मेरा बेटा देश के ‘आईंन’ के लिए शहीद हो गया है: नहटौर में मारे गए सुलेमान की मां

By आस मुहम्मद कैफ़, TwoCircles.net 

बिजनोर: “मेरा सुलेमान अफसर बनना चाहता था वो देश के संविधान के लिए शहीद हो गया! नहटौर में सुलेमान की अम्मी अकबरी हर एक को यही कहती है।रोती हुई!फफकती हुई!जब उन्हें यह बताया जाता है कि आज उनकी यही बात कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने राजघाट पर कांग्रेस के सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत पर कही है तो वो और ज्यादा फफक पड़ती है।”


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सुलेमान के परिवार से आयी कांग्रेस नेता प्रियंका गाँधी

 

सुलेमान के चाचा मकसूद बताते हैं “आप पूरे मौहल्ले से पूछ लीजिये वो कलक्टर बनना चाहता था,यूपीएससी की तैयारी कर रहा था हर वक़्त पढ़ता रहता था।हर एक से सलाम करके चलता था।उसका एक झगड़ा नही हुआ कभी किसी के साथ।उस पर कामयाब होने का जुनून था जब से बिजनोर के दो लड़के आईएएस बने हैं तब से उसका जोश बढ़ गया था,वो संविधान का रक्षक बनना चाहता था वो सँविधान के लिए ही शहीद हो गया।अब उसकी छाती पर गोली पर गोली लगी है।हमारा खुदा हमारा इंसाफ करेगा।उसके घर देर है अंधेर नही।

 

शुक्रवार को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद अलग अलग जनपदों में 17 लोगो की मौत हो गई थी।यूपी पुलिस ने इन्हें पुलिस की गोली से मारे जाने से इंकार किया मगर हालांकि सोशल मीडिया पर वायरल कई वीडियो में पुलिस गोली चलाती हुई दिखाई दी।शुक्रवार को बिजनोर के नहटौर में सबसे ज्यादा हिंसा देखने को मिली जिसमे दो युवकों की मौत हो गई।

 

सुलेमान के परिवार का दावा है कि सुलेमान भी पुलिस की गोली से मारा गया।सुलेमान का ही एक पड़ोसी अनस (21) भी आंख में गोली लगने से मौत हो गई।नहटौर के जहांगीर ज़ैदी बताते हैं कि तीन और भी लड़को के गोली लगी है।कई दीवारों और बिजली के खम्भों पर गोली के निशान है।

 

सुलेमान के घर दुख जताने पहुंचे पास के ही कस्बे साहनपुर के पूर्व चेयरमैन खुर्शीद अहमद कहते हैं कि”वो साहनपुर में ही थे जब उन्हें किसी ने बताया कि नहटौर में फायरिंग हो रही है वो सचमुच डर गए क्योंकि वो इसका परिणाम जानते थे,यह वही डर था।”

 

बिजनोर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण और बड़े क्षेत्रफल वाला जनपद है।मुस्लिम बहुल इस जनपद में 18 नगर पंचायतों में से 17 में चेयरमैन मुसलमान है।60 हजार की आबादी वाला बिजनोर मुख्यालय से 20 किमी अफजलगढ़ मार्ग पर नहटौरऐसा ही एक 80 फीसद आबादी के साथ मुस्लिम प्रभुत्व वाला कस्बा है।पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़े ब्याज़ रहित बैंक मुस्लिम फंड की स्थापना यहीं हुई।यहाँ बिजनोर जनपद के सबसे संपन्न लोग रहते हैं।यहां की कई प्रतिभाएं देश भर में मशहूर है।यहां के पुलिस थाने में गोली से हुई हत्या का मुकदमा दशकों से दर्ज नही है।यहाँ का क्राइम रेट जनपद में सबसे कम थानों में आता है।इस कस्बे ने आज़ादी की लड़ाई में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है।

 

बड़े बड़े गुमान वाले इस कस्बे का गुरुर शुक्रवार को नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा के बाद टूट गया।क़स्बे के ढाई हजार से ज्यादा लोगो के विरुद्ध मुक़दमा दर्ज किया गया है।कस्बे के ही नईम अहमद बताते हैं”नहटौर में जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या प्रदर्शनकारी नारेबाजी कर रहे थे और वो जिम्मेदार लोगों की बात सुन कर वापस जाने वाले थे मगर एक जगह पर एक स्थानीय हिंदूवादी नेता को पुलिस को निर्देश देते देखकर बिगड़ गए और कुछ कहासुनी के बाद पुलिस पर पथराव करने लगे इसके बाद हालात बेक़ाबू हो गए और पुलिस ने गोली चला दी।

 

हालांकि पुलिस के तमाम बड़े अफसर पुलिस की गोली से हुई किसी भी मौत से इंकार कर रहे हैं जैसे आईजी कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार दावा करते हैं कि”बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट के पुलिस पर लगाएं जा रहे सभी आरोप झूठे है”।

 

नहटौर में इस घटना को लेकर काफ़ी तनाव है,युवाओं में बेचैनी है एक दूसरे युवक नईम बताते हैं कि पुलिस ने बेहद दमनकारी नीति अपनाई।हालांकि नहटौर कोतवाल में लोगो को समझाने की कोशिश की और बहुत समय तक पथराव होता रहा।वैसे सच यही है एक बीजीपी नेता को पुलिस के साथ देखकर लोग भड़क गए और उन्होंने पथराव किया।वैसे अब भी यहां बेइंतहा खौफ है और किसी को भी पुलिस कभी भी उठाकर जेल भेज रही है।नहटौर के तमाम लोग पुलिस फायरिंग की बात कहते है।वो अभी भी डर रहे है जैसे नदीम बताते हैं कि “पुलिस सीधे गोली चला रही थी एक लड़के की आंख में गोली लगी है वो पैर को भी निशाना लगा सकते थे।

 

बिजनोर के पुलिस कप्तान संजीव त्यागी इन सभी आरोपों से इंकार करते हैं वो कहते हैं”पुलिस की फायरिंग से हुई मौत की बात ग़लत है यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही कहा जा सकता और हम किसी निर्दोष की गिरफ्तारी भी नही कर रहे हैं।गिरफ्तारी वीडियो रिकॉर्डिंग और फोटोज के आधार की जाएगी।अकेले नहटौर से अब तक 75 गिरफ़्तारी हो चुकी है।

 

अनस के पिता अरशद हुसैन कपड़े सीने के काम करते हैं वो कहते हैं”मेरा बेटा दूध लेने के लिए गया था वो प्रदर्शन में शामिल नहीं था उसके आंख में गोली लगी है मैं आपको अपना कलेजा फाड़ कर नही दिखा सकता”।

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