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एएमयू के शताब्दी समारोह में शामिल हुए पीएम मोदी ‘ बोले “मानवता के लिए हमेशा आगे रहती है यूनिवर्सिटी”

आकिल हुसैन । Twocircles.Net 

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना को आज 100 साल पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय के शताब्‍दी समारोह  में छात्रों को वर्चुअली रूप से संबोधित किया। ये पहली बार है जब पांच दशक से भी ज्यादा वक्त में कोई प्रधानमंत्री ने  एएमयू के कार्यक्रम में शिरकत करी। इससे पहले 1964 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने AMU के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था. पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए AMU के शताब्दी समारोह को संबोधित किया।

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय  के शताब्दी वर्ष समारोह के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि संबोधित किया।  PM मोदी के साथ इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन ने भी शिरकत की। इस दौरान पीएम मोदी ने पूरे देश को कई बड़े संदेश दिए। उन्होंने ये साफ-साफ कहा कि देश के विकास में एएमयू का अहम योगदान है, सभी मतभेदों से पहले देश हो। इस दौरान एएमयू छात्रों ने पीएम मोदी के संबोधन का गर्मजोशी से स्वागत किया और कहा कि देश हमारे लिए सबसे आगे है। आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन की बड़ी बातों से रूबरू करवाते हैं।

एएमयू में मौजूद इमारतें सिर्फ बिल्डिंग नहीं हैं, इसके साथ शिक्षा का जो इतिहास जुड़ा है वो भारत की अमूल्य धरोहर है।

आज एएमयू से तालीम लेकर निकले लोग भारत के श्रेष्ठ संस्थानों ही नहीं दुनियाभर में छाए हुए हैं। विदेश यात्राओं के दौरान यहां के अलुम्नाई मिलते हैं, जो गर्व से बताते हैं कि वो एएमयू से हैं। अपने 100 वर्ष के इतिहास में एएमयू ने लाखों जीवन को तराशा है, संवारा है। समाज के लिए देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा जाग्रत की है। एएमयू की ये पहचान और इस सम्मान का आधार वो मूल्य रहे हैं, जिन पर सर सैयद अहमद खां द्वारा इस यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई थी।

बहुत से लोग बोलते हैं कि AMU कैंपस अपने आप में एक शहर की तरह है। अनेक विभाग, दर्जनों हॉस्टल, हजारों टीचर-छात्रों के बीच एक मिनी इंडिया नजर आता है। यहां एक तरफ उर्दू पढ़ाई जाती है, तो हिंदी भी। अरबी पढ़ाई जाती है तो संस्कृत की शिक्षा भी दी जाती है। यहां लाइब्रेरी में कुरान है तो रामायण भी उतनी ही सहेजकर रखी गई है। हमें इस शक्ति को न भूलना है न कमजोर पड़ने देना है। एएमयू के कैंपस में एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना मजबूत हो, हमें इसके लिए काम करना है।

बीते 100 वर्षों में AMU ने दुनिया के कई देशों से भारत के संबंधों को सशक्त करने का भी काम किया है। उर्दू, अरबी और फारसी भाषा पर यहाँ जो रिसर्च होती है, इस्लामिक साहित्य पर जो रिसर्च होती है, वो समूचे इस्लामिक वर्ल्ड के साथ भारत के सांस्कृतिक रिश्तों को नई ऊर्जा देती है।

पहले मुस्लिम बेटियों का स्कूल ड्रॉपआउट रेट जो 70 फीसदी था, वो घटकर 30 फीसदी रह गया है। मुस्लिम बेटियों का स्कूल ड्रॉपआउट रेट कम से कम हो इसके लिए हमारी सरकार काम कर रही है। एएमयू में भी अब लड़कियों की संख्या बढ़कर 35 फीसदी हो गई है, इसके लिए मैं आपको बधाई देना चाहूंगा।

