विशेष संवाददाता । Twocircles.net
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक बार फिर हाथरस जैसी घटना हुई है। यहां की एक दलित युवती की जलकर मौत हो गई है। कल देर शाम गांव में उसका अंतिम संस्कार किया गया है। युवती के परिजनों कहना है आरोपी युवती पर लगातार गैंगरेप में समझौता करने का दबाव बना रहे थे। राजी न होने की स्थिति में उसे जलाकर मार दिया। मामला में पांच लोगों की गिरफ्तारी कर दी गई है। आरोपी गांव के दबंग हैं । गांव में डीएम और एसएसपी सहित उच्च अधिकारियों ने डेरा डाला हुआ है। इस मामले में विवेचक सीओ अतुल चौबे की ढिलाई सामने आने के कारण उन्हें निलबिंत कर दिया गया है।
यह घटना जहांगीराबाद क्षेत्र में हुई है। पीड़िता दलित किशोरी को मंगलवार को जिंदा जलाने का मामला सामने आने के बाद जिले का पुलिस-प्रशासन हिल गया है। घटना को लेकर विपक्ष के निशाने पर एक बार फिर से योगी सरकार निशाने है। बुरी तरह से झुलसी किशोरी की देर शाम दिल्ली में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। बुलंदशहर के पुलिस कप्तान संतोष कुमार सिंह के अनुसार मामले में ढिलाई बरतने वाले दरोगा और सिपाही को निलंबित कर दिया गया है जबकि स्थानीय थाना प्रभारी और क्षेत्राधिकारी को हटा दिया है इसके अलावा पांच आरोपी बनवारी, बदन सिंह, वीर सिंह, जसवंत सिंह और गौतम को गिरफ़्तार किया गया है। जांच उपरांत अब सीओ भी निलंबित किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार को कटघरे में खड़े करते हुए सवाल किया है कि नारी सुरक्षा ,नारी सम्मान और नारी स्वावलंबन की बात कहकर मिशन शक्ति का नारा देने वाली योगी सरकार में नारियों की दशा और दिशा की यही हक़ीक़त हैं ।
उत्तर प्रदेश में महिला से जुड़े अपराधों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। बुलंदशहर में एक सप्ताह में गैंगरेप की तीन वारदात सामने आई है इसमे एक पुलिस की शिथिलता के चलते एक गैंगरेप पीड़िता की जलने से मौत हो गई है। पीड़िता के दलित समुदाय से होने के चलते इलाके में जबरदस्त तनाव हैं। पुलिस ने आनन फानन में 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पीड़िता के गांव में राजनीतिक लोगों का आना जाना लगा है और मामला तूल पकड़ रहा है।
इससे पहले हाथरस में भी एक दलित किशोरी की गैंगरेप के बाद सरकार की बेहद किरिकरी हुई थी। घटना की तह में जाने पर पता चलता है कि यह गैंगरेप की घटना जहांगीराबाद थाना क्षेत्र में करीब तीन माह पहले हुई थी। किशोरी के साथ पड़ोसी गांव के युवक ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था, बाद में परिजनों ने आरोपित को पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया था। फिलहाल आरोपित जेल में है। इसी मामले में आरोपित युवक के परिजन लगातार पीड़ित पक्ष पर समझौता करने के लिए दबाव बना रहे थे। समझौता न करने पर मंगलवार की सुबह आरोपित पक्ष के लोगों ने पीड़ित के घर में घुसकर किशोरी को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया। बाद में परिजनों और पुलिस ने किशोरी को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया, जहां देर शाम उसकी मौत हो गई।
इस किशोरी की मौत के बाद परिजन रात भर अस्पताल प्रशासन से पोस्टमार्टम की गुहार लगाते रहे लेकिन प्रशासनिक हीलाहवाली के चलते पोस्टमार्टम में देरी हुई । बताया जा रहा है कि अस्पताल प्रशासन पहले कोरोना की जांच के बाद पोस्टमार्टम करने की बात कह रहा था। हालांकि सूत्रों का कहना है कि प्रशासन मामला गंभीर होने के कारण किशोरी हाथरस जैसी किसी स्थिति से बचना चाहता है। किशोरी के अंतिम संस्कार को लेकर गांव में अत्यधिक तनाव है।
इस मामले में बुलंदशहर के एसएसपी ने पहले बताया था कि पीड़िता ने खुद ही आग लगाई थी और इसकी वज़ह आरोपियों द्वारा पीड़िता पर फैसला का दबाब बनाया जाना था। विवेचक भी आरोपियो से साज खा गया था। हैरतअंगेज तौर पर यह बुलंदशहर में एक सप्ताह में तीसरी घटना है। इससे पहले अनूपशहर की एलएलबी की छात्रा ने पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए अपनी जान दे दी थी।इस युवती के साथ भी गैंगरेप किया गया था और पुलिस कथित तौर पर उसकी मदद नही कर रही थी। उसके बाद उसने घर पर ही फांसी लगाकर जान दे दी। पीड़िता की शिकायत के बाद एक महीने तक अनूपशहर पुलिस ने कोई कार्रवाई नही की। पुलिस उसके मामले को झूठा बता रही थी। इससे मानसिक तौर पर तंग होकर अपनी बात का यकीन दिलाने के लिए एलएलबी की छात्रा ने आत्महत्या कर ली।
उत्तर प्रदेश महिला आयोग की पूर्व सदस्य रोली तिवारी मिश्रा कहती है कि ” यह अत्यंत ह्दय विदारक है। पूरे प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध लगातार बढ़ गए हैं। मिशन शक्ति सिर्फ नाम का अभियान है। एक ही जनपद में एक सप्ताह में गैंगरेप तीन वारदात दहला देती है इससे भी अधिक आश्चर्यजनक यह है कि तीनों ही मामलों में पुलिस की घोर लापरवाही सामने आई है और उन्होंने पीड़ित को सुना ही नही, उत्तर प्रदेश सरकार असवेंदनशीलता कष्ट देती है”।