आकिल हुसैन। Twocircles.net
जंतर मंतर जहरीले नारे लगाए जाने के मामले में कड़ी प्रतिक्रिया आने के बाद पुलिस ने दिल्ली बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय के अलावा विनोद शर्मा, दीपक सिंह, दीपक, विनीत क्रांति, प्रीत सिंह को गिरफ्तार किया है। इन सभी लोगों से पुलिस पूछताछ कर रहीं हैं।
रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर में ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ द्वारा अंग्रेजों द्वारा बनाएं गए कानूनों को निरस्त करने को लेकर प्रदर्शन आयोजित किया गया था। यह प्रदर्शन दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय के नेतृत्व में हुआ था। ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ का कहना है कि प्रदर्शन में अंग्रेजों द्वारा भारतीयों को दबाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले औपनिवेशिक कानूनों का विरोध किया गया था, जो अभी भी मौजूद हैं। और साथ ही इस कार्यक्रम में यूनिफॉर्म सिविल कोड का भी समर्थन किया गया था।
आयोजित प्रदर्शन में कई हज़ार लोग भी शामिल हुए थे। यह कार्यक्रम पुलिस की बगैर इजाज़त के साथ आयोजित हुआ था जिसमें कोविड प्रोटोकॉल को दरकिनार कर मुसलमानों के नरसंहार करने की नारेबाज़ी करी गई। कार्यक्रम के मंच पर अश्विनी उपाध्याय के अलावा FTII के चेयरमैन रहे एक्टर गजेंद्र चौहान भी मौजूद थे।
आयोजित कार्यक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कैसे कुछ लोगों ने मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ नारे लगाए।वीडियो में सुना जा सकता है कि हिंदुस्तान में रहना होगा, राम-राम कहना होगा के नारे लग रहे थे। इसके अलावा, मुल्ले काटे जाएंगे, राम-राम चिल्लाएंगे के नारे भी लगाए गए। वीडियो में भगवा कपड़े पहने और लंबी दाढ़ी में एक शख्स लोगों से नारे लगवाते नज़र आ रहा हैं। इसके अलावा कार्यक्रम की तस्वीरों और वीडियो में लोगों को कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते और मास्क नहीं पहने देखा जा सकता है।
कार्यक्रम की एक अन्य वीडियो के अनुसार नारे लगाने के दौरान ही नेशनल दस्तक चैनल के एक रिपोर्टर अनमोल प्रीतम को कथित तौर पर भीड़ ने घेर लिया और भीड़ ने उन्हें जय श्रीराम का नारा लगाने के लिए मजबूर किया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहें वीडियो में रिपोर्टर अनमोल प्रीतम को भीड़ का विरोध कर यह कहते सुना जा सकता है। अनमोल प्रीतम यह कहते हुए सुनाई दे रहें हैं कि वह जब चाहेंगे केवल तभी जय श्रीराम का नारा लगाएंगे, प्रताड़ित करने से वह नारा नहीं लगाएंगे।
हालांकि मुसलमानो के प्रति लगें भड़काऊ नारों से कार्यक्रम आयोजक अश्विनी उपाध्याय ने खुद को अलग किया हैं और अपना पल्ला झाड़ लिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें वीडियो में नारे लगाने वालों के बारे में कोई जानकारी नहीं है और उन्होंने कहा है कि केवल पांच-छह लोग नारे लगा रहे थे। उन्होंने कहा है कि वो इन नारों की निंदा करते हैं, ऐसे नारे नहीं लगाने चाहिए थे। उन्होंने इस मामले में पुलिस मे शिकायत दी हैं कि वीडियो की सत्यता की जांच कर इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें।
देश की संसद से महज़ कुछ ही दूरी पर हुई मुस्लिम विरोधी नारेबाज़ी पर विभिन्न राजनैतिक दलों के नेताओं दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। हैदराबाद से एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यह मामला संसद में उठाया हैं। उन्होंने लोकसभा मे कहा कि मुस्लिमों के खिलाफ नरसंहार के नारे लगाए गए और इसमें भाग लेने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ऐसे नारे जंतर मंतर पर लगाए गए हैं जहां से प्रधानमंत्री निवास से महज 20 मिनट की दूरी पर है।
