर गए है वो मजदूरी कर लेंगे मगर इतनी दूर कमाने नही जाएंगे”.

ज़ाहिद की बीवी खुशुनुमा अब इद्दत में है यह ईद वो हमेशा याद रखेगी.ज़ाहिद का भाई सलमान हमे उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिखाता है उसकी अंग्रेजी की समझ एक वाक्य पर आकर रुक जाती है यहां ज़ाहिद की नेशनल्टी लिखी है  ‘इंडियन 

सलमान कहता है “अब गांव में कोई काम तलाश करेंगे बाहर जाने से डर लगता है पता नही कौन सा झुठ हमारा क़ातिल बन जाये”।

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