आस मोहम्मद कैफ | सहारनपुर
इधर ग्वालियर, बिजनोर और पटना में भीम आर्मी ने तीन रैलियां की है, इन सभी रैलियों में अच्छी खासी भीड़ रही,तीनों को दलित मुस्लिम पिछड़ा एकता रैली नाम दिया गया. अब वो आगरा में एक और बड़ी रैली का ऐलान कर चुकी है इसके बाद एक दिसंबर को वो मुजफ्फरनगर में एक बड़े आंदोलन का आगाज़ करेगी. जिसका बिगुल फूंकने की बात चन्द्रशेखर यहाँ खुद कह गए.
खास बात यह है कि बहुजन समाज पार्टी छोड़ चुके या फिर निकाले गए नेता भीम आर्मी के साथ खड़े नज़र आये. मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुई रैली में मंच पर बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आईएस मौर्या ने भीम आर्मी के सुप्रीमो चन्द्रशेखर का गुणगान किया और उन्हें मंच पर आमंत्रित किया तो बिजनोर में बसपा के कई बड़े नेता मंच पर चन्द्रशेखर का गुणगान करते रहे,एक नेता ने तो उन्हें नगीना से चुनाव लड़ने तक का आमंत्रण दे दिया. बिजनोर की सभा को बसपा से तीन बार विधायक रहे मोहम्मद ग़ाजी ने आयोजित किया था.
पटना की रैली में चन्द्रशेखर ने कहा कि अगर सवर्ण समाज का आदमी बसपा में भी हो तो उसे हरा देना, भीम आर्मी के कार्यकर्त्ता राहुल नागपाल के मुताबिक उनका इशारा सतीश चंद्र मिश्रा की तरफ था,हालाँकि बिजनोर की रैली में चन्द्रशेखर ने कहा था कि वो बहनजी को पीएम बनाना चाहते है,बसपा के एक युवा कार्यकर्ता गौरव जाटव पूछते है कि”अगर बसपा के सभी स्वर्ण जाति के उम्मीदवार को भीम आर्मी के लोग हरा देने का काम करेंगे तो बहनजी पीएम कैसे बनेगी”.
जानकार मानते है कि पिछले कुछ समय से भीम आर्मी की कार्यशैली में परिवर्तन आया है,चन्द्रशेखर के रासुका में लंबे समय तक जेल में बंद रहने के बाद इसकी उम्मीद की जा रही थी,सामाजिक संघर्ष का दावा करने वाली भीम आर्मी
की राजनितिक गतिविधियां अचानक बहुत बढ़ गई है,जेल से आने के बाद एक माह तक शांत रहे चन्द्रशेखर अब लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं,उनके साथ दलित समाज के दर्जनों हथियारबंद युवक साया की तरह रहते है पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की राजनीति के स्टाइल में उनका भौकाल टाइट है.युवा उनसे प्रभावित हो रहे हैं उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है.
चन्द्रशेखर मंचों पर अपने भाषणों में भीम राव आंबेडकर और कांशीराम को अपना प्रेरक बताते हैं और उनके नक़्शेक़दम पर चलने वाला बताते हैं बिजनोर के दलित मामलों के जानकार भूपेंद्र चमार कहते है “ऐसा करके चन्द्रशेखर कई तीर साधना चाहते है जैसे वो मायावती जी से असंतुष्ट लोगो को अपनी और ज़ुटा सकते है और दूसरा वो यह भी इशारा करते है कि सामाजिक संगठन राजनीतिक पार्टी का पिता होता है हमें नही लगता कि वो मायावती जी के लिए कोई परेशानी खड़ी कर सकते हैं”.
प्रोफेसर संजय जाटव के मुताबिक कुछ युवकों में चन्द्रशेखर की लोकप्रियता काफी बढ़ गई है वो उसकी आलोचना नही सुनते बल्कि मायावती पर नाराज होते है मगर इसका यह मतलब बिल्कुल नही है दोनों की विचारधारा दलित हितैषी नही है,बल्कि दोनों अपनी जगह सही काम कर रहे हैं.
