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गैंगरेप पीड़िता दलित युवती की मौत के बाद लोगों में गुस्सा ,सड़क पर उतरा विपक्ष ,आरोपियों के समर्थन में थाने पहुंचे लोगों की पिटाई ,धरने पर पीड़िता का परिवार

स्टाफ़ रिपोर्टर । Twocircles.net

हाथरस की गए गेंगरेप पीड़िता दलित युवती की  आज सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में हुई मौत के बाद दलितों का गुस्सा फूट पड़ा है। हाथरस की चंदपा कोतवाली के इस गांव में ग़ुस्साएं लोगो द्वारा कुछ लोगो के साथ मारपीट करने की बात सामने आई है। जिन लोगो के साथ मारपीट की गई है वो एक सप्ताह पहले आरोपियों की सिफारिश में अफसरों से मिलने गए थे। हाथरस के सिर्फ 500 लोगों की आबादी वाले इस गांव में 150 दलित रहते हैं शेष ठाकुर और ब्राह्मण हैं। 14 सितंबर को अपनी मां के साथ चारा लेने गई युवती के साथ यहां गेंगरेप हुआ था। बुरी तरह मारपीट के बाद उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई और जीभ काट ली गई। विपक्ष ने इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश को जंगलराज और महिलाओं के लिए बेहद असुरक्षित प्रदेश बताया है। अलीगढ़ और आगरा के आसपास का यह इलाका दलित बहुल है। इस घटना के बाद से यहां तनाव फैल रहा है। आश्चर्यजनक यह है कि एक सप्ताह पहले तक पुलिस इस घटना को सच मानने के लिए ही राजी नही थी। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के अनुसार सरकार ने आधिकारिक तौर पर इसे फेक न्यूज बताया था। स्थानीय प्रशासन ने घटना को कभी गंभीरता से नही लिया। मुक़दमा लिखने में हीलाहवाली की,गिरफ्तारी में समय लिया और इलाज में ढील बरती गई। सफदरजंग अस्पताल में ही पीड़िता का परिवार धरने पर बैठ गया है। धरने पर परिवार की साथ बैठे भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आज़ाद ने मामला फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट में ले जाने ,एक महीने के अंदर आरोपियों को फांसी कराने , दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने और दो करोड़ रुपये मुआवज़े की मांग की है अन्यथा भारत बंद की चेतावनी दी है।

स्थानीय प्रशासन के अनुसार मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक युवती से गेंगरेप की पुष्टि नही हुई है। युवती का भाई का कहना है कि उसे अब भी संदेह है कि उसकी बहन को न्याय मिल पायेगा। 19 साल की इस लड़की को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराई गई थी। गैंगरेप के बाद उसे बुरी तरह से यातनाएं दी गई थी। उसकी जबान काट ली गई थी। गर्दन मरोड़ दी गई थी इस सबके बाद उसका सिर्फ दिमाग़ काम कर रहा था।

सभी आरोपी गांव के ही दबंग थे, युवती के परिजनों को इस सबके बाद मुक़दमा दर्ज कराने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने पड़े थे। लड़की के बयान के बाद चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस घटना के बाद अलीगढ़ के आसपास काफ़ी तनाव फैलने लगा था। अब हालात और भी अधिक तनावपूर्ण होने की आशंका है। बड़े अधिकारी अब चौकन्ने नजर आ रहे हैं।

हाथरस की गुड़िया के साथ दिल्ली की निर्भया जैसी दरिंदगी की गई थी। 14 सितंबर को सुबह 10 बजे उसी के गांव में बाजरे के खेत मे जबरदस्ती ले जाकर उसके साथ यह जघन्य वारदात हुई । इसलिए इसे निर्भया -2 कहा जा रहा था। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती से लेकर तमाम विपक्षी नेता इस घटना पर काफ़ी मुखर थे। वो सरकार की कड़ी आलोचना कर रहे थे।

घटना के बाद भीम आर्मी के चंद्रशेखर बस में बैठकर गुपचुप तरीके से हाथरस भी पहुंचे थे। युवती की मौत के बाद चन्द्रशेखर ने कहा  है कि ” हाथरस की हमारी बहन जो दरिन्दगी का शिकार हुई थी वो अब इस दुनिया मे नही रही। मैं बार – बार यह मांग करता रहा कि उसे एम्स में भर्ती कराया जाये,लेकिन बीजीपी सरकार ने ऐसा नही किया,हमारी बहन की मौत के जिम्मेदार जितने वो दरिंदे है उतनी ही जिम्मेदार उत्तर प्रदेश सरकार भी है। ” चंद्रशेखर ने चेतावनी देते हुए यह भी ट्वीट किया कि ”हमारी सहनशीलता की परीक्षा न ली जाये। मैं मांग करता हूँ कि उन दरिंदो को तत्काल फांसी पर लटकाया जाए। जब तक उन दरिंदो को फांसी नही होगी न हम चैन से सोएंगे और न सरकार और प्रशासन को सोने देंगे।”

अनुसूचित जाति की इस युवती गंभीर हालत में 14 सितंबर को उसके परिवार के लोग हाथरस की कोतवाली चंदपा लेकर आएं थे। लड़की की मां की तहरीर के आधार पर गांव के ही संदीप सिंह पर जानलेवा हमला का मुक़दमा दर्ज किया गया था। लड़की के बयान के आधार पर बाद में इस मामले में सामूहिक दुष्कर्म की धारा बढ़ाई गई थी। परिजनों का कहना है कि पुलिस पहले आरोपियो के विरुद्ध नरम थी। मामले के राजनीतिक तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने चारों आरोपियों संदीप ,राम सिंह , लव कुश और रवि को पकड़कर जेल भेज दिया था।

युवती की मौत होने के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में प्रदेशभर में मोमबत्तियां जलाकर उसको इंसाफ दिलाएं जाने की मांग की हैं। उत्तर प्रदेश में कई जगह केंडिल मार्च निकाले गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और अखिलेश यादव ने घटना को लेकर सरकार की नाकामी पर सवाल उठाये है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू लखनऊ में सड़क पर ही धरने पर बैठ गए हैं।