मेरठ में बुधवार को मॉब लिंचिंग के विरोध में एक स्थानीय संस्था ने एक शोक सभा आयोजित की थी.सभा से लौट रहे लोगो पर लाठीचार्ज हुआ था इसके बाद सैकड़ो लोगों के खिलाफ मुक़दमे लिख दिए गए हैं. जिनमें 54 की गिरफ्तारी कर ली गई है.इसे मुसलमानों के ख़िलाफ़ बड़ी दमन प्रक्रिया समझा जा रहा है.मेरठ के मुसलमान इस समय अत्यंत ख़ौफ़ज़दा है.
आसमोहम्मद कैफ।Twocircles.net
मेरठ की तमाम मस्जिद के बाहर भारी तादाद में पुलिस मौजूद थी.शहर के तमाम बड़े अफसर दर्जनों गाड़ियों के साथ आरपीएफ की नीली पलटन के साथ डटे थे.मुसलमानों के चेहरे खौफ़ से सहमे थे.उनकी दुकानें बंद थी वो आपस मे धीमे बात कर रहे थे.जुमे के दिन बाजारों में दिखने वाली मुस्लिम ख़्वातीन भी कम दिखाई दे रही थी.स्कूल बंद कर दिए गए थे.शहर में इंटरनेट पर पाबंदी थी.शहर में कर्फ्यू तो नही था मगर बाकी सब कुछ कर्फ्यू जैसा ही था.जितनी पुलिस फोर्स मुस्लिम इलाकों में तैनात की गई थी उतनी अमूमन कर्फ्यू में ही होती है.
ऐसा इसलिए हुआ था बुधवार को मेरठ के फ़ैज़ -ए-आम डिग्री कॉलेज में मॉब लिंचिंग के विरोध करने लिए मुसलमानों की भीड़ जुटी थी.जब यह मुसलमानों की भीड़ अपनों घरों को वापस लौट रही थी तो कुछ युवकों ने नारेबाज़ी की जिससे भड़की पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज कर दिया.
इसके बाद सैकड़ो नामज़द और हजारों अज्ञात युवकों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर दिया गया.देर रात मेरठ के आईजी और एसएसपी को भी हटा दिया गया.
लेकिन क्या यह सचमुच इतनी गंभीर बात थी कि शहर के हालात इतने नाजुक हो जाएं! खैरनगर के नफ़ीस अहमद(60) के मुताबिक “समझ मे अब तक नही आया कि ऐसा क्या हुआ कि इतना बड़ा मामला बन गया.दो समुदाय कंही आमने सामने नहीं आएं !भीड़ आई थी अपने घरों को लौट रही थी! कुछ लड़के नारेबाजी कर रहे थे पुलिस उनकी निशानदेही कर लेती उनके खिलाफ कार्रवाई कर देती!अब इतनी ताक़त झोंक दी गई कि हजारों लोगो पर मुक़दमे लिख दिए गए 50 से ज्यादा नोजवान गिरफ्तार कर लिए गए! ऐसा लग रहा है जैसा एक खास नीयत के साथ मुसलमानों को सबक सिखाया जा रहा हो!”.
जानकारों की माने तो फ़ैज़ -ए-आम कॉलेज के मैदान में मॉब लिंचिंग के विरोध में लोग जुटे यह संख्या 10 हजार से ज्यादा थी.इस एहतेजाज में शहर काजी ने अमनो अमान की बात की.डीएम और एसएसपी के नाम ज्ञापन दिया गया.इस एहतेजाज को स्थानीय संस्था युवा सेवा समिति ने आयोजित किया था.समिति के अध्यक्ष बदर अली के आह्वान पर यह लोग जुटे.बता दें अकेले इस सेवा समिति के मेरठ में 5 हजार से ज्यादा सक्रिय कार्यकर्ता है.युवा सेवा समिति के अध्यक्ष बदर अली ने मॉब लिंचिंग में मारे गए तबरेज़ अंसारी को खिराजे अक़ीदत पेश की और उसके क़ातिलों के लिए फांसी की मांग की.
