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भारत की नई मिसाल, जब एक हिंदू ने अपने मुस्लिम दोस्त से करवाया बेटी का कन्यादान

आसमोहम्मद कैफ़, Twocircles.net
मोदीनगर। मोदीनगर के सीकरी गांव से नफरतों के इस माहौल में भी मुहब्बत की एक शानदार मिसाल सामने आई है। इस गांव सीकरी में धारा सिंह गुर्जर ने अपनी बेटी दीपा की शादी में कन्यादान की रस्म अपने दोस्त हाजी सईद से अदा कराई है। शादी के कार्ड पर भी हाजी सईद का नाम भी मेज़बानो की लिस्ट में सबसे ऊपर लिखा हुआ था। मोदीनगर की यह शादी चर्चा का विषय बन गई है। इस अनोखी शादी ने आस पास के लोगों का जीत लिया है। यह शादी हिन्दू मुस्लिम बंटवारे में सियासी भविष्य तलाशने वालों के चेहरे पर एक ज़ोरदार तमाचा है।
 
धारा सिंह कहते है, ‘इसका कोई राजनीतिक मतलब नही है। यह दिलों की मुहब्बत वाली बात है। हाजी सईद मेरे बचपन के दोस्त हैं। हमने दसवीं की पढ़ाई साथ में की है। मेरे घर मे उनके साथ परिवार जैसा ही बर्ताव होता है। उनके घर मे भी मेरे साथ ठीक ऐसा व्यवहार होता है। मेरे पिताजी उन्हें अपना पांचवा बेटा बताते हैं। मेरे भतीजे की शादी में पैसों का थैला हाजी सईद के हाथ मे मेरे पिता ने ही दिया था। यह थैला बहुत सम्मान की बात होती है और उसे ही दिया जाता है जो घर का सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है। हमारी 30 साल की दोस्ती है। आप कह सकते हैं हम दो जिस्म एक जान हैं। मेरी दीवाली उनके बिना नही होती और उनकी ईद मेरे बिना नही होती।’
शादी के कार्ड पर हाजी सईद का नाम प्रेषक में लिखा हुआ था। 500 से ज्यादा कार्ड बांटे गए। बाद में यह कार्ड कौतूहल का विषय बन गया क्योंकि इसमे शुभ माने जाने हिन्दू देवता गणेश का चित्र अंकित था और श्रीकृष्ण की गो माता को प्रेम करती हुई तस्वीर भी थी। इस स्नेह निमंत्रण ठीक नीचे प्रेषक की जगह हाजी सईद और धारा सिंह, प्रधान, सीकरी खुर्द, मोदीनगर लिखा हुआ है।
 
धारा सिंह कहते हैं, “जो पुराने रिश्तेदार थे वो सब हमारी दोस्ती के बारे में जानते थे। उन्होंने कोई सवाल नही किया। जो नए रिश्तेदार थे उनमें से एक दो के मन में माहौल के मुताबिक सवाल उमड़ा। मगर मैंने उन्हें ‘हिंदी’ में समझाया कि देखो हाजी सईद का नाम कार्ड पर मेरे नाम से भी ऊपर लिखा हुआ है।”
 
4 फरवरी को धारा सिंह की बेटी दीपा की शादी दीपक के साथ हो गई। कन्यादान हाजी सईद और धारा सिंह ने संयुक्त रूप किया। इस रस्म के मुताबिक वधु का पिता अपनी बेटी का हाथ वर के हाथ मे देता है। धारा सिंह बताते हैं कि विदाई के वक़्त शायद हाजी सईद की आंखों में आंसू देखकर बहुतों की ग़लतफहमी दूर हो गई होगी।
 
हाजी सईद बताते हैं, “मेरे घर मे धारा सिंह की वो ही हैसियत है जो मेरी उनके घर मे है। मेरे परिवार में जो फैसला धारा सिंह लेते है वो सब मानते हैं। हमारे सब बच्चों के रिश्ते नाते में इनका मशवरा होता है। एक दूसरे के सुख दुःख में शामिल रहते हैं और एक दूसरे के बच्चों को अपना समझता है। दीपा भी मेरी बेटी है। यह बात हमारे बच्चें भी जानते हैं और बड़े भी। यही कारण है कि धारा सिंह के पिता मुझे अपना पांचवा बेटा बताते हैं।”
 
हाजी सईद मेरठ के रहने वाले है और माहीगीर बिरादरी से आते हैं। वो मछली बेचने के व्यवसाय से जुड़े है। कुछ महीने पहले मेरठ में तबरेज़ अंसारी के लिंचिंग के विरुद्ध हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान उनके ख़िलाफ़ रंजिश रखने वाले कुछ बीजीपी नेताओं ने मुक़दमा दर्ज करवा दिया।
 
धारा सिंह बताते हैं, “अब ऐसा आदमी जो किसी तरह का जाति और धार्मिक भेदभाव नही करता और मिलजुलकर रहता है उसे भी मेरठ में कुछ नेताओं ने राजनीतिक बलि का बकरा बनाना की कोशिश की।”
 
मोदीनगर के नासिर मंसूरी के अनुसार यह एक बेहद शानदार बात है। हालांकि यह भी सच है कि लगभग हर शादी में ऐसा ही कुछ होता रहता है। मगर आजकल इस तरह कामों का महत्व बढ़ जाता है। दुनिया को मुल्क की इस ख़ूबसूरती के बारे में पता चलना भी चाहिए। यहां खास बात यह है धारा सिंह ने हाजी सईद को अपने से भी आगे रखा है। आजकल ऐसी मिसाल नही मिलती। हालांकि तमाम शादियों में हिन्दू मुस्लिम मिलकर सहयोग करते हुए  ज़रूर दिखाई ही देते है। लेकिन धारा सिंह ने बेटी का कन्यादान अपने बचपन के मुस्लिम दोस्त  से कराकर एकदम नई वमिसाल पेश कर दी है। मोदीनगर में इसकी हर तरफ़ तारीफ़ हो रही है। इससे यह भी पता चलता है कि कुछ सियासतदानों की नफ़रतों का असर ज़मीन पर दिखाई नहीं दे रहा है क्योंकि धारा सिंह और हाजी सईद जैसे लोग मुहब्बतों की खुश्बू से नफ़रत की बदबू को बेअसर करने में  जुटे हैं।
(twocircle.net धारा सिंह और हाज़ी सईद की दोस्ती के इस जज़्बे को सलाम करता है और उनकी बेटी के सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना करता है।)