By आस मोहम्मद कैफ़, TwoCircles.net
अलीगढ़- सिटीजन एमेंडमेंट बिल के खिलाफ एएमयू से प्रतिक्रिया काफी सख्त प्रतिक्रिया आई है।यहां कैब में विरोध में बेहद जोरदार प्रदर्शन हो रहे है।हालात ऐसे है कि हजारों छात्र-छात्राएं हाथों में मशाल लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।मंगलवार की रात हुए प्रदर्शन में वक्ताओं ने कहा है कि यह देश संविधान और अस्तित्व बचाने का सँघर्ष है।यह आज़ादी की दूसरी लड़ाई है।प्रदर्शन में हिंदुत्व मुर्दाबाद और मोदी शाह विरोधी नारे लगाएं गए हैं।यूनिवर्सिटी में स्टाफ लाइब्रेरी से चलकर यूनिवर्सिटी सर्किल में हुई एक सभा मे वक्ताओं ने बिल के खिलाफ आवाज़ बुलंद की है।विरोध स्वरूप 21 हजार छात्र ने आज खाना खाने से इंकार कर दिया है।एएमयू के स्टूडेंट बिल के विरोध में दिल्ली कूच करने की तैयारी में है।
पुलिस ने इस प्रदर्शन के बाद 720 प्रदर्शनकारियो के विरुद्ध मुक़दमा क़ायम किया है।जिनमें से 20 को नामज़द किया गया है।यह प्रदर्शन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज द्वारा आहूत किया गया था और हजारों की भारी संख्या में इसमें छात्र शामिल हुए।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम मुस्लिम विश्वविद्यालय नागरिकता संशोधन बिल को सिरे से नकारता है।नागरिकता संशोधन बिल, 2019 सरकार द्वारा मंत्रिमंडल से पास करने के बाद लोकसभा से भी पास हो गया है।बिल के मुताबिक भारत मे सिर्फ़ हिंदू, सिख, बोध, जैन, पारसी ओर ईसाई मज़हब  के मानने वाले उन शरणार्थियों को नागरिकता दे दी जाएगी जो अफगानिस्तान, पाकिस्तान ओर बांग्लादेश से भारत आएंगे।
सलमान इम्तियाज ने कहा कि इससे साफ़ तौर पर पता चलता है की मुसलमानो के ख़िलाफ़ एक बड़ी साज़िश हो रही है।यह बिल हिंदुस्तान के नागरिकों के मोलिक अधिकार का हनन है ओर जो लोग इस बिल का समर्थन कर रहे है वो देश विरोधी हैं ओर हिंदुस्तान को मज़हब के नाम पर तोड़ना चाहते हैं।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष सलमान इम्तियाज ने बिल का समर्थन करने वाले तमाम राजनीतिक दलों से कहा है जो इस  इस बिल के समर्थन मैं हैं कि वो असल में वो देश की एकता और अखंडता के लिए ख़तरा है।सलमान ने कहा है कि हिंदुस्तान की मूलभूत परिभाषा ही समानता ओर धर्मनिरपेक्ष है और यह बिल इस देश के मूलभूत सिद्धांत के ख़िलाफ़ है।यह बिल ठीक इसराइल को ज़हन मे  रखते हुए बनाया गया है जिस तरह से इसराइल मे सिर्फ़ यहूदियों को ही नागरिकता दी जाती है उसी तरह से हिंदुत्व के मानने वाले लोग इस देश को इसराइल बनाना चाहते हैं।
सलमान के अनुसार यह बिल सावरकर, हेडगेवर, गोलवलकर जैसे लोगों का ख़्वाब है जिन्होंने इस देश मे नफ़रत फैलाने का काम किया ओर महात्मा गांधी के ओर आज़ादी के चाहने वालों के ख़्वाबों की हत्या के जैसा है।इस बिल का असल मक़सद मुल्क मे दोबारा बँटवारा करने का है,दहशत की राजनीति करने का है, ओर जो असल मुद्दे हैं हिंदुस्तान के विकास के लिए जनता को उससे भटकाने का है।यह सिर्फ़ राजनीतिक धुर्वीकरण पर आधारित है जिससे हिंदुस्तान की शांति को भंग करने की कोशिश की जा रही है।बिल का संसद पास होना  है तो यह हिंदुस्तान की तारीख़ के लिए अच्छा नहीं है।
छात्र संघ के एक और पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि”यह आज़ादी की दूसरी लड़ाई की तरह है।जो लोग इस बिल को लेकर आएं है वो देश की मूल भावना के विरोधी है वो धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत को खत्म कर देना चाहते हैं और भारत को एक साम्प्रदयिक राष्ट्र बनाना चाहते हैं।
सलमान इम्तियाज के अलावा अब्दुल्ला गर्ल्स कॉलेज की प्रेजिडेंट आफरीन फ़ातिमा ने बेहद मुखर होकर इस बिल के ख़िलाफ़ प्रतिक्रिया दी है।आफरीन फ़ातिमा ने कहा इस बिल से भविष्य में मुसलमानों के नरसंहार की नींव रखी जा रही है।साम्प्रदयिक सोच को यह राजनीति भारत के भविष्य को बिगाड़ कर रख देगी।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविध्यालय में पहुंचे  रिहाई मंच के राजीव यादव ने भी इस बिल की निंदा करते हुए अमनपसंद लोगो से भी बिल की निंदा करने की गुजारिश की है ओर सभी अमन पसंद लोगों से दरखवस्त की है वो इस बिल की निंदा करे।
यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष शहज़ाद आलम बरनी के अनुसार यह बिल भारत के मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का षड्यंत्र है।बिल सावरकर के एजेंडे पर आया है।भारत के मुसलमानों के साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है वो पूरी तरह से देशभक्त है अब उन्हें उनके ही मुल्क में बेगाना साबित करने की साज़िश हो रही है।देश के तमाम धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दलों को इस बिल के विरोध करना चाहिए और अमन पसंद लोगो को सड़कों पर उतर कर इसका विरोध करना चाहिए।

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