मीना कोटवाल. Twocirrcles.net
दिल्ली। दिल्ली में रविवार को कुछ इलाकों से हिंसा की अफवाहें फैलने के बाद कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया था। कई इलाकों से ख़बर मिली की उनकी गलियों में कुछ लोगों की भीड़ को एक साथ आते देखा गया। हालांकि अभी तक कहीं से भी किसी तरह की हताहत होने की ख़बर नहीं है।
इस तरह की ख़बर मिलते ही कुछ मेट्रो स्टेशन, मार्केट बंद कर दिए गए। तिलक नगर, उत्तम नगर, नांगलोई, तुगलक़ाबाद इलाकों में भीड़ के इकट्ठा होने की ख़बर तेजी से सोशल मीडिया पर फैली। हालांकि अभी शांति देखी जा सकती है। उत्तम नगर की एक स्थानीय महिला ने बताया कि हमारे अचानक यहां कुछ लोगों की भीड़ गली में दाखिल हुई और चिल्लाने लगी। आसपास के लोग काफ़ी डर गए थे और सभी अपने घरों में घुस गए। हालांकि उनके निकलते ही थोड़ी देर बाद माहौल शांत हो गया लेकिन दिल में एक दहशत बैठ गई है।
दिल्ली के आंबेडकर नगर से भी इसी तरह की ख़बर सुनने में आई वहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां मस्जिद है जहां काफ़ी तनाव का माहौल देखा गया और गली में कुछ लड़कों को भागते हुए देखा। इसकी वज़ह से लोग डर गए हैं और अपने घरों में घुस गए। माहौल ख़राब होते ही आसपास की दुकाने और मार्केट बंद कर दी गई।
यहीं रहने वाली पूनम नाम की एक महिला बताती हैं कि मैं अपने दस महीने के बेटे के साथ ससुराल जाने के लिए निकली थी। करोल बागं जाने के लिए मैंने कैब की। कैब में बैठी थोड़ी दूर पहुंची ही थी कि उसके घर से फोन आया और उसने मुझे रास्ते में ही ये कहते हुए उतार दिया कि “मैडम मैं नहीं जा सकता आप कोई और गाड़ी कर लो। मैंने उन्हें पूछा क्या हुआ तो उन्होंने बताया यहां दंगा शुरू होने वाला है मुझे अपने घर पहुंचना है। मैंने उन्हें कहा भी मेरे साथ छोटा बच्चा है अगर आप ले जा नहीं सकते तो कम से कम वहीं छोड़ दीजिए जहां से आपने पिक किया था। लेकिन वो इतना डर गया था कि उसने मुझे कहा कि अगर मैं आपकी चिंता करूंगा तो मेरे घर में बीवी बच्चे अकेले हैं।”
पूनम में इसी में आगे बताया कि हम लोग ज्यादा दूर नहीं गए थे इसलिए मैंने तुरंत अपने भाई को बुलाया और वापस घर (मम्मी के घर) पहुंची।
जामिया मिलिया इस्लामिया के पास खलीला मस्जिद के इलाके में धोबी घाट के पास रहने वाली शिरीन ने बताया कि अफवाहों से वह काफी डर गई थी। घर पर उनके अलावा कोई नहीं था। मम्मी-पापा शादी में मुंबई गए हुए हैं और भाई भी घर में नहीं है। चूंकि उनका घर यमुना के किनारे हैं ऐसे में खतरा बना रहता है। कब कहां से हमला हो जाए। इस तरह सुनने में आया कि मदनपुर खादर की तरफ से कुछ लोगों पर हमला करने आ रहे हैं। बाद में पता चला कि 9 नंबर पार्क के पास दो भाइयों का आपसी झगड़ा हुआ था। इस पर पुलिस ने बताया कि यह सब माहौल खराब करने के लिए अफवाहें उड़ रही हैं।
वहीं बी.एल.एड कर रही अल्फ़िया समानीन का कहना है कि उनके कोर्स वर्क में उन्हें कुछ इलाकों के सरकारी स्कूलों में जाना है। इन अफवाहों के चलते विद्यार्थियों के परिवार वाले कॉल और मैसेज कर रहे हैं कि तुम लोग सुबह तो चले जाओगे क्योंकि सुबह इस तरह का माहौल कम ही देखने को मिलता है लेकिन शाम को आते समय क्या करोगे! अगर मेट्रो स्टेशन बंद हो गए या कुछ हो गया तो? इसलिए इस समय वे घरों से बाहर निकलने के लिए मना कर रहे हैं। दिल्ली के इस माहौल से डर का मंजर बना हुआ है।
इन अफ़वाहों से उन इलाकों में दहशत माहौल बन गया, जहां मुस्लिम परिवार थोड़ी तादाद में रहते हैं। पूर्वी दिल्ली में शिव विहार और करावल नगर में जिस तरह मुसलमानों के मोहल्ले के मोहल्ले जला दिए गए उसके बाद से उन मुस्लिम परिवारों के बीच दहशत देखने को मिल रही है, जो हिंदू बहुल इलाकों में कम तादाद में रहते हैं। पुलिस भले ही स्थिति शांतिपूर्ण बनाए रखने का दावा कर रही है। लेकिन उसकी बात पर भरोसा इसलिेए नहीं हो रहा क्योंकि हिंसा के दौरान पुलिस हालास को सामान्य बता रही थी, जबकि वहां धारा 144 लगी होने के बावजूद भीड़ हिंसा पर उतारू थी। हिसा में पुलिस की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
लगातार फैलती अफ़वाहों से पुलिस की मुश्किल बढ़ गई। अफवाहें रोकने और लोगों को समझााने के लिए पुलिस को हरकत पर आना पड़ा। पुलिस को कई लोगों की शिकायत मिलने के बाद उन्होंने चौकसी बढ़ा दी है। अफ़वाह फैलने के बाद रविवार शाम दिल्ली के विभिन्न हिस्से में लोगों के बीच दहशत पैदा हो गई लेकिन दिल्ली पुलिस ने किसी भी घटना से इनकार किया और लोगों से शांति की अपील की।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने कहा कि उसने सात मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए लेकिन कोई कारण नहीं बताया. स्टेशनों को बाद में खोल दिया गया।
डीसीपी (पश्चिम) दीपक पुरोहित ने बताया, ‘पश्चिमी जिले के खयाला-रघुबीर नगर इलाके में तनाव को लेकर एक अफवाह की जानकारी मिली है। इसमें जरा भी सच्चाई नहीं है। सभी से शांति बनाए रखने की अपील की जाती है क्योंकि स्थिति पूरी तरह सामान्य और शांतिपूर्ण हैं। देर रात तक लोग एक दूसरे को फोन करके एक दूसरे का हालचाल जानते रहे। किस तरह रविवार की रात दिल्ली में अफवाहों और डर के बीच गुज़री।