सवाल यह है आखिर यह चर्चा चल ही क्यों रही है! जिसमें भीम आर्मी और बसपा को अलग-अलग चश्मे में देखा जा रहा है,दलितों के उत्थान की एक संस्था चलाने वाले मुजफ़्फ़रनगर के सुरेंद्र नॉटियाल के मुताबिक दलित इस एक बात पर एकराय है कि उनकी राजनितिक पार्टी बहुजन समाज पार्टी है और सिर्फ वो उनकी हितों की रक्षा कर सकती है,मगर बहनजी के बाद कौन!यह सवाल भी अब तैरने लगे है!गौरतलब है चन्द्रशेखर भी अब इस बात को समझते है इसलिए वो अब वो अपने हर कार्यक्रम में अपनी 32 साल की उम्र का जिक्र जरूर करते है.
सुरेंद्र कहते है यही कारण है कि भविष्य की संभावनाओ ने चन्द्रशेखर को महत्वकांक्षी बना दिया है, चंद्रशेखर अब तमाम सभाओं में बोलने से पहले होमवर्क करते है जैसे पटना में उन्होंने भोजपुरी बोलने की कोशिश की,ग्वालियर में उन्होंने भारत बंद के दौरान मारे दलितों को शहीद बताया और उनको सम्मान देने की बात कहकर यहाँ के दलितों की नब्ज़ को छू लिया और पश्चमी उत्तर प्रदेश में दलितों की कैपिटल कहे जाने वाले बिजनोर में दलितों की खुद रहनुमाई करने का आग्रह कर दिया.
बिजनोर जनपद की शेरकोट विधानसभा से कई बार विधायक रहे मोहम्मद ग़ाजी कहते है कि अब ये तो चन्द्रशेखर ही फैसला लेंगे मगर अगर वो ऐसा करते है तो हम उनका स्वागत करेंगे, 19 नवम्बर को बिजनोर में हुई रैली में मोहम्मद ग़ाजी आयोजक थे इसमें पूर्व मंत्री दद्दू प्रसाद ने भी शिरकत की.
पिछले दिनों भीम आर्मी में बंटवारे की खबर आई थी पड़ताल पर पता चला कि भीम आर्मी के तीन युवकों ने अपनी अलग भीम आर्मी 2 बना ली,भीम आर्मी के महानगर अध्यक्ष प्रवीण गौतम के गौतम के मुताबिक यह एकदम बचकानी हरकत है एक स्थानीय नेता ने उन्हें बहका दिया और संघ पोषित मीडिया ने इसे बड़ा बनाकर पेश कर दिया वो तीनो युवक अब हमारे साथ है,योगेश गौतम उन तीनों युवकों में से एक है अब वो उस बारे कोई बात नही करते.
कल रात चन्द्रशेखर सहारनपुर वापस लौट आएं है,पिछले एक पखवाड़े से वो लगातार जन-संपर्क में है,सहारनपुर के भीम आर्मी उद्भव के दौरान बुलेट बाइक से चर्चा में आयें चन्द्रशेखर अब हवाई जहाज़ से आवागमन करते है,अयोध्या में चन्द्रशेखर अब गौतम बुद्ध के मंदिर की मांग कर रहे हैं,आगरा में वो मुसलमानों की हिमायत का वो ऐलान कर चुके है,चन्द्रशेखर का कहना है कि वो हर उस जगह जायेंगे जहाँ उन्हें लगेगा कि संविधान की मूल आत्मा के साथ छेड़छाड़ हो रही है,वो सविंधान के पालन के लिए कटिबद्ध है,चन्द्रशेखर के साथ अयोध्या से लौटे मोहम्मद उस्मान के अनुसार चन्द्रशेखर की राजनीति का सेटअप साफ़ दिखता है वो सविंधान के रक्षा के लिए खड़ा है,अयोध्या में सविंधान दिवस वाले दिन पहुंचकर वो यही सन्देश देंना चाहते है,चन्द्रशेखर बार-बार मायावती की हिमायत में खड़े होते दिखते है मगर बहुजन समाज की नेता मायावती हर बार उनसे पल्ला झाड़ जाती है,चन्द्रशेखर ने दिल्ली में एक बार फिर मायावती को प्रधानमंत्री बनाने का आह्वान किया है.