स्टाफ़ रिपोर्टर।Twocircles.net
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव सैय्यद वली रहमानी का शनिवार को बीमारी की वजह से निधन हो गया हैं। इस खबर से इस्लामी जगत और उनके चाहने वाले लोगों के बीच एक गम का माहौल पसर गया हैं। वली रहमानी के निधन को लेकर सब शोक व्यक्त कर रहे हैं।
वह करीब एक हफ्ते से अस्वस्थ चल रहे थे। उनका इलाज पटना के पारस अस्पताल में हो रहा था, उन्हें आईसीयू में रखा गया था। उन्हें कुछ दिन पहले कोरोना की वैक्सीन भी लगी थी। हालांकि पहले उनके स्वस्थ होने की खबर आई थी लेकिन शनिवार को दोपहर 2:30 बजे उन्होंने पटना में ही आखरी सांस ली।
सैय्यद वली रहमानी की पैदाइश 5 जून 1943 को हुई थी। वो एक महान इस्लामी विद्वान के रूप में जाने जाते थे। दिल के नेक उन्होंने रहमानी 30 की भी स्थापना की थी। वो 1974 से 1996 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य के रूप में कार्य कर चुके थे।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव होने के साथ साथ वो खानकाह-ए-रहमानी मुंगेर के सज्जादा नशीन और इमारत-ए-शरिया, बिहार ओडिशा और झारखंड के अमीर-ए-शरीयत भी थें।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के ट्विटर हैंडल से ये दुखद समाचार लोगों के बीच साझा किया गया। ट्वीट में लिखा गया, “जनरल मौलाना वली रहमानी साहब रह० का इंतकाल हो गया हैं। यह पूरे मुस्लिम उम्मा के लिए एक अपूरणीय क्षति है। सभी मुसलमानों से प्रार्थना और धैर्य की अपील की। वास्तव में हम अल्लाह के हैं और उसी की ओर हम लौटते हैं”।
मौलाना वली रहमानी के निधन पर मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी, जमीअत उलमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी, दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी, दारुल उलूम वक्फ देवबंद के मोहतमिम मौलाना मोहम्मद सुफियान कासमी, ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल्लाह मुगेसी समेत देश के बड़े उलेमा ने गहरा रोष प्रकट करते हुए मौलाना के निधन को इस्लामिक जगत के लिए बड़ा नुकसान बताया है।