पहले चरण के चुनाव के लिए आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 8 लोकसभा सीटों के लिए आज शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हुआ।पश्चिमी उत्तर प्रदेश की इन आठ लोकसभा सीट में सहारनपुर, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर,मुजफ्फरनगर,बागपत,कैराना,मे
समझा जा रहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहले चरण का चुनाव गठबंधन का ट्रायल है।आज वोटिंग के बाद यह स्पष्ट भी हुआ है कि यहां सपा बसपा गठबंधन सत्ताधारी भाजपा के साथ सीधे मुकाबले में खड़े है।पहले चरण के जानकारों के मुताबिक गठबंधन का पलड़ा भाजपा पर भारी दिखाई देता है।सहारनपुर और कैराना जरूर अपवाद हो सकता है जहां कांग्रेस ने भी अच्छा संघर्ष किया है।
मतदान के दौरान आज भाजपाइयों की हताशा सुबह से दिखनी शुरू हो गई थी।इसकी शुरुवात मुजफ्फरनगर से हुई थी।यहां के बीजीपी के प्रत्याशी संजीव बालियान ने मुस्लिम बहुल गांव सुजुड़ में मुस्लिम महिलाओं पर फर्जी वोटिंग करने का आरोप लगाया था।संजीव बालियान ने इसकी चुनाव आयोग में शिकायत की थी और महिलाओं से बुर्का उतारकर वोट दिए जाने की मांग की थी हालांकि उनके अपील स्वीकार नही की गई।यहां संजीव बालियान के मुकाबले में रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित सिंह चुनाव लड़ रहे हैं।यहां संजीव बालियान ने कहा वो पुनः मतदान की मांग करेंगे।रालोद के लोकसभा प्रभारी कुँवर अय्यूब अली के मुताबिक संजीव बालियान हार से डर स्व ऐसा कह रहे हैं।
आज के मतदान कैराना सबसे अधिक चर्चा में रहा।कैराना में फर्जी मतदान की शिकायत के बाद सुरक्षाकर्मियों ने हवाई फायरिंग की और इसके बाद कुछ समय तक मतदान प्रभावित हो गया।बाद में डीएम और एसपी शामली के मौके पर पहुंचने के बाद पुनः मतदान शुरू हुआ।
यहां बसपा ने दलितों पर मतदान से जबरदस्ती रोकने का आरोप लगाया।बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र द्वारा इसकी शिकायत चुनाव आयोग में भी गई।बिजनोंर लोकसभा के गांव कसौली में इवीएम में गड़बड़ी की शिकायत की गई थी।यहां गठबंधन के प्रत्याशी मलूक नागर ने बताया कि कुछ वोटर ने वोट बीएसपी को दी मगर सिग्नल बीजीपी का आया।शामली में सुबह कुछ ईवीएम में गड़बड़ी की बात सामने आई थी।बाद में वो ठीक काम करने लगी।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मतदान के नजरिए को लेकर देश भर उत्सुकता थी।इसकी वजह 2014 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे को भी माना जाता है।इस बार किसानों में नाराजग़ी थी।बेरोजगारी,महंगाई और फसलों के आवारा पशुओं द्वारा तबाह किए जाने से नाराजग़ी थी।
हालांकि इस सबसे इतर आज की वोटिंग में ‘मोदी हटाओ अथवा मोदी बचाओ’ ही सबसे सबसे बड़ा मुद्दा दिखाई देता है।पहले चरण की इस चुनाव में मोदी सरकार के मंत्री वीके सिंह ग़ाज़ियाबाद से,महेश शर्मा गौतमबुद्ध नगर से,सतपाल सिंह बागपत से चुनाव लड़ रहे हैं।इनमे से किसी की भी जीत को निश्चित नही कहा जा सकता है।
बिजनोंर लोकसभा में मतदान के दौरान पुलिस द्वारा एक समुदाय विशेष के लोगो के दुर्व्यवहार की भी शिक़ायत आई।बिजनोंर लोकसभा के मीरापुर विधानसभा के रामलीला भवन के ड्यूटी पर तैनात इंस्पेक्टर राजेन्द्र सिंह पर दिन भर
मुजफ्फरनगर के गौहर सिद्दीकी के मुताबिक चुनाव में किसी तरह की कोई मोदी लहर नही दिखाई दी।लोगो में इस बार 2014 की तरह उत्साह नही था।इसके उलट दलितों और मुस्लिमों ने दिल खोलकर वोटिंग की।
2014 में इन सभी सीटों पर भाजपा के सांसद चुने गए थे।
जबकि इस बार मुजफ्फरनगर में 66.66% ,सहारनपुर में 70.68, कैराना में 62,बिजनोंर में 65.40 ,गाजियाबाद में 57.69,मेरठ में 63 ,गौतमबुद्ध नगर में 60.15, और बागपत में 63.90 मतदान हुआ है।