स्टाफ़ रिपोर्टर।Twocircles.net
नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों की तरफ से बुलाए गए ‘भारत बंद’ का मिलाजुला असर देशभर में देखने को मिला है। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान कहीं पर आगजनी की तो कहीं पर पुलिस के साथ झड़प की भी खबरें आई। किसानों की तरफ से सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चक्का जाम किया गया था। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 13वां दिन है। बता दें कि कई किसान संगठन तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं।
देश के किसान संघों ने केंद्र सरकारी की ओर से लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार की सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक देश व्यापी बंद का आह्वान किया था। बंद का असर देश में मिला-जुला दिखा। कुछ राज्यों में परिवहन सेवाएं प्रभावित हुईं। कुल मिलाकर स्थिति देखें तो भाजपा शासित राज्यों में जहां स्थिति नियंत्रिण में रही तो वहीं गैर भाजपा शासित राज्यों में भारत बंद का असर ज्यादा दिखा।
नए कृषि कानूनों के विरोध में आज बुलाए गए भारत बंद का असर दिखने को मिला। भारत बंद के दौरान कई राज्यों में विपक्षी पार्टियां द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया। साथ ही कई जगहों पर रेल यातायात बाधित करके चक्का जाम करने की कोशिश करी गई। पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में लेफ्ट पार्टियों के कार्यकर्ताओं द्वारा ट्रेन को रोका गया।वहीं कई जगह सड़के बंद करके केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करी गई। हरियाणा और पंजाब में भी बंद का व्यापक असर दिखा।
उत्तर प्रदेश में भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है. प्रयागराज में समाजवादी पार्टी (सपा) कार्यकर्ताओं ने ट्रेन रोकने की कोशिश की, तो कहीं किसानों ने बाजार बंद कराने की कोशिश करी। प्रयागराज में समाजवादी पार्टी के नेताओं के द्वारा ट्रेन को रोका गया और पटरी के आगे लेट भी गए।
उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में विरोध करने जा रहे नेताओ को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया। यूपी में कुछ जिलों में किसान आंदोलन के समर्थन में भारत बंद हेतु विपक्षी पार्टियां, सरकार को घेरने के लिए सड़कों पर उतरी। यूपी के लखनऊ मे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज भी पुलिस द्वारा किया गया और हिरासत में लिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की बात करें तो वहां पर भी समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भारत बंद को लेकर जिला अधिकारी कार्यालय के गेट पर ताला लगा दिया। सपा कार्यकर्ताओं ने कृषि कानून को वापस लेने की मांग करते हुए भारत बंद का आवाहन किया और कलेक्ट्रेट ऑफिस में जमकर नारेबाजी की।
सपा-बसपा और कांग्रेस समेत अन्य दलों ने भारत बंद के समर्थन का ऐलान किया था। सूबे में में अराजकता और माहौल खराब ना हो, इसके लिए सरकार ने पहले से तैयारी कर ली थी।इसी के चलते उत्तर प्रदेश में सपा बसपा-कांग्रेस और कई किसान नेताओं को उनके घरों में ही नजर बंद कर दिया गया।
कृषि विरोधी कानूनों को लेकर विपक्षी दलों का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल कल शाम 5 बजे राष्ट्रपति कोविंद से मिलेगा। इस दौरान राहुल गांधी, शरद पवार समेत पांच नेता मौजूद रहेंगे। वहीं, इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज प्रदर्शनकारी किसानों को मिलने के लिए शाम को बुलाया है।
किसानों के भारत बंद को कांग्रेस सहित 20 राजनीतिक पाटिर्यों ने किसानों के बंद को समर्थन किया था। कांग्रेस ने रविवार को ही ऐलान कर दिया था कि वे किसानों के भारत बंद को समर्थन देंगे। कांग्रेस के अलावा माकपा, डीएमके, सीपीआई, राजद, एनसीपी, जेएमएम, सपा , शिवसेना ,अकाली दल, भाकपा-माले , टीएमसी, टीआरएस, एआईएमआईएम, आम आदमी पार्टी , स्वराज इंडिया, जेडीएस, बसपा समेत आदि राजनैतिक और गैर राजनैतिक दलों ने किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का समर्थन करा।
बता दें कि किसानों और केंद्र सरकार के बीच कृषि बिल को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। किसान यूनियनों ने कहा है कि वे सरकार द्वारा प्रस्तावित किए जा रहे कृषि कानूनों में संशोधन से संतुष्ट नहीं हैं। दोनों के बीच कल (बुधवार) को फिर बातचीत होनी है।