आस मोहम्मद कैफ, TwoCircles.net
कवाल: 65 साल के सलीम अब बुरी तरह टूट चुके है.वो हर बात में रोने लगते हैं. उनका कलेजा फूलने लगता है. उनके इर्द-गिर्द मौजूद लोग उन्हें संभालने की कोशिश करते हैं. सलीम खुद कहते हैं कि वो बर्बाद हो चुके हैं.27 अगस्त 2013 को सबसे पहले मारे गए युवक शाहनवाज़ के वो पिता है.
इसी महीने 8 फरवरी के मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने उनके 2 बेटों को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है. उनके बेटे शाहनवाज़ की मौत और दो बेटों की साढ़े चार साल की बिना जमानत की जेल से सदमा खाई उनकी बीवी का इंतेक़ाल हो चुका है.
सलीम की तीन बेटियों की अभी शादी नही हुई है.उनके घर मे पक्की छत नही है.दीवारें बिना सीमेंट की है.सरकार ने शाहनवाज़ की मौत के बाद जो मुआवजा दिया था वो सब गौरव और सचिन की हत्या में आरोपी बनाए गए उनके दो बेटों और दो भतीजों की पैरवी में खर्च हो चुके हैं.
अपने घर के बाहर की एक बैठक में वो चुपचाप बैठे सुबकते रहते हैं.कोई स्थानीय बड़ा नेता उनसे मिलने नहीं पहुंचा है.दंगे के दौरान डींगे हांकने वाले और बड़े नेताओं के इर्द गिर्द रहकर अपना सियासी कैरियर बनाने वाले तमाम हमदर्द अब उनके पास नही आते.
सलीम कहते हैं” कि पुलिस ने शाहनवाज़ के कत्ल के मामले जांच में सब नाम निकाल दिए और गौरव और सचिन के मामले में मजबूत चार्जशीट बना दी,अदालत ने गवाही और सबूत पर फैसला दिया.पुलिस ने हमें फंसाने की पूरी तैयारी की थीं.मेरी हिम्मत टूट चुकी है.अब बड़ी अदालत में जाएंगे”.
गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर दंगे में कवाल गांव में तीन मर्डर को पृष्ठभूमि माना जाता है. इसमें शाहनवाज़ के कत्ल के बाद दो और भी कत्ल हुए थे यह दोनों क़त्ल पास के गांव मलिकपुरा के गौरव और सचिन के हुए थे.शाहनवाज़ का क़त्ल कर भाग रहे दोनों को भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था.अब इस मामले में अदालत का फैसला आया है जिसमे कवाल के मुजम्मिल, मुज्ज़िस्म, फुरकान, जहांगीर, इक़बाल और अफ़जाल और एक अन्य को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई है.
खास बात यह है कि अफजाल और इक़बाल को एसआईटी ने अपनी जांच ने क्लीन चिट दी थी.बाद में उनका नाम अदालत में अपील कर मुक़दमे में शामिल हुआ था.मुक़दमे में गौरव सचिन के एक पिता,ससुर और एक और नजदीकी रिश्तेदार की गवाही हुई.
शाहनवाज़ के वकील फूल मियां एडवोकेट के अनुसार उच्च न्ययालय में इस फैसले के पलट जाने की पूरी संभवना है.