बेंगलुरु में पुलिस की अमानवीयता,पिटाई के बाद काट दिया गया संक्रमित हुआ हाथ

जिब्रानउद्दीन।Twocircles.net

कर्नाटक के बेंगलुरु में पुलिस की बर्बरता का एक बेहद गंभीर मामला सामने आया है। यहां एक 22 वर्षीय युवक को पुलिस हिरासत में कथित रूप से प्रताड़ित किए जाने की वजह से उसे अपने दाहिने हाथ को गंवाना पड़ गया हैं । स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सलमान नाम के एक युवक को चोरी के आरोप में कई दिनों तक वरथुर पुलिस थाने में अवैध रूप से हिरासत में रखा गया। कथित तौर पर थाने में सलमान के साथ क्रूरता की गई, जिसकी वजह से उसके बांह में संक्रमण हो गया और उसकी जान खतरे में आ गई। इसके बाद इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसकी जान बचाने के लिए उसके हाथ को सर्जरी के जरिए काट दिया।


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पीड़ित सलमान की मां, शबीना के अनुसार, बीते 27 अक्टूबर को सादे कपड़ों में आए पुलिसकर्मियों ने चोरी का आरोप लगाकर सलमान के अपने हिरासत में ले लिया था। वो कहती हैं कि सलमान ने तीन बैटरियों की चोरी के आरोप को कबूल कर लिया था, यहां तक कि सलमान उन लोगों को उन जगहों पर भी ले गया जहां उसने बैटरियों को रखा था।
परिवार वाले आरोप लगाते हैं कि उसके बावजूद सलमान को सारे पुलिसकर्मी अपने साथ थाना ले गए और वहां उन अन्य चोरी के मामलों को भी कबूल करने के लिए कहने लगें जो सलमान ने नहीं किए थे।

अस्पताल में भर्ती सलमान का कहना है कि जब उन्होंने अन्य चोरी के अपराधों को कुबूल करने से इंकार किया तो उन्हे उल्टा बांध कर बुरी तरह पीटा गया। साथ ही सलमान के परिवार वाले पुलिस पर ये भी आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें सलमान से मिलने से रोका गया और उसकी रिहाई के लिए पैसों की भी मांग की गई। परिवारवालों ने मीडिया को बताया की अंततः 31 अक्टूबर को सलमान को रिहा किया गया।

रिहाई के समय से ही सलमान को गंभीर दर्द की शिकायत शुरू हो गई थी जो समय के साथ बढ़ता चला गया और अत्यधिक कष्टदायी हो गया। इसके बाद परिवारवालों ने अस्पताल में संपर्क किया तो वहां सलमान के हाथ में गैंग्रीन फैलने की बात बताई गई जिसके कारण उसका हाथ काटना पड़ा। डॉक्टरों के अनुसार अगर समय रहते हाथ नही काटा जाता तो सलमान की जान को भी खतरा हो सकता था।
गरीब परिवार से आने वाली सलमान की मां का कहना है कि वो इलाज के लिए पहले ही बहुत से रुपये, लगभग 3.5 लाख खर्च कर चुकीं हैं। पुलिस के अनुसार, सलमान के साथ ऐसी घटना बाइक पर स्टंट करने के दौरान गिरने से हुई है। वरथुर पुलिस स्टेशन के निरीक्षक सोमशेखर ने बताया हैं, “उन्होंने (सलमान) खुद को होस्मत अस्पताल में भर्ती कराया, और डॉक्टरों के सामने ‘ख़ुद से गिरने’ को भी स्वीकार किया है, जिसको बताते हुए उनका एक बयान भी दर्ज है। उन्हें कुछ संक्रमण हो गया था जिसकी वजह से उनका हाथ काटना पड़ा। लोग पुलिस अधिकारियों पर झूठे आरोप लगा रहे हैं।”

हालांकि, सलमान ने कहा है कि जैसा पुलिस कह रही है कि वह अपनी बाइक पर स्टंट करते हुए गिरे थे, उन्हें इस बात को स्वीकार करके झुटी गवाही देनी पड़ी।

रिपोर्ट के अनुसार, सलमान के पास कोई बाइक है ही नही। सलमान मीडिया से बात करते हुए कहते हैं, “मैं चार बैटरियों के जुर्म को स्वीकार कर खुद से ही पुलिस वालों को उस जगह पर लेकर गया था जहां मैंने बैटरियां रखी थीं लेकिन पुलिसवाले पास के एक स्कूल से हुई बहुत सारी बैटरियों की चोरी का इल्ज़ाम भी मुझे अपने सर लेने को कह रहे थें”।

सलमान के मुताबिक, हिरासत में रहने के दौरान उन्हें कई बार लाठियों और हॉकी स्टिक से घंटों तक पीटा गया। उसकी कलाई पर अभी भी रस्सी के निशान हैं जहां से उन्होंने उसे बांधा था। सलमान आगे कहते हैं कि उन्होंने उसके दाहिने हाथ को अपने जूतों के नीचे कुचल दिया था, जिससे वह सूज गया। ये मामला इतना गंभीर हो गया था कि वो सलमान को दो बार वरथुर के सिटी अस्पताल ले गए थें। सलमान जानकारी देते हैं कि उन्हें बिना किसी गिरफ्तारी वारंट या प्राथमिकी के हिरासत में 5 दिनों तक रखा गया।

दोनो पक्षों के आरोप प्रत्यारोपों के दौरान पूरे मामले की सत्यता की जांच को लेकर नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, ऑल इंडिया लॉयर्स एसोसिएशन फॉर जस्टिस, द कैंपेन अगेंस्ट हेट स्पीच और आजाद अधिवक्ता द्वारा एक तथ्य-खोज रिपोर्ट जारी किया गया है, जिसमें इस बात का साफ साफ ज़िक्र है कि वरथुर के निवासी सलमान खान को कथित पुलिस बर्बरता के कारण ही अपना हाथ कटवाना पड़ा था।

तथ्य-खोज रिपोर्ट के अनुसार, “अज्ञात पुलिस कर्मियों ने सलमान से मुलाकात की और जबरन एक खाली कागज पर उसके अंगूठे का निशान ले लिया, और परिवार और डॉक्टरों से सभी मेडिकल रिकॉर्ड जब्त कर लिए। यहां तक कि पुलिस ने सलमान के माता – पिता से भी एक कागज पर हस्ताक्षर करवा लिया जिसमें कहा गया था कि सलमान की ऐसी हालत ‘खुद से गिरने’ की वजह से हुई है।

दूसरी तरफ सलमान और उसके परिजनों पर जैसे दुखों का पहाड़ टूट गया है। उसकी मां कहती हैं, “हम उसके हाथ का इलाज करने के लिए कई अस्पतालों में गए। उन लोगों ने हमें होसमत अस्पताल भेजा, जहां डॉक्टरों को संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उनका हाथ काट दिया। मेरे बेटे का अब दाहिना हाथ नहीं है,” मां ने जवान बेटे का हाथ खोने और उसके महंगी सर्जरी से परिवार की आर्थिक स्थिति के बिगड़ने को लेकर काफ़ी चिंता जताई है।

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