स्टाफ रिपोर्टर।twocircles.net
दिल्ली से सटे गुड़गांव में खुले में नमाज़ को लेकर चल रहे विवाद की आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने निंदा की हैं। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने हरियाणा सरकार से इस मामले के जल्द समाधान की मांग की हैं। ज्ञात हैं कि गुड़गांव में पिछले कुछ महीनों में कुछ हिंदू संगठनों के सदस्य उन जगहों पर इकट्ठा हो जाते हैं और विरोध करते हैं, जहां मुस्लिम खुले स्थान पर जुमे की नमाज़ अदा करते हैं और भारत माता की जय और जय श्री राम के नारे लगाते हैं।
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि गुड़गांव में मुसलमानों की बड़ी आबादी है और इस व्यावसायिक शहर में मुसलमान बड़ी संख्या में नौकरी करते हैं, सरकार की ओर से मस्जिद निर्माण की अनुमति न मिलने के कारण मुसलमान खुले स्थानों में नमाज़ अदा करने पर मजबूर है।
उन्होंने कहा हैं कि कम संख्या में मस्जिद होने के कारण मुसलमान मजबूरन खुलें स्थानों पर नमाज़ अदा कर रहे हैं और खुलें में नमाज़ अदा करने के दौरान धूप और बारिश जैसी कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि वक़्फ़ की अनेक ज़मीनें सरकार के क़ब्ज़े में हैं, सरकार उन ज़मीनों की वापस नहीं कर रही है, लेकिन सरकार मुसलमानों को जुमे की नमाज़ अदा करने से रोक रही है।
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा हैं कि मुसलमानों को खुलें में नमाज़ अदा करने से रोकना अत्यन्त अफ़सोसजनक और अस्वीकार्य कृत्य है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सरकार से इस मामले का जल्द समाधान करने की मांग करी हैं साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद् और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई कर कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है।
इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक कार्यक्रम में कहा था कि खुलें में नमाज़ अदा करने की प्रथा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि सभी साथ में बैठकर इस मसले का समाधान निकालेंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि बहुत सी हमारे पास जमीन है, जहां अनुमति दी जाए, या कुछ जमीनें ऐसी हैं जो उनकी होगी या वक्फ बोर्ड के अधीन आने वाली जमीनों पर अतिक्रमण है, उन्हें कैसे उपलब्ध कराया जा सकता है, इस पर चर्चा की जा रही है।