पिछले कुछ सालों में मेरठ के गलियारों में मेरठ के मुस्लिम युवाओं की आवाज़ बनकर उभरे बदर अली
बदर अली के घर पर सन्नाटा है और उनके चाचा इफ़्तेख़ार अली खान बताते है कि”बदर एक बेहद अच्छा लड़का है वो बहुत गंभीर क़िरदार का है पुलिस अक्सर उसे तनाव शांत करने के बुलाती थी.मेरठ के नोजवानों में वो काफी लोकप्रिय है उसकी संस्था चैरिटी के काम करती है वो अस्पताल बनवा रहे हैं.शिक्षा के लिए काम कर रहे हैं उसकी चार महीने की बेटी है.उसके बाप नही है मगर मैं उसके बाप जैसा ही हूँ मैं उसे जानता हूँ उसे राजनीतिक साजिश का शिकार बनाया जा रहा है”.
शहर के बहुत सारे लोग यह मानते हैं कि बदर अली का भीम आर्मी के चंद्रशेखर की तरह दमन किया जा रहा है.वो भी युवा सेवा समिति नाम से एक संस्था चलाते हैं जिसमे हजारों सक्रिय कार्यकर्ता है.
पुलिस के अनुसार प्रदर्शन और जुलूस दोनों बिना अनुमति के किए गए जिसके बाद शहर में अफवाह फैलने का खतरा पैदा हुआ इसके अलावा भीड़ में शामिल कुछ युवकों ने रुमाल बांधकर बदतमीजी भी की.बदर अली के चाचा इफ़्तेख़ार अली खान के अनुसार वो नही जानते कि ये लड़के कौन थे! इन्हें एक साजिश के तौर पर भी मुसलमानों की भीड़ में शामिल किया जा सकता है! ये लड़के बदर अली से जलन खाने वाले गुट के भी हो सकते हैं!पुलिस इस बिंदु पर भी जांच करें.
मेरठ में मुस्लिम इलाकों में जिम्मेदार लोगों ने युवकों को आठ बजे से बाद घर से निकलने पर रोक लगा दी है. इस्लामाबाद के जफर मंसूरी(51) के मुताबिक “हालात साज़गार नही है पुलिस लगातार दबिश दे रही है अब तक 60/70 नोजवानों को पुलिस घर से उठा चुकी है.एक हजार से ज्यादा अज्ञात है.वो एक मोहल्ले चुनते हैं फिर वहां गिरफ्तारी अभियान चलाते हैं.यह सब तबरेज़ अंसारी की मॉब लीचिंग में हुई मौत की आवाज़ उठाने की सज़ा भुगत रहे हैं”.
मेरठ के आदिल चौधरी इसे मुसलमानों के नेताओं के बीच आपसी खींचतान की वजह मानते हैं वो कहते हैं कि”भीड़ जब सभा से वापस लौट रही थी तो कुछ लड़कों ने पुलिस के साथ बदतमीजी की.यह जरूर पता लगाना चाहिए ये कौन थे !इन्होंने ऐसा क्यों किया!कहीं यह कोई साजिश तो नही थी!
पिछले दो दिन की पुलिसिया कार्रवाई ने सैकड़ो नोजवानों को मेरठ से पलायन करने को मजबूर कर दिया है.पुलिस लगातार दबिश दे रही है.
यह भी इत्तेफाक हैं पिछले सप्ताह मेरठ में पलायन का मुद्दा गर्म रहा है. यहां के प्रहलाद नगर इलाके से बहुसंख्यक समुदाय के पलायन करने की चर्चा शुरू हुई थी हालांकि बाद में वो फर्जी पाई गई.
हैरतअंगेज बात यह है मेरठ में दहशतज़दा मुसलमानों के पक्ष में अब तक किसी नेता का कोई बयान नही आया है.