आसमोहम्मद कैफ़, Twocircles.net
लखनऊ।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शाहीन बाग़ की तर्ज़ पा चल रहा प्रदर्शन का आज दसवा दिन है।इसे देश में शाहीन बाग़ के बाद दूसरा सबसे बड़ा प्रदर्शन बताया जा रहा है।लखनऊ के यह प्रदर्शन कई कारणों से चर्चा में है।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन्ही महिलाओं के बारे में पुरुषों के रजाई में लेटने और महिलाओं के चौराहे-चौराहे पर बैठने की चर्चित टिपण्णी की थी।
इस विरोध प्रदर्शन की कन्वीनर शायर मुन्नवर राणा की बेटी सुमैय्या राणा है जिनपर उनकी बहन के साथ ही मुक़दमा दर्ज हो चुका है।यह प्रदर्शन लखनऊ के हेरिटेज ज़ोन कहे जाने वाले हुसैनाबाद इलाके में चल रहा है।यहाँ दुनिया भर के शिया समुदाय में खास मुक़ाम रखने वाले मौलाना कल्बे सादिक भी शिरकत कर चुके हैं,फिलहाल उनके भी दोनों बेटों के विरुद्ध मुक़दमा दर्ज हो चुका है।
हाल ही में जेल से छूट कर आये सामाजिक कार्यकर्ता दीपक कबीर कहते हैं “लखनऊ का यह प्रदर्शन कई मायनों में ख़ास है पिछले दिनों उत्तर प्रदेश पुलिस नागरिकता कानून का विरोध करने वाले लोगो के साथ बेहद बर्बरता से पेश आई है,यह सारी कवायद इसलिए की गई ताकि यहां से कोई आवाज़ उठाने की हिम्मत न करें मगर लखनऊ की जिंदादिली औरतों ने सारी कहानी पलट दी और अब योगी सरकार इनकी आवाज़ कुचलने के उल्टे सीधे तरीके अपना रही है”।
26 जनवरी को लखनऊ के घण्टाघर पर मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह भी खासी चर्चा में है।इस दिन यहां मेला की तरह आयोजन हुए।बच्चों ने देशभक्ति पर आयोजित कार्यक्रम किये और लड़कियों ने देशभक्ति के नग़मे गाएं।आयशा अमीन के अनुसार देश हमारा है और संविधान के लिए लड़ना हमारे देश के प्रति समर्पण को दर्शाता है।हमारी लड़ाई देश बचाने की है।आयशा लगातार दस दिन से यहां आ रही है।
इस दौरान घण्टाघर को तिरंगे रंग वाले गुब्बारों से पूरी तरह सजाया गया था और पूरे जोन में सिर्फ तिरंगा रंग दिखाई दे रहा था।हर धर्म जाति के लोगो की शिरकत दिखाई दी।ध्वजारोहण लखनऊ विश्वविद्यालय पूर्व वीसी रूपरेखा वर्मा ने किया।