स्टाफ रिपोर्टर।twocircles.net
जेएनयू छात्र शरजील इमाम को जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी हिंसा से जुड़े एक मामले में दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी है। दिल्ली की साकेत कोर्ट के मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार ने शरजील को 25,000 रुपये के मुचलके और इतनी ही राशि पर जमानत दी हैं। जेएनयू छात्र शरजील इमाम दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं फिलहाल उनको जेल में ही रहना होगा क्योंकि उनपर तीन मामले अभी भी विचारधीन है।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया में 13-14 दिसंबर 2019 को नागिरकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान हिंसा उत्पन्न हो उठी थी। अप्रैल 2020 में दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के विरुद्ध जामिया नगर थाने में, हिंसा भड़काने और भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की थी। दिल्ली के साकेत कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए शरजील इमाम को ज़मानत प्रदान की हैं। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार ने 25 हज़ार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी है।
शरजील इमाम को ज़मानत देते हुए मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार ने कहा कि अपराध की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए शरजील को ज़मानत दी जाती है। कोर्ट ने फैसला लेते समय इस तथ्य को भी ध्यान में रखा कि जांच के दौरान उसे गिरफ्तार नही किया गया था। इसलिए शरजील के जमानत के आवेदन को स्वीकार किया जाता है। अदालत ने सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी की अनुपस्थिति को देखते हुए, अदालत ने जांच अधिकारी पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया और उन्हें मुख्य आरोप पत्र की प्रति अगली सुनवाई तक उन आरोपियों को उपलब्ध कराने के लिए कहा। शरजील इमाम की तरफ़ से उनके वकील मुस्तफा ने अदालत में पक्ष रखा था।
हाल ही में एक हफ्ते पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी शरजील इमाम को 2019 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के लिए उनके खिलाफ दायर एक अन्य मामले के संबंध में जमानत दी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत देते हुए कहा था कि उनके भाषण ने न तो हिंसा भड़काई और न ही उन्होंने हथियार उठाने का आह्वान किया गया।
शरजील इमाम के विरुद्ध दिल्ली के अलावा अलीगढ़, मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश में भी राजद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। हालांकि इमाम को असम, अरुणाचल, अलीगढ़ में दर्ज मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है। शरजील इमाम दिल्ली हिंसा से जुड़े तीन अन्य मामले में आरोपी हैं जिसके चलते वे अभी तिहाड़ जेल में ही रहेंगे।
दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम को दिल्ली दंगे का मास्टरमाइंड बताया था। दिल्ली दंगे में लगभग 53 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से अधिक लोग घायल हो गए थे। शरजील के विरुद्ध गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत भी मामला दर्ज हैं। बिहार के जहानाबाद के काको गांव के रहने वाले शरजील इमाम को जनवरी 2020 में गिरफ्तार किया गया था। शरजील इमाम ने आईआईटी बॉम्बे से बीटेक और एमटेक किया है, जबकि 2013 में शरजील ने जेएनयू में आधुनिक इतिहास में पीजी की डिग्री पूरी की है। फिलहाल शरजील इमाम जेएनयू से रिसर्च कर रहे हैं।