नही रहे 83 साल के ‘बाबा ए देवबंद’ मौलाना हसीब सिद्दीकी

मौलाना हसीब सिद्दीकी (file photo)

आस मोहम्मद कैफ | देवबंद

जमीयत उलेमा हिन्द के कोषाध्यक्ष और देवबंद में ब्याज रहित बैंकिंग शुरू करने वाले,लड़कियों के लिए पहला स्कूल चलाने वाले,पहला आईटीआई,पहला आई हॉस्पिटल बनाने और देवबंद में हजारों नोजवानों को रोजगार देने वाले बुजुर्ग मौलाना हसीब सिद्दीकी बुधवार को दोपहर दुनिया से रुखसत हो गए.उनकी नमाज ए जनाजा दारुल उलूम दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम  कारी उस्मान मंसूरपुरी ने पढ़ाई. इसके बाद उन्हें दारुल उलूम में ही दफन कर दिया गया. 83 साल के मौलाना हसीब सिद्दीकी देवबंद के चेयरमैन भी रहे. पिछले कुछ महीनों से वो बीमार चल रहे थे उन्हें ‘बाबा ए देवबंद’ भी कहा जाता था. उनके इंतकाल के बाद हजारों लोगों में नमाज ए जनाजा में शिरकत की और देश भर से सैकड़ो शख्सियत उन्हें खिराजे अकीदत पेश करने पहुंचे.


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मौलाना हसीब सिद्दीकी जमीयत उलेमा ए हिन्द  के कोषाध्यक्ष थे. उन्हें मौलाना महमूद मदनी का सबसे करीबी शख्स कहा जाता था जमीयत और दारुल उलूम की गतिविधियों में उनकी राय महत्वपूर्ण होती थी उनके इंतकाल के बाद देवबंद के अंतराष्ट्रीय शायर नवाज़ देवबंदी कहते है “देवबंद से एक ऐसा ऊंचा शख्स चला गया जो हर किसी से छोटा बनकर मिलता था”.

दारुल उलूम के तालीमी सूबे में ऑफिस इंचार्ज रहे मौलाना हसीब सिद्दीकी की पैदाइश मोहम्मद अजीज के यहां 15 अगस्त 1939 को हुई थी. मौलाना हसीब सिद्दीकी आज़ादी के योद्धा और मशहूर इस्लामिक विद्वान मौलाना हुसैन   अहमद मदनी के सबसे प्रिय शागिर्द थे उन्ही की देखरेख में उनकी परवरिश हुई उनकी पढ़ाई दारुल उलूम से हुई. दीनी तालीम के अलावा उन्होंने दुनियावी तालीम भी हासिल की और अलीगढ़ से स्नातक किया.

मौलाना को देवबंद में रोजगारपरक सोच के जाना जाएगा

दारुल उलूम के मौलाना सुएब क़ासमी के मुताबिक दारुल उलूम के साथ-साथ देवबंद के आम लोगो के लिए भी यह एक बड़ा नुकसान है उन्होंने देवबंद के लिए पूरा एक तालीमी और रोजगार सेंटर खड़ा किया जिससे हजारों नोजवानों को रोजगार मिला.देवबंद उनको कभी भुला नही पाएगा.

मौलाना हसीब सिद्दीकी देवबंद में आधुनिक तालीम की अहमियत भी समझते थे इसलिए तालीम के सूबे में उन्होंने देवबंद में बेहतरीन काम किया.मौलाना हसीब ने यहां मुस्लिम फंड ट्रस्ट, मदनी टेक्निकल इंस्टीट्यूट,मदनी आई हॉस्पिटल, पब्लिक गर्ल्स इंटर कालेज, कंप्यूटर सेंटर, कामर्शियल इंस्टीट्यूट सहित कई संस्थाओ की स्थापना की. वो अब तक इस उम्र के बावजूद इनका संचालन कर रहे थे और हमेशा वक़्त की पाबन्दगी करते हुए सुबह 10 बजे दफ्तर पहुंचते थे. इसके अलावा वो  शेखुल हिंद लाइब्रेरी के मैनेजर भी रहे. देवबंद रोटरी क्लब के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी उन्होंने निभाई मौलाना ने दो शादियां की और उनके तीन बेटे है. मौलाना हसीब ने यहां ब्याज रहित बैंकिंग सिस्टम चालू किया इससे हजारों लोगों को लाभ मिला. मौलाना की आधुनिक विचारधारा के चलते वो मीडिया से जुड़े और 1985 में देवबंद पत्रकार संघ के अध्यक्ष रहे. इसके अलावा इस्लामिक विचारधारा संगठन के अध्यक्ष, मेरठ डिवीजन पत्रकार संघ के अध्यक्ष, ऑल इंडिया इक्तेसादी परिषद के संयोजक, नगर विकास परिषद के संयोजक, राष्ट्रीय पुरातन विधार्थी संघ दारुल उलूम के कोषाध्यक्ष और जमीयत उलमा-ए-हिंद के कोषाध्यक्ष भी बन गए. वो वक्फ बोर्ड मसूरी के लंबे समय तक अध्यक्ष भीरहे. बाद में राजनीति में सक्रिय हुए और 2005 में देवबंद के चेयरमैन भी चुन लिए गए.

मुजफ्फरनगर में भी उनको खिराजे अकीदत पेश की की गई(Photo: Aas Mohammed Kaif/ TwoCircles.net)

देवबंद के सिकंदर अली के मुताबिक मौलाना हसीब सिद्दीकी को मजहबी तालीम और दुनियावी गतिविधियों में शानदार समन्वय स्थापित करने के लिए जाना जाएगा वो एक अज़ीम तरीन शख्सियत थे उनके प्रयासों और दूरदृष्टि से हजारों युवको को रोजगार  मिला. दारुल उलूम के तमाम राजनीतिक मेहमानों की देखभाल की जिम्मेदारी भी वो ही उठाते रहे थे.

मौलाना हसीब सिद्दीकी नजरिये देवबंद को लेकर खिदमात को लेकर जमीयत उलेमा ए हिन्द मुजफ्फरनगर के प्रवक्ता मौलाना मूसा क़ासमी बताते हैं कि मौलाना हसीब विकसित सोच की बड़ी हस्ती थे. उन्होंने देवबंद में लड़कियों के लिए पहला गर्ल्स स्कूल शुरू किया. रोजगार के लिए आईटीआई कॉलेज बनाया.गरीबों की आंखों के इलाज के लिए आई हॉस्पिटल बनाया. बिना ब्याज का बैंक सिस्टम मुस्लिम फंड की स्थापना की जिसमे 65 हजार खाते थे और वो बिना ब्याज के लोन देता था. यही नही विदेशो में नौकरी की जरूरत को ध्यान में रखकर उन्होंने जेसीबी मशीन के ड्राइवर का प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की जिससे सैकड़ो युवको को अच्छा रोजगार मिला. साथ ही उन्होंने देवबंद में एक मीडिया सेंटर की स्थापना की जिससे दारुल उलूम की खबरे दुनिया भर तक पहुंची.

मौलाना को देवबंद में रोजगारपरक सोच के जाना जाएगा

 

 

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