स्टाफ़ रिपोर्टर। Twocircles.net
दिल्ली दंगो के मामले में पुलिस की 11 घण्टे की लंबी पूछताछ के बाद देर रात जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर ख़ालिद को गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने की है। उनपर यूऐपिए (UAPA ऐक्ट ) के तहत कार्रवाई की जा रही है।
इससे पहले 2 सितंबर को भी उमर ख़ालिद से दिल्ली क्राइम ब्रांच ने घण्टों पूछताछ की थी। बताया जा रहा था कि पुलिस ने तब ही उनका मोबाइल फ़ोन भी जब्त कर लिया था। फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आगमन के समय हुई दिल्ली दंगो में 53 लोगो की मौत हो गई थी। कथित तौर पर यह दंगे सीएए कानून के समर्थक और विरोधियों के बीच हुए थे। दिल्ली पुलिस ने अपने बयान में कहा है कि वो उत्तरी पूर्वी दिल्ली में हुए दंगो में सामाजिक कार्यकर्ताओ ,शिक्षाविदों और छात्रों को फर्जी मामले में फंसाये जाने का आरोप सही नहीं है।
उमर ख़ालिद इससे पहले जेएनयू में नारेबाजी के मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं और वो जेएनयू के पूर्व छात्र संघ उस मामले में कन्हैया कुमार के साथ मुख्य आरोपी है। उमर खालिद की गिरफ्तारी के बाद उनके पिता क़ासिम रसूल ने बताया कि उनके बेटे को दिल्ली दंगे के मामले में फंसाया गया है। दिल्ली पुलिस ने हाल ही में सीपीएम नेता सीताराम येचुरी,योगेंद्र यादव ,जयति घोष और प्रोफेसर अपूर्वानंद के नाम आरोप पत्र में शामिल किए थे। प्रशांत भूषण ने इस दौरान ट्वीट कर लिखा है कि “सीताराम येचूरी, योगेंद्र यादव ,जयति घोष और अपूर्वानंद का नाम लेने के बाद अब दिल्ली पुलिस उमर खालिद की गिरफ्तारी से दिल्ली दंगे की जांच कर रही दिल्ली पुलिस के दुर्भावनापूर्ण नजरिये को समझने में अब कोई संदेह नही बचा हैं यह पुलिस के द्वारा जांच की आड़ में अमनपसंद लोगों को फंसाने की साजिश है।
राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मनोज झा ने कहा है कि यह लोकतंत्र के स्वास्थ पर नवीनतम चिकित्सा बुलेटिन की तरह है। प्रमुख छात्र नेताओं और विपक्षियों को रात के अंधेरे गिरफ्तार करना लोकतंत्र की कमजोरी को बयान करता है। कन्न गोपीनाथन और योगेंद्र यादव दोनों ने उमर खालिद की गिरफ्तारी की निंदा की है। अभिनेता प्रकाशराज में इसे शर्मनाक बताया है उन्होंने कहा कि अगर हम ऐसी घटनाओं पर भी नही बोल पा रहे हैं तो खुद पर शर्मिंदा होना चाहिए।
योगेंद्र यादव के अनुसार उमर खालिद ने हमेशा हिंसा और साम्प्रदायिकता का विरोध किया है। वो हमेशा जेल में नही रहेंगे। उमर खालिद की गिरफ्तारी के बाद बीजीपी नेता कपिल मिश्रा की गिरफ्तारी की मांग तेज हुई है। सामाजिक कार्यकर्ता सुचित्रा विजयन के अनुसार यह वही उमर खालिद है जिसने कहा था कि “हम हिंसा का जवाब हिंसा से नहीं दे सकते हैं, नफरत का जवाब नफरत नहीं होत। अगर वह नफरत फैलाएं तोह हम प्यार फैलाएंग। वह हमे लाठी मरेंगे और हाँ तिरंगा ऊँचा रखेंगे। “