बिना वारंट गिरफ्तारी और तलाशी कर सकेगी योगी की ‘ड्रीम फोर्स’

आसमोहम्मद कैफ ।Twocircles.net 

देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में एक स्पेशल फोर्स का गठन किया गया है। यह फोर्स सीधे गिरफ्तारी और घर की तलाशी ली सकेगी। इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जा रहा है। इस बल को कार्रवाई करने के लिए अदालत की अनुमति की आवश्यकता नही होगी। जबकि इस बल की शिकायत के बाद सुनवाई के लिए अदालत को सरकारी अनुमति की आवश्यकता होगी। इसका नाम उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स रखा गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य गृह सचिव अवनीश अवस्थी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि इसमें 9919 पुलिसकर्मी होंगे। इसकी 8 बटालियन होगी। एक साल में इस पर 1747 करोड़ रुपये खर्च होगा।


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इस विशेष बल को अत्यधिक शक्तियां प्रदान की गई है। जानकारी के अनुसार इस विशेष सुरक्षा बल को औद्योगिक प्रतिष्ठानो में तैनात किया जाएगा। इसके अलावा हवाई अड्डो,मेट्रो स्टेशन और सवेंदनशील महत्वपूर्ण जगहों पर तैनात किया जाएगा। इस विशेष बल को बिना वारंट किसी की गिरफ्तारी करने और उसके घर की तलाशी लेने का अधिकार होगा। इस बल को लेकर उत्तर प्रदेश में अत्यधिक चर्चा हो रही है।

बताया जा रहा है कि इस विशेष दल का जवान 24 घण्टे उपलब्ध रहेंगे। इन्हें हर समय ऑन ड्यूटी माना जायेगा। इसमे गंभीर बात यह है इस बल के द्वारा किसी भी कृत्य के लिए उसके ख़िलाफ़ बिना सरकार की अनुमति के अदालत कोई संज्ञान नही ले पाएगी। मतलब यह है इस बल को अपने विरुद्ध की जाने वाली कार्रवाई का कोई डर नही होगा, और कोर्ट भी बिना सरकार की मंजूरी के उसके ख़िलाफ़ मामला संज्ञान तक मे नही ले पाएगा। विपक्ष इसे लोकतंत्र के विरुद्ध लाया गया बल बता रहे हैं।

इस फोर्स के गठन की पहली नींव 26 जून को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए हुई थी। अब इसका अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी कह रहे हैं। विशेष सुरक्षा बल का आदेश जारी हो गया है। सरकार इस मामले में काफी तेजी दिखा रही है और डीजीपी एचसी अवस्थी को तीन दिन के अंदर कार्ययोजना मुहैया कराने,इस बल के संचालन के लिए तीन महीने के अंदर प्रथम चरण को शुरू करने के सुझाव दिए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर हाल फिलहाल काफी सवाल उठ रहे हैं। कानून व्यवस्था बदहाल है। पुलिस को काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। विपक्ष इस मुद्दे पर काफी आक्रामक है। हत्या ,बलात्कार जैसी घटनाओं ने उत्तर प्रदेश को दहला दिया है। महोबा में एक व्यापारी की हत्या में उस जिले के पूर्व एसपी तक को नामज़द किया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस लगातार सवालों के घेरे में है। राज्य गृह मंत्रालय स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों में है। अब ऐसे समय नई फोर्स का गठन उत्तर प्रदेश पुलिस की नाकामी मानी जा रही है। इस नए गठन के लिए अलग से नियमावली बनाई जा रही है। इस बल में भर्ती उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती तथा प्रोन्नति बोर्ड द्वारा की जाएगी। इसे कार्मिक विभाग के सामान्य नियमावली के तहत किया जाएगा।

सरकार के आलोचकों का मानना है कि इससे विशेष बल की शक्तियों के दुरुपयोग की आशंका हो सकती है। इस बल का नाम (UPSSF) होगा और इसका डायरेक्टर एडीजीपी स्तर का अधिकारी बनाया जा रहा है। वैसे सूत्रों का यह भी मानना है कि सरकार के विशेष प्रभावशाली अफसर अवनीश अवस्थी ही इसके मेंटर होंगे। फ़िलहाल की उनकी सक्रियता को देखते हुए भी यही अनुमान लगाया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस सलाहकार समिति के सदस्य और पूर्व राज्यसभा सांसद हरेंद्र मलिक पूछते हैं कि पहले तो सरकार को यह बताना चाहिए कि क्या उन्होंने मान लिया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस अक्षम है,क्योंकि यदि ऐसा नही है तो अलग फोर्स का गठन क्यों ! हमारा कानून में वो सभी प्रावधान है कि जिसके आधार पर अपराधी की नकेल कसी जा सके ! लेकिन क्या पुलिस को स्वतंत्र होकर काम करने दिया जा रहा है ! मुझे लगता है कि इन स्पेशल फोर्स का गठन विरोधियों को डराने में किया जाएगा और इसके दुरुपयोग की बहुत सारी घटनाएं सामने आएंगी। यह तो पहले से स्थापित फोर्स का अपमान जैसा हैं। उत्तर प्रदेश का गृह मंत्रालय स्वयं मुख्यमंत्री के पास है। कानून व्यवस्था नाकाम हुई है तो उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए। सच यह है कि कानून से ऊंचा फोर्स बनाने का मतलब क्या है ! जाहिर है यह लोकतांत्रिक अधिकार छीनने जैसी बात है।

उत्तर प्रदेश में इससे पहले यूपी पुलिस, पीएसी और आरआरएफ जैसी फोर्स पहले से ही है। इससे पहले भी यूपी पुलिस बेहद संगीन अपराधों में आरोपी को हिरासत में ले सकती है मगर उसे 24 घण्टे के अंदर कारण बताते हुए अदालत में पेश करना होता है। यह संगीन अपराध हत्या, डकैती और बलात्कार जैसे कहे जा सकते हैं। भले ही पुलिस को कागज़ पर बहुत अधिक शक्तिया न हो मगर पुलिस रिकॉर्ड से बाहर बहुत जतन कर जाती है।

समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य आशु मलिक कहते हैं कि यह सरकार तानाशाही की तरफ़ बढ़ रही है। इससे सरकारी मनमानी बढ़ेगी। यह बिल्कुल अंग्रेजो की तरह है जनता का शोषण करके ये उन पर राज करना चाहते हैं। इस तरह की फोर्स का गठन साफ संकेत देता है कि अब हमारा वचन ही हमारा कानून की तर्ज पर काम होगा। इनको लगता है कि यह हमेशा रहेंगे मगर यह नही हो सकता है। इस देश मे लोकतंत्र और संविधान हमेशा कायम रहेगा।

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