उत्तर प्रदेश के बागपत में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने बड़ौत के दिगंबर जैन कॉलेज में श्रुतिदेवी, जैन देवी को समर्पित मंदिर की स्थापना पर हंगामा किया और इसके साथ ही विधार्थी परिषद जिंदाबाद एवं भारत माता की जय के नारे लगाए। उत्तेजित प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर मंदिर को देवी सरस्वती द्वारा बदलने की मांग की।
बीते 22 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में स्थापित दिगंबर जैन महाविधालय में कुछ उपद्रवी लड़के जो कि ख़ुद को अखिल भारतीय विधार्थी परिषद का सदस्य बता रहे थें, उन्होंने महाविद्यालय में प्रवेश कर हंगामा और तोड़ फोड़ मचाया। इसी दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने महाविद्यालय में घुस कर हंगामा मचाने के साथ ही 2016 से स्थापित श्रुति देवी की प्रतिमा पर जूता पहन चढ़ कर उसे विवादित बताते हुए तोड़ने की धमकी तक दी। आये दिन इस देश में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ होने वाली घटनाएं सामने आती रहती हैं। यह बीजेपी शासित प्रदेश में जैन अल्पसंख्यक समुदाय के साथ होने वाली पहली घटना है। जैन समाज का कहना है कि एबीवीपी के गुंडे इन घटनाओं के द्वारा सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने एवं वैमनस्य फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।
बागपत थाने में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक दिगंबर जैन कॉलिज पश्चिमी उत्तर प्रदेश की, 105 वर्ष प्राचीन समृद्ध जैन अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था है, जिसका अपना गौरवपूर्ण इतिहास है। कुछ उपद्रवी लड़कों द्वारा महाविद्यालय में जबरदस्ती घुस गाली गलौच करते हुए महाविद्यालय के गेट, प्राचार्य कक्ष एवं कक्षाओं के ताले तोड़कर अपने साथ लायें ताले लगा दिये, जिससे महाविद्यालय का कार्य ठप्प हो गया और महाविद्यालय की महिला शिक्षिकाओं एवं बालिकाओं का आवागमन रुक गया। इसी के साथ उन्होंने अत्यंत आपतिजनक कार्य को अंजाम दिया। सन् 2016 से महाविद्यालय परिसर में स्थापित जैन धर्म की आस्था केंद्र माँ श्रुतिदेवी की प्रतिमा तक जूते लेकर चढ़ गये और भद्दे शब्दों में मन्दिर की गरिमा को नष्ट करते हुए उन्होंने मौखिक रूप से यह कहा कि इस मंदिर व प्रतिमा को तुरंत हटा लिया जाए नहीं तो ये लोग इसको तोड़ देंगे।
इस घटनाक्रम के बाद से ही महाविद्यालय की प्रबंध समिति और साथ ही महाविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारी वर्ग में असामाजिक तत्वों द्वारा किये गए इस निंदनीय कार्य के बाद से भय व्याप्त है। इस घटना को लेकर बड़ौत के जैन समाज के सभी मंदिरों एवं सामाजिक समितियों के करीब 300 प्रबुद्ध पदाधिकारियों की आपात पंचायत हुई, जिसमें उपस्थित सभी व्यक्ताओं ने जैन अल्पसंख्यक समुदाय की संस्थाओं में बाहरी हस्तक्षेप और धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुँचाने को लेकर चिंता व्यक्त की।
इस घटना के बाद जैन समाज के लोगों में रोष व्याप्त हो गया था। कॉलेज प्राचार्य द्वारा इस सम्बंध में एबीवीपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोतवाली में तहरीर भी दी थी। बुधवार को जैन समाज के लोगों की इस प्रकरण में नगर के दिगम्बर जैन बाल सदन में एक सभा का आयोजन हुआ। यहां सभा के बाद कालेज प्रबंध समिति के संयुक्त सचिव डीके जैन को एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई।
सभा में शामिल इतिहासकार अमित राय जैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘जैन आगम के अनुसार आराध्य मां श्रुति देवी विद्या एवं ज्ञानदायिनी हैं। जैन धर्म में चौबीस तीर्थंकर भगवान हैं। प्रत्येक तीर्थंकर के साथ जिन शासन देवियां और देवताओं का भी अस्तित्व होता है। जैन शिल्प में इन जिनशासन देवियों की मूर्ति के साथ मस्तक पर तीर्थंकर का विराजमान होना भी सहज रूप से मिलता है। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं का इस पर विरोध करना सर्वथा अनुचित है। देशभर में सैकड़ों मां श्रुति देवी की मूर्तियां स्थापित हैं। एबीवीपी के विरोध प्रदर्शन से जैन अल्पसंख्यकों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं’।
कॉलेज प्राचार्य डॉ. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि कॉलेज में वर्ष 2016 में मूर्ति स्थापित की तो जो जैन धर्म की प्रतीक श्रुति देवी की है। कालेज प्रशासन के अनुसार 2016 में मूर्ति कालेज के शाताब्दी वर्ष समारोह के दौरान लगवाई थी। उस समय भी छात्रों ने मां सरस्वती की मूर्ति के सिर पर जैन मुनि को दर्शाने का विरोध किया था। कालेज प्राचार्य डॉ वीरेंद्र सिंह ने पुलिस को दिए गए शिकायतीपत्र में एबीवीपी के जिला संयोजक अंकुर चौधरी, याचिका तोमर, हैप्पी शर्मा जो महाविद्यालय के छात्र भी नहीं हैं पर कालेज परिसर में अराजकता फैलाने और श्रुत देवी की प्रतिमा का अपमान करने का आरोप लगाया हैं। कॉलेज प्राचार्य डॉ. वीरेंद्र सिंह ने कॉलेज मेें घुसकर तोड़फोड़ की कोशिश करने, ताले को तोड़कर अपना ताला लगाने, छात्र-छात्राओं व कॉलेज स्टाफ को बंधक बनाने की कोशिश करने आदि के मामले में दस एबीवीपी कार्यकर्ता के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी। बागपत पुलिस ने ट्वीट करते हुए बताया की तहरीर के आधार पर जांच कर कार्रवाई की जा रही हैं।