कोरोना संकट के दौरान AMU ने जिस तरह समाज की मदद की वो अभूतर्पूव है। लोगों का मुफ्त टेस्ट कराना, आइसोलेशन वार्ड बनाना, प्लाज्मा बैंक बनाना और पीएम केयर फंड में एक बड़ी राशि का योगदान देना समाज के प्रति आपके दायित्यों को पूरा करने की गंभीरता को दिखाता है।

आज एएमयू से तालीम लेकर निकले लोग भारत के सर्वश्रेष्ठ स्थानों के साथ ही दुनिया के सैकड़ों देशों में छाए हैं. एएमयू के पढ़े लोग दुनिया में कहीं भी हों, भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं।

Credit: social media

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 21वीं सदी में भारत के छात्र-छात्राओं की जरूरतों को सबसे ज्यादा ध्यान में रखा गया है। हमारे देश के युवा Nation First के अह्वान के साथ देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सरकार उच्च शिक्षा में दाखिला बढ़ाने और सीटें बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है। वर्ष 2014 में हमारे देश में 16 IITs थे, आज 23 IITs हैं। वर्ष 2014 में हमारे देश में 9 IIITs थे, आज 25 IIITs हैं। वर्ष 2014 में हमारे यहां 13 IIMs थे, आज 20 IIMs हैं।

इस दौरान पीएम मोदी विशेष डाक टिकट का भी विमोचन किया।  पीएम नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में मुख्य तिथि के रूप में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विशेष डाक टिकट जारी किया।  इसके बाद पीएम ने एएमयू को संबोधित करते हुए कहा कि आज अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से तालीम लेकर निकले लोग भारत के सर्वश्रेष्ठ स्थानों के साथ ही दुनिया के सैकड़ों देशों में छाए हैं। एएमयू के पढ़े लोग दुनिया में कहीं भी हों, भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं।

 पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल मे एएमयू दवारा समाज की मदद प्रेरणा दायक। एएमयू देश की शक्ति, न भूलना, न कमजोर होने देना। पीएम मोदी ने कहा कि समाज में वैचारिक मतभेद होते हैं, लेकिन जब बात राष्ट्र के लक्ष्य के प्राप्ति की हो तो सभी मतभेद को किनारे रख देने चाहिए। देश में कोई किसी भी जाति या मजहब का हो, उसे देश को आत्मनिर्भर बनाने की ओर योगदान देना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि एएमयू से कई सेनानी निकले हैं, जिन्होंने अपने विचारों से हटकर देश के लिए जंग लड़ी। पीएम मोदी ने कहा कि सियासत सिर्फ समाज का एक हिस्सा है, लेकिन सियासत-सत्ता से अलग देश का समाज होता है। ऐसे में देश के समाज को बढ़ाने के लिए हमें काम करते रहना चाहिए।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सर सैयद अहमद खां को श्रद्धांजलि दी। कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है, 1964 के बाद पीएम हमारे बीच हैं। राष्ट्र निर्माण में एएमयू का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हर क्षेत्र में एएमयू ने लोग पैदा किए हैं। देश का पहला विवि है, जिसने 1920 में बेगम सुल्तान जहां को चांसलर बनाया है।

यह हमारे महिलाओं के सम्मान को सर्वोच्‍चता पैदा करता है। सौ साल का समय कम नहीं होता। अनेक उतार-चढ़ाव आए होंगे। सौ साल की यात्रा ऐतिहासिक यात्रा है। जिसमेें आज सफलता के रूप में हम स्वीकार कर रहे हैं। 1964 में एएमयू के दीक्षा समारोह  में तत्‍कालीन पीएम लालबहादुर शास्त्री जी ने कहा था देश की वफादारी सभी से ऊपर होती है। जेएनयू में पीएम मोदी ने कहा था नेशन फर्स्‍ट होना चाहिए। एएमयू ने सामाजिक व शैक्षणिक योगदान दिया है। कोविड काल में एएमयू ने पीएम फंड में 1.4 करोड का योगदान दिया। दो लाख से ज्यादा कोविड परीक्षण यहां के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में हुए हैं।

