मेरठ में मछुआरों की बस्ती जल कर हो गई राख ,पुलिस पर है आरोप

आसमोहम्मद कैफ Twocircles.net

मेरठ-


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बुधवार की देर रात मेरठ के मछेरान बस्ती में लगी एक आग ने पूरी एक बस्ती जलाकर राख कर दी.भीषण आग में 200 से ज्यादा झुग्गी झोपड़ी जल गई. बस्ती में आग लगने से पहले दिन में कैंटोनमेंट के अधिकारी इस बस्ती को अवैध बताकर कब्जा हटाने पहुंचे थे.दिन भर बवाल हुआ.पुलिस से टकराव हुआ.फायरिंग और पथराव और मारपीट की घटनाए हुई.
जैसे ही दिन ढलना शुरू हुआ पूरी बस्ती में रहस्यमय तरीके से आग लग गई बस्ती के लोगो ने पुलिस पर ही उनकी बस्ती में आग लगाने का आरोप लगा दिया. इसके बाद पूरे मेरठ में अफवाह का बाजार गर्म हो गया.जबरदस्त तनाव हो गया.16 सीओ और 32 एसओ सुरक्षा की दृष्टिकोण से वहां लगा दिए गए.मेरठ से इंटरनेट सेवा बाधित कर दी गई.अभी भी मेरठ में तनावपूर्ण शांति है.बस्ती के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.लोग घरों से कम निकल रहे हैं.
जानकारी के अनुसार इस आग से 200 से ज्यादा घर धुंआ-धुंआ हो गए ।इस आग से हजारों लोग प्रभावित हुए है.अब इस पूरी बस्ती में मातम है.लोगो पर पुलिस और केंटोनमेंट अधिकारियों का खौफ हावी है.अपना सब कुछ आग में में गवां चुके मजदूर तबके के यह गरीब लोग पुलिस और कैंट के अधिकारियों पर सीधे इल्जाम लगा रहे हैं.मेरठ  प्रशासन का कहना है कि बुधवार को केंट के अधिकारी इस अवैध बस्ती को हटाने पहुंचे थे जहां उनका भारी विरोध हुआ.
यहां मारपीट,आगजनी और पथराव जैसी घटनाएं हुई पुलिस का कहना है कि बस्ती के लोगो ने पेट्रॉल बम का प्रयोग किया जिससे आग लगी।

मेरठ के शहर विधायक रफीक अंसारी देर रात तक आग बुझाने में लगे रहे उन्होंने बताया कि स्थानीय लोग पुलिस पर आग लगाने का आरोप लगा रहे हैं. एक दिन पहले एक रिपोर्ट में मेरठ को स्वच्छता अभियान में 150 शहरों से भी नीचे माना गया है.बस्ती में मछुआरा बिरादरी के गरीब लोग रहते है.केंट के अधिकारियों को इनमे गंदगी दिखाई दी.निश्चित तौर पर यह एक साजिश है.यह आग लगाई गई है.
देर रात 12 बजे आग पर काबू पाया गया मगर तब तक सब कुछ खाक हो चुका था. आज भी हर तरफ चीखपुकार मची है।बच्चे स्कूल नही गए है.औरते ने खाना नही बनाया है.पूरी बस्ती के लिए खाने की व्यवस्था शहर के कुछ बड़े लोगो ने की है.मेरठ के एसएसपी नितिन तिवारी ने साज़िश की संभावना से इंकार नही किया है।झुग्गी झोपड़ी से बनी हुई पूरी एक बस्ती का वुजूद मिट सामान्य घटना नही है।
यह आग मेरठ के मौहल्ले मेछेरान में लगी है।यह जगह दिल्ली रोड पर फ़ैज़ ए आम कॉलेज के पास है।हताहत हुए सभी लोग बेहद कमजोर और गरीब है।यह सभी मछुआरा समाज के लोग है।
स्थानीय निवासी आलम महागीर के अनुसार आग क्यों लगी है !अभी यह नही कहा सकता!यहां कुछ सिलेंडर के कारखाने भी है!दिन में पुलिस से झड़प हुई थी।पुलिस इसी बस्ती को खाली कराने पहुंची थी।स्थानीय नागरिक शहजाद के मुताबिक दिन भर में जब केंट अधिकारी और पुलिस के लोग कब्जा हटवाने में कामयाब नही हुए तो उन्होंने आग लगा.पुलिस ने लाठीचार्ज करके लोगो को खदेड़ दिया और उसके बाद आग लगा दी गई.
हालांकि प्रशासनिक सूत्रों का यह भी कहना है चूंकि दिनभर बस्ती के लोगो ने बवाल किया तो कार्रवाई से बचने के लिए उन्होंने खुद अपनी बस्ती में आग लगा ली।युवा सेवा समिति के बदर अली के मुताबिक वो तब से वहीं है कोई अभी अपना आशियाना खुद नही जला सकता और यह दुर्घटना भी नही लगती.
बवाल की शुरुवात आज दोपहर बाद ही हो गई थी।मेरठ प्रशासन के लिए यह दिन बेहद मुश्किल था।दोपहर बाद पुलिस इस बस्ती को खाली कराने पहुंची थी।जिसके बाद बस्ती के लोगो का पुलिस से टकराव हो गया था।चर्चा थी कि पुलिस पर पेट्रॉल बम भी फेंके गए।इसके बाद आगजनी की घटनाएं हुई।हजारों लोग सड़कों पर उतर आये।कुछ बसों में भी तोड़फोड़ हुई।
मेरठ के डीएम अनिल ढींगरा और एसएसपी नितिन तिवारी मौके पर पहुंच गए थे और उन्हें भी विरोध का सामना करना पड़ा. दिन में बेहद मुश्किल तरीके से  को नियंत्रण में करने की कोशिश की।बस्ती मुसलमानों की है।अफवाह पूरी  फैल गई मेरठ में अभी भी तनाव पूर्ण शांति है.
घटना के एक चश्मदीद के मुताबिक शाम में एक के एक कई घरों से आग की लपटें निकलने लगी।पास में कुछ सिलेंडर बनाने के कारखाने है वहां उनमे भी आग लग गई जिसमें धमाके हुए अभी तक किसी जान के नुकसान का अंदाजा नही लगाया जा सकता।दर्जनों बच्चे और कुछ औरते जरूर झुलस गई है.

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