नेहाल अहमद। Twocircles.net
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) अपने शताब्दी वर्ष में एक के बाद एक कई उपलब्धियों को अपने खाते में शामिल कर रहा है। अब एक उपलब्धि युनानी मेडिकल शिक्षा के लिए मशहूर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों की भी हो गई है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा यूनानी चिकित्सा अधिकारियों के पद के लिए चुने गए 57 उम्मीदवारों में से 41 छात्र एएमयू के हैं। बताते चलें कि हकीम अजमल खान तिब्बिया कॉलेज, यूनानी चिकित्सा संकाय, एएमयू के बीयूएमएस और एमडी पासआउट हैं।
13 अक्टूबर, 14, 15 और 16 को साक्षात्कार के लिए उपस्थित हुए इन छात्रों को देश भर के 171 उम्मीदवारों में से चुना गया था ।
यह है मोहम्मद अकरम, अब्दुल हकीम, सैय्यद राशिद अली, जकी अहमद सिद्दीकी, सरताज अहमद, दानिशमंद, सल्लल्लाह, विकार अहमद, सबिहा सुम्बुल, नजमुद्दीन अहमद सिद्दीकी, मोहम्मद शादाब, मोहम्मद अली, ज़ियाउल हक, मोहम्मद आज़म, तसफ़िया हकीम अंसारी, ज़ाहिद कमाल, तस्सुम अहमद, ज़ाहिद कमाल, रिजवान मंसूर खान, ज़रीन बेग, अनम, मोहम्मद अकरम लईक, रफीउल्लाह, हुमैरा बानो, रिफाकत, शिरीन फ़ातिमा, तरन्नुम खानम, एहसान रऊफ़, अज़ीज़ुर रहमान, अब्दुल कुद्दुस, हुमा अख्तर, अशफाक अहमद, उरूज बी, मोहम्मद असलम, मोहम्मद अज़ीम अशरफ, फारूक अनवर खान, मोहम्मद ज़ाकिर सिद्दीकी, इरम बुशरा, दानिश अख्तर, मोहम्मद संजर किदवई, सबा फातिमा, मोहम्मद इरफ़ान अंसारी और मोहम्मद तारिक।
छात्रों को उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए, एएमयू के कुलपति, प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि यह समर्पित संकाय सदस्यों द्वारा निरंतर मार्गदर्शन और छात्रों की कड़ी मेहनत का परिणाम है। युनानी मेडिसिन के संकाय के डीन प्रो अब्दुल मन्नान ने कहा, “यह आशा की जाती है कि चयनित छात्रों से प्रेरणा लेकर, अन्य लोग भी उच्च लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित होंगे।”
तिब्बत कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो सऊद अली खान ने अपनी इस उपलब्धि की सफलता का जश्न मनाने की बात की । साथ ही कहा कि आगे के जीवन में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के तौर पर राष्ट्र की सेवा करने में सफल होने पर ध्यान केंद्रित करें । मोआलिजात विभाग के प्रोफेसर बदरुददुजा खान ने कहा कि “एएमयू समुदाय इन 41 छात्रों पर गर्व करता है” !
अपनी कामयाबी पर चयनित छात्रा ज़रीन बेग बताती है कि आप देखेंगे कि पूरे हिंदुस्तान में कुछ ही गिने-चुने यूनानी मेडिकल कॉलेज हैं ,जहां पर यूनानी मेडिकल की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाती है। आम आदमी इसके बारे में बहुत ज़्यादा जानते नहीं, न तो यूनानी मेडिसिन के बारे में, न ही यूनानी मेडिसिन के शिक्षा के पैटर्न का या फिर इस क्षेत्र में जो अवसर है उसके बारे में ज़्यादा नहीं जानते हैं। इसलिए जब वह अपने बच्चों को कैरियर को लेकर गाइड करते हैं तो उन्हें भी इस बारे में ज़्यादा पता नहीं होता है और आखिरकार जब बारहवीं के बाद जब उन्हें कैरियर का चुनाव करना होता है तो उन्हें मेडिकल, इंजीनियरिंग व अन्य कोर्स जो सामान्यतः लोगों को पता होता है उस राह पर चल पड़ते हैं। हमारे यहां यूनानी मेडिसिन को लोग अच्छे से जानते-समझते थे। यहां पर अजमल खान तिब्बिया कॉलेज जैसा इदारा मौजूद है । ख़ास तौर पर यहां मैं कहना चाहूंगी कि मेरे वालिद साहब की जो रहनुमाई थी उसने मुझे काफ़ी उत्साहित किया कि मैं इस क्षेत्र को एक अवसर के रूप में लेकर इस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाऊं। मेरे वालिद साहब ही इस मामले में मेरे मेंटर, गाइड सबकुछ रहे, उन्होंने ही मुझे इसके लिए सही तरीके से प्रेरित किया और उन्हीं का सपना था कि मैं इस क्षेत्र में नाम रौशन करूं और अल्हम्दुलिल्लाह मुझे इस बात की खुशी है ।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के तिब्बिया कॉलेज में तहाफुज़ी वा समाजी तिब विभाग के प्रोफेसर अब्दुल अज़ीज़ खान इस कामयाबी का राज बताते हुए कहते हैं कि हमारा कॉलेज हिंदुस्तान का सबसे अच्छा कॉलेज है जहां पर ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट को अध्यापन एवं प्रशिक्षण बहुत अच्छा दिया जाता है। एएमयू का अपना नाम भी है। उन्हें यहां होस्टल, लाइब्रेरी, प्रतियोगी वातावरण, संसाधनों की उपस्थिति एवं प्रोफेसर की मौजूदगी जैसे अन्य सुविधाओं का लाभ मिलता है जिससे उन्हें अपने काम को और बेहतर तरह से कर सकने में मदद मिलती है।