एएमयू के चांसलर  डॉ. सैयदना मुफददल सैफुद्दीन ने कहा- नरेंद्र भाई मोदी साहब इस कार्यक्रम में बतौर मेहमान शामिल हुए हैं। उनकी अगुआई में देश तरक्की करता रहे। तालीम हासिल करना हर मुसलमान पर फर्ज है। तालीम, तालीम नहीं जिसका कोई लाभ न हो। इल्म से सभी रुके रास्तों को खोला जा सकता है।

इस मौके पर कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि एएमयू समुदाय विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री का आभारी है। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक वर्ष के दौरान विश्वविद्यालय का और अधिक विकास होगा, जिससे छात्रों को निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में नियुक्ति में मदद मिलेगी। एएमयू कुलपति प्रो तारिक मंसूर ने कहा, यह मौका हमारे लिए ऐतिहासिक है। शताब्दी समारोह का आयोजन पूरी यूनिवर्सिटी बिरादरी के लिए गर्व की बात है। मॉडर्न एजुकेशन का काम करना चाहते हैं। एएमयू के पूर्व छात्र यूनिवर्सिटी के विकास में अहम रोल अदा कर सकते हैं। शाताब्दी सामारोह को एएमयू के रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद ने भी संबोधित करा।

एक नजर में एएमयू

-मदरसातुल-उलूम की स्थापना 24 मई, 1875 को हुई थी।
-1877 में 74 एकड फौजी छावनी की जमीन पर मुहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज की नींव रखी गई।
-27 अगस्त, 1920 को मुस्लिम यूनिवर्सिटी बिल को विधायिका में पेश किया गया ।
-9 सितंबर, 1920 को मुस्लिम विश्वविद्यालय विधेयक पारित किया गया था।
-14 सितंबर को मुस्लिम यूनिवर्सिटी पास हो कर बिल गवर्नर जनरल को भेजा गया था।
-1 दिसंबर, 1920 को विश्वविद्यालय की स्थापना  हुई थी।
-17 दिसंबर, 1920 को एएमयू स्ट्रेची हॉल में उद्घाटन किया गया।
-100 से अधिक देशों में ज्ञान की लौ जला रहे हैं  एएमयू में पढ़े लोग।
-30,000 से अधिक विद्यार्थी अध्ययन रत हैं। 2,000 शिक्षक हैं ।
 -1877 में  मौलाना आजाद लाइब्रेरी स्थापित हुई ।
– 6.50 लाख पुस्तकें हैं  लाइब्रेरी में ।
-27 देव प्रतिभाएं हैं एएमयू के मूसा डाकरी संग्रहालय में।
खास बातें
– 8 पद्म विभूषण, 28 पद्म भूषण, 37 पद्म श्री सम्मान।
– 19 राज्यपाल, 17 मुख्य मंत्री, सर्वोच्च न्यायालय के 4 न्यायाधीश।
– उच्च न्यायालय के 11  मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के 29 न्यायाधीश।
-3 ज्ञानपीठ पुरस्कार, 19 साहित्य अकादमी पुरस्कार।
-विश्वविद्यालय ने 11 विश्वविद्यालयों में कुलाधिपति और 92 कुलपति।
-विदेशों में 9 मुख्य न्यायाधीशों और 9 न्यायाधीशों ने एएमयू से स्नातक किया।
-एएमयू से बीटेक करने वाली खुशबू मिर्जा चंद्रयान व चंद्रयान-2 टीम का हिस्सा रह चुकी हैं।
-एएमयू के जवाहरलाल नेहरू (जेएन) मेडिकल कॉलेज की भी है देश में अलग पहचान।
-18 राज्यपाल, 17 मुख्यमंत्री और 12 देशों के राष्ट्रअध्यक्ष यहां से निकले हैं।