लखनऊ।
आस मोहम्मद कैफ , TwoCircles.net
नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू करने के विरोध में शुक्रवार को पूरा प्रदेश में जमकर हिंसा हुई।यूपी पुलिस के आईजी कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने आज अलग अलग जनपदों में हुई 15 मौतों को पुष्टि की है हालांकि उन्होंने यह नही कहा कि यह मौत मौत पुलिस की गोली से हुई।प्रवीण कुमार ने बताया कि यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद कहा जा सकेगा।उन्होंने बताया कि 253 पुलिसकर्मियों भी घायल है। सभी बवालियों के विरुद्ध बेहद सख्त कार्रवाई की जाएगी।बावलियों की सम्पति जब्त की जाएगी।अब तक 705 लोगो को गिरफ़्तार किया गया है।मुजफ्फरनगर में प्रशासन द्वारा कुछ दुकानों पर सील लगाने की ख़बर हैं।सैकड़ो नामजद है और हजारों अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।
उत्तर प्रदेश में कल 20 जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे।जिसमें 9 लोगों की कल मौत हो गयी थी।आज यह संख्या 15 तक पहुंच गई।सबसे ज्यादा हिंसा मेरठ में हुई। जहाँ पुलिस और उपद्रवियों के बीच आमने—सामने फायरिंग हुई। यहां 4 लोगो की मरने की ख़बर है।जिसमें 12 से अधिक लोग घायल हो गए।बताया जा रहा है इनमें 6 पुलिसकर्मी हैं। फायरिंग में 4 लोगों की मौत हो गयी। जबकि 5 की हालत गंभीर बनी हुई है। इसके अलावा बिजनौर में 2, फिरोजाबाद 2 सम्भल में भी 2 प्रदर्शनकारी मारे गए हैं मुजफ्फरनगर में भी एक व्यक्ति की मौत की खबर है। आज सुबह 4 बजे मेरठ में 3 युवकों को सुपुर्द खाक़ कर दिया है।हिंसा में अमरोहा के पुलिस अधीक्षक समेत दर्जनों पुलिसकर्मी भी घायल हुए है। मुजफ्फरनगर के मीनाक्षी चौक पर भी नमाज के बाद प्रदर्शनकारीयो ने पथराव किया और आगजनी की। सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई कर स्थिति को नियंत्रण में कर लिया।यहां शिया समाज के मौलाना असद अब्बास के विरुद्ध पुलिस कार्रवाई से जबरदस्त रोष है।अलीगढ के देहली गेट इलाके में उपद्रवियों ने जमकर बवाल काटा।मुजफ्फरनगर में भी दो लोगो की मरने की ख़बर हालांकि इसकी पुष्टि अब तक नहीं की गई हैं।
कल रात मेरठ में लिसाडी गेट के तारापुरी में आगजनी की गई। इस्लामाबाद क्षेत्र में प्रदर्शनकारी ने पुलिस चौकी फूंक दी।बताया जाता है यहां उपद्रवियों ने 4 बाइको को आग के हवाले कर दिया। वहीं आमने—सामने हुई फायरिंग में 4 लोगों की मौत हो गई। हापुड़ रोड पर भी उपद्रवियों ने तोडफोड और आगजनी की। सूत्रों के अनुसार हिंसात्मक घटनाओं में छह पुलिसकर्मियों समेत 12 लोग घायल हो गये। बिजनौर में जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा में छह लोग घायल हो गये, जिनमें दो की हालत नाजुक बनी हुई है। यहां दो लोगों की मौत हो गई है।यह नहटौर कस्बे में हुआ जहाँ सबसे गंभीर हालात हुए जहां दो लोगो की मौत हो गई।
सीपीआई के प्रवक्ता अतुल अंजान के अनुसार उत्तर प्रदेश की स्तिथि अत्यधिक भयावह हो गई है।हर तरफ ख़ौफ़ का माहौल है।पुलिस दमनकारी नीति अपना रही है और बर्बरता से पेश आ रही है।
गौरतलब है कि सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू करने के बाद से ही देश में अल्पसंख्यक समुदाय गुस्से में है। उनमें ये प्रचार है कि इस अधिनियम के लागू होने के बाद देश में मुस्लिमों की नागरिकता खतरे में पड जायेगी, क्योंकि उन्हें अपनी कई पीढ़ी की वंशावली देनी होगी। इसी के चलते पिछले कई दिन से लगातार गुस्सा भड़कता जा रहा है। जिसमें गुरूवार को दिल्ली, लखनऊ, अहमदाबाद समेत कई शहरों में हिंसा हो गयी थी। जिसके बाद शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़कने की आशंका थी। जो सही भी साबित हुई और राजधानी दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश के लगभग 20 जिलों में प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और उन्होंने पुलिस पर पथराव करने के साथ ही कई जगह पुलिस चौकियों समेत सरकारी व निजी वाहनों में आग लगा दी।
इस सबके बीच लखनऊ में द हिंदू के पत्रकार उमर राशिद को भी लखनऊ पुलिस द्वारा डिटेन करने की जानकारी सामने आई।उमर ने हमें बताया कि पुलिस ने उसे दो घण्टे तक जबर्दस्ती रोककर रखा और कहा कि “तू सारी रिपोर्टिंग भूल जाएगा”।उमर के मुताबिक उसकी कश्मीरी पहचान के कारण ऐसा हुआ।
मुजफ्फरनगर और बिजनोर में हुई हिंसा में एक और हैरतअंगेज बात सामने आई यहाँ दोनों जगह प्रदर्शन के दौरान माहौल साम्प्रदयिक होते होते बचा।बिजनोर के सिविल लाइन और मुजफ्फरनगर के महावीर चौक पर दोनों समुदाय आमने सामने आ गए।दोनों पक्षों में पथराव भी हुआ।जिसे पुलिस ने बढ़ने नही दिया।
खास बात यह है स्थानीय नेतागणों ने इस दौरान पूरी तरह चुप्पी साध ली और लगभग सभी शहरों के प्रदर्शन नेतृत्व विहीन थे।इस दौरान सड़कों पर सन्नाटा रहा।बाजारों में भीड़भाड़ बिल्कुल नही थी।लोग सिर्फ जरूरत का सामान लेने ही बाहर निकले।बस अड्डों पर सवारी बुरी तरह परेशान रही।
कल जिन युवकों की मौत हो गई थी आज उनके शव पहुंचने के बाद स्थिति फिर तनावपूर्ण हो गई।पुलिस ने सुपुर्दगी खाक़ करने के लिए परिजनों को सुबह 4 बजे के लिए राजी किया।इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता व्यवस्था किए गए।दो दिन पहले यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि बवालियों की संपत्ति ज़ब्त कर उनसे हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी।मुजफ्फरनगर में इसी कड़ी में आधा दर्जन दुकानों पर सील लगा दी गई।हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।