उत्तर प्रदेश की दलित बहुल आठ सीटों पर 18 अप्रैल मतदान संपन्न हुआ इस मतदान में मतदाताओं के रुझान से यह भी स्पष्ट हो गया कि इन आठ सीटों पर भाजपा वापसी करने नही जा रही.इसका पहला संकेत अमरोहा से मिला जहां भाजपा के प्रत्याशी कवंर सिंह तंवर ने बुर्के में मतदान करने पर आपत्ति जताई.इसपर उनकी बौखलाहट साफ दिखाई दी.बुलंदशहर में भाजपा के प्रत्याशी भोला सिंह को बूथ में प्रचार के प्रयास के दौरान रंगे हाथ पकड़ लिए जाने पर दिनभर के लिए नजरअंदाज कर दिया.अलीगढ़ से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे सतीश गौतम कई जगह मुस्लिम मतदाताओं से उलझ गए.
नगीना में भाजपा के उम्मीदवार डॉ यशवंत सिंह के चेहरे पर भी दिन भर हताशा छाई रही.आज नगीना, हाथरस,अलीगढ़ ,अमरोहा ,बुलंदशहर,आगरा,मथुरा,फतेहपुर सीकरी में आज मतदान हुआ.जातीय बहुलता के कारण इस इलाके को दलित पट्टी कहा जाता है.नगीना,हाथरस,आगरा और बुलंदशहर दलितों के लिए सुरक्षित सीट भी है.इस चरण में कई महत्वपूर्ण नेता चुनाव लड़ रहे हैं. जिनमे फतेहपुर सिकिरी से कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर,हाथरस से गठबंधन के उम्मीदवार कद्दावर समाजवादी नेता रामजी लाल सुमन,अमरोहा से बसपा के कुँवर दानिश अली और मथुरा से भाजपा की हेमा मालिनी चुनाव लड़ रही है.
2014 में इन सभी सीटों पर भाजपा के सांसद रहे हैं.अलीगढ़ से सतीश गौतम,आगरा से रामशंकर कठेरिया, मथुरा हेमा मालिनी,नगीना से डा यशवंत सिंह,बुलंदशहर से भोला सिंह,अमरोहा से कंवर सिंह तंवर,हाथरस से राजवीर सिंह दिवाकर और फतहपुर सीकरी से चौधरी बाबूलाल चुनाव जीत गए थे.इस बार इन सबकी स्थिति डावांडोल है।आगरा के सांसद राम शंकर कठेरिया और फतहपुर सीकरी के सांसद बाबू लाल का टिकट काटकर भाजपा नेतृत्व ने नाराज़गी दूर करने की कोशिश की थी.मगर दलितों और मुस्लिमों और किसानों के द्वारा की गई एकजुट वोटिंग से भाजपा की राह बेहद मुश्किल हो गईं है.
नगीना,अमरोहा,बुलंदशहर और हाथरस में गठबंधन के पक्ष में भारी मतदान हुआ है.अलीगढ़,आगरा,मथुरा में त्रिकोणीय मुक़ाबला दिखाई देता है.फतहपुर सीकरी में राज बब्बर ने भाजपा प्रत्याशी राजकार चाहर की चूले हिला दी है.यहां गठबंधन के प्रत्याशी गुड्डू पंडित को जनता ने नकार दिया है.उनका अधिकतर वोटर कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में गया है.
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