शर्मनाक : हॉकी की खिलाड़ी वंदना कटारिया को जाति सूचक गाली देने का आरोप

जिब्रानउद्दीन।Twocircles.net

टोक्यो ओलंपिक में भारत का अर्जेंटीना से महिला हॉकी का सेमीफाइनल मुकाबला हारने के पश्चात, भारतीय खिलाड़ी वंदना कटारिया के परिवार को जातिवादी गालियों का शिकार होना पड़ा। दोनो टीमों के बीच खेले जाने वाले मैच में जैसे ही भारतीय टीम पराजित हुई कि कुछ असामाजिक तत्वों ने कटारिया के घर के सामने पटाखे फोड़ने और अभद्र टिप्पणियां शुरू कर दी। पुलिस कटारिया परिवार के शिकायत पर कार्यवाही करते हुए अबतक 1 आरोपी को गिरफ्तार कर चुकी है, साथ ही कुछ अज्ञात की तलाश जारी है।


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घटना बुधवार को उत्तराखंड के हरिद्वार शहर से करीब 14 किलोमीटर दूर रोशनाबाद गांव का है। जहां वंदना का परिवार अपने घर में बैठ महिला हॉकी सेमीफाइनल में भारत के पराजित होने का गम मना रहा था कि अचानक उन्हें घर के बाहर से पटाखे की आवाज़ आने लगी। जब परिवार वाले बाहर आए तो ज्ञात हुआ, वहां कुछ लोग उपहास उड़ाने की मकसद से पटाखे फोड़ते हुए हार का ज़िम्मेदार वंदना और बाकी दलित खिलाड़ियों को बता रहे थें। साथ ही कथित तौर पर जातिसूचक गलियां भी दी। उनका कहना था कि टीम में ज़्यादा दलित खिलाड़ियों के होने की वजह से भारत ये मैच हारा है।

वंदना के भाई चंद्रशेखर ने टीओआई को बताया, “हम हार के बाद काफी परेशान थे। फिर भी हमें गर्व था की टीम अच्छा लड़ी। लेकिन मैच के ठीक बाद अचानक से, हमने जोर की आवाज सुनी। हमारे घर के बाहर पटाखे फोड़े जा रहे थें। जब हम बाहर गए तो वहां अपने ही गांव के दो व्यक्तियों को देखा, जो हमारे घर के सामने नाच रहे थें। वो उच्च जाति के हैं, हम उन्हे जानते थें।” चंद्रशेखर के अनुसार वो सिर्फ नाचने और पटाखे फोड़ने तक ही नहीं रुके बल्कि “उन्होंने अपमानजनक टिप्पणी भी की, वंदना और दलित खिलाड़ियों को हार के लिए जिम्मेदार ठहराया। जब हमने विरोध किया तो उन्होंने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और हमारे दलित होने का मजाक भी उड़ाया।”

चंद्रशेखर आगे कहते हैं कि किसी खिलाड़ी और उसके परिवार को अनुसूचित जाति के आधार पर निशाना बनाना पूरी तरह निंदनीय है। “हमें संतोष है कि एसएसपी और संबंधित पुलिस अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई की और आरोपियों की गिरफ्तारी हो रही।” चंद्रशेखर ने कहा, “जहां वंदना की काबिलियत और उपलब्धि पूरा देश गर्वांवित महसूस कर रहा, ऐसे समय में हमारा परिवार एक गहरे सदमे से गुजर रहा है।”

वंदना के भाई चंद्रशेखर कटारिया की शिकायत पर पुलिस ने रोशनाबाद निवासी विजयपाल और नवोदय नगर निवासी सुमित चौहान और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) की संबंधित धाराओं तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया है। दिलचस्प बात यह है कि एक आरोपी खुद हॉकी का खिलाड़ी है जो करीब सात साल पहले कटारिया के साथ प्रैक्टिस किया करता था।

वंदना कटारिया के भाई पंकज कटारिया जानकारी देते हैं कि “वह मेरी बहन के साथ अभ्यास किया करता था और उत्तराखंड टीम के लिए भी हॉकी खेल चुका है। लेकिन उसकी इस हरकत से पता चलता है कि या तो वो पागल है या कोई देशद्रोही, वरना कौन संतुलित दिमाग से भारत की हार का जश्न मनाएगा, चाहे वो खेल ही क्यों न हो? पुलिस के प्रारंभिक जांच के मुताबिक इस घटना के पीछे का कारण ईर्ष्या हो सकती है, हालांकि अभी पूरी जांच होनी बाकी है।

29 वर्षीय वंदना कटारिया ओलंपिक में हैट्रिक गोल दागने बनाने वाली पहली भारतीय महिला हैं। इन्ही गोल्स के कारण भारतीय महिला हॉकी टीम का टोक्यो 2020 ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश सुनिश्चित हुआ था। आपको बता दें कि वंदना कटारिया ने ओलंपिक से कुछ महीने पहले ही अपने पिता को खो दिया था, बावजूद वो महिला हॉकी टीम के साथ बनी रहकर अपना फर्ज निभाती रही। वंदना की एक परिजन ने दोषियों के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई नहीं करने पर आत्महत्या करने की धमकी भी दी थी। फिलहाल एक की गिरफ्तारी हो चुकी है और बाकियों की तलाश जारी है।

TwoCircles.Net से बात करते हुए एक्टिविस्ट अभिषेक गामी ने पूरे घटना को काफी चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा, “आए दिन जाति के आधार पर हुए नफरत और घृणा की खबर सामने आती रहती है। दलितों को नियमित भेदभाव का सामना करना आम हो चुका है, सरकार को इसे दूर करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।” साथ ही उन्होंने जल्द दोषियों को सख्त सजा देने की भी मांग की। गामी आगे कहते हैं, “हम सबको ऐसे कठिन समय में अपने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना चाहिए न कि परेशान।”

मामले ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर भी खासा हंगामा मचा रखा हैं, लोगों ने कटारिया परिवार के साथ किए गए दुर्व्यवहार के खिलाफ अपनी अपनी नाराज़गी व्यक्त की। एक यूजर ने लिखा, “वंदना कटारिया अपने पिता के अंतिम संस्कार में सिर्फ इसलिए शामिल नहीं हो सकीं थीं क्योंकि वह भारतीय हॉकी टीम के साथ थीं। और इसके बावजूद उन्हें क्या सामना करना पड़ रहा है, जातिवादी गालियाँ, निंदा और उनके परिवार पर हमला? वंदना जैसी खिलाड़ी पर हमला करना भारत माँ पर हमला करने के अलावा और कुछ नहीं है। हम सभी को उनसे माफी मांगनी चाहिए।”

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