TwoCircles.net News Desk
हरदोई : ‘इलाहाबाद में क़ानून की पढ़ाई कर रहे दलित समाज के दिलीप सरोज की निर्मम हत्या को हम भूले भी नहीं थे कि अब उन्नाव में एक दलित लड़की तो बलिया में एक 45 साल की महिला को ज़िन्दा जला दिया गया. इससे यही प्रतीत होता है कि उत्तर प्रदेश में क़ानून नाम की कोई चीज़ नहीं है.’
ये बातें दलितों के बीच काम करने वाली ‘लक्ष्य’ नामक संस्था के हरदोई टीम द्वारा हरदोई के गांव संडीला बेलाई में आयोजित ‘लक्ष्य गांव की ओर’ कार्यक्रम में लक्ष्य कमांडर मुन्नी बौद्ध ने कही.
मुन्नी बौद्ध ने उत्तर प्रदेश में घट रहे इन अमानवीय घटनाओं पर सरकार की चुप्पी पर गहरा दुख प्रकट किया और कहा कि, सरकार में बैठे दलित नेता भी दलितों की इन अमानवीय घटनाओं पर अपना मुंह नहीं खोलते हैं, जो कि उनकी गुलामी को दर्शाता है. ज़रूरत है कि सरकार में बैठे इन गुलाम दलित नेताओं का बहिष्कार किया जाए.
उन्होंने बहुजन समाज के लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि वो इस प्रकार के अत्याचारों के ख़िलाफ़ एकजुट होकर उनका विरोध करें.
उन्होंने कहा कि, जब तक बहुजन समाज अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं होगा, तब तक उनका शोषण होता रहेगा.
अपनी जातियों की ज़ंजीरों को तोड़कर आपस में भाईचारा नहीं बनाता है, तब तक उनके अधिकार मिलने आसान नहीं हैं.
उन्होंने बहुजन समाज के साथ हो रहे अमानवीय अत्याचारों पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि, ऐसा लगता है कि हम लोग आज भी गुलाम हैं.
उन्होंने लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि, आओ मिलकर हम लोग आपस के भेदभाव को भूलकर इन गुलामी की ज़ंजीरों को तोड़ें.
लक्ष्य कमांडर राजकुमारी कौशल ने लोगों से बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के बताए मार्ग को अपनाने की बात कही.
लक्ष्य के युथ कमांडर अखिलेश गौतम ने लक्ष्य के कार्यो व उद्देश्यों के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि लक्ष्य की टीम द्वारा बहुजन समाज के अधिकारों को लेकर एक “बहुजन भागीदारी महारैली” का आयोजन दिनांक 8 अप्रैल 2018 को लखनऊ के डॉ. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन प्रतीक स्थल पर किया जाएगा. उन्होंने लोगों से इस महारैली को सफल करने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में पहुंचने की अपील भी की.