अल्पसंख्यक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली में सरकार की नाक के नीचे दंगाई प्रवृत्ति के लोग आपत्तिजनक नारे लगा रहे हैं और वीडियो वायरल होने के बाद दिल्ली पुलिस FIR भी दर्ज कर रही है तो अज्ञात में। इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि जो सरकार क़ानून व्यवस्था नहीं सम्भाल सकती, जिस सरकार की नाक के नीचे दंगाई नारे लगाये जाते हों उसे सत्ता में रहने का कोई हक़ नहीं हैं।
इस मामले में आज़ाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि अमित शाह जी को राजधर्म का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान की आत्मा का कत्ल करते हुए, गृह मंत्रालय से कुछ दूरी पर देशद्रोहियों ने मुसलमानों के नरसंहार के नारे लगाए हैं। उन्होंने सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि क्या यह किसी की मिलीभगत है? ये देशद्रोही दंगे करवाकर भविष्य में कोई राजनीतिक एजेंडा का षड्यंत्र तो नहीं रच रहे?
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय के नेतृव्त्व में दंगाइयों द्वारा राजधानी दिल्ली को फिर से दंगों में झोंकने की साज़िश हो रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली आपसी भाईचारे बिगाड़ने की किसी भी साजिश को सफल नहीं होने देगी।
आम आदमी पार्टी से ओखला विधायक अमानतुल्लाह खां ने ट्वीट करते हुए कहा कि मोदी जी के नए भारत में संसद से कुछ ही दूर पर देश के एक वर्ग को खुलेआम काटने की धमकी दी जा रही है। उन्होंने इस मामले में दिल्ली पुलिस से सख्त कार्रवाई करने की अपील करी हैं।
दिल्ली पुलिस ने पहले तो अज्ञात में एफआईआर दर्ज कर लीपा-पोती करी। लेकिन इस मामले में सोशल मीडिया और राजनैतिक दलों द्वारा दर्ज कराए गए विरोध के चलते मामले को तूल पकड़ता देख, पुलिस ने अश्विनी उपाध्याय, विनोद शर्मा, दीपक सिंह, विनीत क्रांति, प्रीत सिंह और दीपक को सोमवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार हुए सभी लोगों से चाणक्यपुरी थाने में पूछताछ की जा रही है।
इससे पहले आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतउल्लाह ख़ान ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर अश्विनी उपाध्याय को गिरफ्तार करने और उसपर सख्त कार्रवाई करने की भी मांग करी थी। इसके अलावा जमीयत उलेमा-ए-हिंद के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी दिल्ली पुलिस के बड़े अधिकारियों से मिलकर आरोपी अश्विनी उपाध्याय समेत इसमें शामिल अन्य लोगों को गिरफ्तार करने की मांग करी थी। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने भी मुस्लिम विरोधी नारेबाज़ी मामले को संज्ञान में लेते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस देकर कार्रवाई करने की बात कहीं थी। इसके अलावा कई अन्य गैर राजनैतिक संगठनों ने इस घटना का विरोध करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करी थी।
यह कोई पहली बार नहीं है जब देश के एक समुदाय के खिलाफ नारेबाजी करी जा रहीं हो। हाल हीं में दिल्ली के द्वारका में बन रहे हज हाउस के विरोध में हिंदू संगठनों द्वारा करें गए विरोध प्रदर्शन में भी मुसलमानों के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी करी गई थी। इसके अलावा महीने भर पहले हरियाणा में हुई हिंदूवादी संगठनों द्वारा आयोजित महापंचायत में भी मुसलमानों के खिलाफ जमकर ज़हर उगला गया था और नारेबाज़ी करी गई थी।