Home India Politics पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब पर रासुका

पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब पर रासुका

स्टाफ़ रिपोर्टर । Twocircles.net

उत्तर प्रदेश सरकार ने पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अय्यूब पर रासुका लगा दी है। डॉक्टर अय्यूब को 31 जुलाई की रात गोरखपुर के एक कस्बे बढ़हलगंज से गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी ऐसे समय की गई थी जब वो अपने हॉस्पिटल में सर्जरी कर रहे थे।

रासुका की यह कार्रवाई लखनऊ जिलाधिकारी ने की है। सरकार के मुताबिक डॉक्टर अय्यूब पर यह कार्रवाई भड़काने वाले पर्चे बंटवाने अख़बार में विज्ञापन देने के लिए की गई है।इन पर्चो को  कानून व्यवस्था के लिए खतरा पैदा करने वाला माना गया है। डॉक्टर अय्यूब पर  आरोप है कि उन्होंने बक़रीद से पहले लखनऊ के उर्दू अखबारों में बेहद भड़काऊ विज्ञापन दिए थे । इन विज्ञापनों में भारत मे इस्लामिक राज स्थापित करने की मंशा जाहिर की गई थी।वो निजाम-ए-मुस्तुफा क़ायम करने की बात कर रहे थे।इसे लेकर मुस्लिम समाज के एक वर्ग में उनसे कड़ी असहमति भी जताई गई थी। इसे काफ़ी कट्टर विचार माना गया था।

हालांकि डॉक्टर अय्यूब ने बयान जारी करके यह भी कहा था कि उन्हें हर वर्ग के लोगो का समर्थन मिला है और उन्होंने मानवतावादी शासन की वकालत की है।

डॉक्टर अय्यूब इससे पहले यौन उत्पीड़न के एक मामले में जेल में रह चुके हैं। यह मामला अभी अदालत में है। उनपर रासुका लगाए जाने की लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने पुष्टि की है। भड़काऊ पर्चे बंटवाने के आरोप में उनके विरुद्ध लखनऊ के हजरतगंज थाने में 153(ए) 505 (2) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। बताया जाता है कि उन्हें यह कहकर बाहर बुलाया गया कि एक पुलिस अधिकारी की तबीयत ख़राब है।उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।  डॉक्टर अय्यूब की यह गिरफ्तारी लखनऊ पुलिस ने की थी जिसका स्थानीय पुलिस ने सहयोग किया था।

बता दें कि हाल ही में डॉक्टर अय्यूब की पीस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर काशी मथुरा मामले में खुद को पार्टी बनाए जाने की मांग की थी। पीस पार्टी के प्रवक्ता शादाब चौहान ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर राजनीतिक दुर्भावना से यह कार्रवाई की गई है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि पीस पार्टी इस  सरकार के ख़िलाफ़ न्यायिक संघर्ष कर रही थी। पीस पार्टी सीएए के विरोध में भी थी।उसने सबसे पहले 16 फरवरी को जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया था। पीस पार्टी निज़ामुद्दीन मरकज़ को बदनाम करने के षड्यंत्र के विरोध में भी खड़ी थी। यह बात सरकार की आंख में चुभ रही थी। हम अब भी हर प्रकार का सवैंधानिक संघर्ष जारी रखेंगे।

उत्तर प्रदेश में 2012 के चुनाव में डॉक्टर अय्यूब की पीस पार्टी पांचवी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। इसके चार विद्यायक चुनाव जीते थे। 2017 का चुनाव में वो समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़े  और बुरी तरह हार गए। पहले 2017 में डॉक्टर अय्यूब भी ख़लीलाबाद से चुनाव जीतकर विधायक बन गए थे। पीस पार्टी की स्थापना डॉक्टर अय्यूब सर्जन ने 2008 में की थी। उसके बाद पीस पार्टी के प्रदर्शन में गिरावट आई। गिरफ्तारी के तुरंत बाद उन्होंने एक वीडियो संदेश भी जारी किया था। जिसमें उन्होंने भाजपा सरकार पर विपक्ष की आवाज़ को कुचलने का आरोप लगाया था। इसके बाद उनके बेटे और प्रदेश प्रभारी इरफ़ान इंजीनियर ने भी प्रदेश सरकार पर राजनीतिक द्वेष के तहत कार्रवाई करने का आरोप लगाया था।